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झुंझुनूं में खांसी-जुकाम का मरीज बढ़े:कई अस्पतालों में कफ सिरप का स्टॉक खत्म, 5 महीने से नहीं आई सप्लाई


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झुंझुनूं में खांसी-जुकाम का मरीज बढ़े:कई अस्पतालों में कफ सिरप का स्टॉक खत्म, 5 महीने से नहीं आई सप्लाई

झुंझुनूं में खांसी-जुकाम का मरीज बढ़े:कई अस्पतालों में कफ सिरप का स्टॉक खत्म, 5 महीने से नहीं आई सप्लाई

झुंझुनूं : मौसम में अचानक आए बदलाव का असर जिलेभर में साफ दिखाई दे रहा है। खांसी-जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जिला अस्पतालों में रोजाना आने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा लोग खांसी की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन समस्या यह है कि अधिकतर अस्पतालों में खांसी के सिरप का स्टॉक या तो खत्म हो चुका है या बेहद सीमित बचा है। नतीजतन डॉक्टरों ने अब अपने पर्चे बदल दिए हैं- जहां पहले कफ सिरप आमतौर पर लिखा जाता था, वहीं अब डॉक्टर मरीजों को टैबलेट देने पर जोर दे रहे हैं। जिले के कई अस्पतालों में खांसी के सिरप की अनुपलब्धता ने हेल्थ व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बढ़ते मरीजों के बीच सीमित सप्लाई से डॉक्टर और मरीज दोनों परेशान हैं।

बीडीके अस्पताल: सिरप खत्म, डॉक्टर लिख रहे टैबलेट

झुंझुनूं के सबसे बड़े बीडीके अस्पताल में खांसी के सिरप की भारी कमी बनी हुई है। यहां रोजाना तीन हजार से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं, जिनमें सैकड़ों सिर्फ खांसी की शिकायत लेकर आते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से मिली सप्लाई में इस बार केवल 1000 कफ सिरप की खेप भेजी गई, जो कुछ ही दिनों में खत्म हो गई। हाल ही में राजस्थान में कफ सिरप से जुड़ी एक घटना के बाद एक ब्रांड पर पाबंदी लगाई गई थी, जिसका सीधा असर सरकारी सप्लाई पर पड़ा है।

जिले में खांसी-जुकाम का मरीज बढ़े
जिले में खांसी-जुकाम का मरीज बढ़े

डॉक्टरों के अनुसार, सीमित स्टॉक को बचाने के लिए सिरप केवल उन मरीजों को दिया जा रहा है जिन्हें वास्तव में जरूरत है। बाकी मरीजों को टैबलेट देकर ही इलाज किया जा रहा है। कई मरीजों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों को सिरप की जरूरत पड़ती है, लेकिन उपलब्ध नहीं होने से दिक्कत आ रही है। दूसरी ओर, डॉक्टरों का कहना है कि अब कई लोग सिरप को लेकर सावधान हो गए हैं और टैबलेट को ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।

यहां सिरप की कोई कमी नहीं

जिले के चिड़ावा उप जिला अस्पताल की स्थिति बाकी जगहों से अलग है। यहां मरीजों की संख्या जरूर बढ़ी है, लेकिन कफ सिरप का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। पीएमओ डॉ. नितेश जांगिड़ ने बताया कि रोजाना करीब चार सौ मरीज आ रहे हैं और जरूरत के हिसाब से बच्चों को एंटी-कोल्ड सिरप व बड़ों को कफ सिरप दी जा रही है। जरूरत पड़ने पर टैबलेट भी उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन सिरप की कमी नहीं है।

डेक्सट्रो सिरप बंद, बाकी उपलब्ध

मंडावा सामुदायिक हेल्थ केंद्र में रोजाना दो सौ मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें से 100 से अधिक खांसी से पीड़ित हैं। यहां डेक्सट्रोमिथॉर्फन सिरप की सप्लाई बंद है, लेकिन अन्य विकल्प मौजूद हैं। डॉ. संजीव कुलहरि ने बताया कि मरीजों को एब्रॉक्सोल, सैल्बुटामॉल और सिट्रीज़ीन युक्त सिरप दी जा रही है। फार्मासिस्ट राजेश पूनिया ने कहा कि वर्तमान में इन दवाओं का पर्याप्त स्टॉक है, इसलिए अस्पताल में किल्लत नहीं है।

कई अस्पतालों में कफ सिरप का स्टॉक खत्म, डॉक्टर लिख रहे टैबलेट
कई अस्पतालों में कफ सिरप का स्टॉक खत्म, डॉक्टर लिख रहे टैबलेट

मरीजों को बाहर से खरीदने की सलाह

बुहाना सीएचसी में स्थिति गंभीर बताई जा रही है। यहां रोजाना करीब पचास मरीज खांसी-बुखार लेकर आते हैं, लेकिन अस्पताल में सिरप उपलब्ध नहीं है। डॉक्टरों ने स्वीकार किया कि अधिक खांसी वाले मरीजों को बाहर से सिरप खरीदने की सलाह दी जा रही है।

पांच महीने से नहीं आई सप्लाई

नवलगढ़ के जिला अस्पताल में ओपीडी रोजाना दो हजार तक पहुंच रही है। इनमें लगभग 300 मरीज खांसी-जुकाम से पीड़ित हैं। लेकिन यहाँ सबसे बड़ी समस्या यह है कि राज्य स्तर से खांसी की सिरप की सप्लाई पिछले पांच महीनों से नहीं आई। पीएमओ डॉ. महेंद्र कुमार सबलानिया ने बताया कि स्थानीय दवा भंडार से ऑप्शनल दवाएं मंगवाकर मरीजों को राहत देने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल एब्रॉक्सोल-टरब्यूटालाइन सॉल्ट वाली दवा मिलने से कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन लगातार बढ़ते मरीजों के सामने यह पर्याप्त नहीं है।

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