डाक विभाग का ‘ढाई आखर स्पर्धा’ अभियान:विभाग की अनूठी पहल: ‘ढाई आखर स्पर्धा’, पत्र लेखन से जोड़ेगी नई पीढ़ी, लेखन कला और संवेदनाओं का होगा विकास
डाक विभाग का ‘ढाई आखर स्पर्धा’ अभियान:विभाग की अनूठी पहल: 'ढाई आखर स्पर्धा', पत्र लेखन से जोड़ेगी नई पीढ़ी, लेखन कला और संवेदनाओं का होगा विकास
झुंझुनूं : डिजिटल युग में मोबाइल और सोशल मीडिया के जरिए जुड़ने करने की बढ़ती प्रवृत्ति के बीच अब डाक विभाग एक बार फिर से लोगों को ‘पत्र लेखन’ की ओर लौटाने की पहल कर रहा है। पत्र लेखन की परंपरा को नई पीढ़ी से जोड़ने और शब्दों में संवेदनाओं को महसूस करने की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डाक विभाग ने देशव्यापी ‘ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता’ की शुरुआत की है। प्रतियोगिता का विषय है — “एक पत्र रोल मॉडल के नाम”।
डाक विभाग के अनुसार, इस प्रतियोगिता के माध्यम से लोगों में खोई हुई चिट्ठी की आत्मीयता को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। पहले के समय में जब भावनाएं शब्दों में उतरकर कागज़ पर सजीव होती थीं, अब वही जुड़ाव आधुनिक डिजिटल संचार में कहीं पीछे छूट गया है। विभाग का उद्देश्य है कि लोग एक बार फिर से अपनी संवेदनाओं को शब्दों में पिरोकर हाथ से लिखें और पत्र के रूप में साझा करें।
दो आयु वर्गों में होगी प्रतियोगिता
इस प्रतियोगिता में देश का कोई भी नागरिक हिस्सा ले सकता है। विभाग ने दो श्रेणियां तय की हैं — पहली श्रेणी में 18 वर्ष तक के विद्यार्थी, जबकि दूसरी श्रेणी में 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक शामिल होंगे। प्रतिभागी पत्र हिंदी, अंग्रेजी या किसी भी स्थानीय भाषा में लिख सकते हैं। हिंदी व स्थानीय भाषा में पत्र अधिकतम 1,000 शब्दों तक और अंग्रेजी में 500 शब्दों तक सीमित होना चाहिए।
हाथ से लिखना अनिवार्य, 8 दिसंबर तक भेजना होगा पत्र
डाक विभाग ने स्पष्ट किया है कि पत्र हाथ से ही लिखा जाना अनिवार्य है। इसे टाइप या प्रिंट करवाना स्वीकार्य नहीं होगा। राजस्थान राज्य के प्रतिभागियों को अपना पत्र मुख्य डाकघर, जयपुर स्थित चीफ पोस्ट मास्टर जनरल, राजस्थान परिमंडल, पिन 302007 के पते पर 8 दिसंबर 2025 तक भेजना होगा। पत्र अंतरदेशी या साधारण लिफाफे में भेजा जा सकता है। पत्र के साथ प्रतिभागी को अपना पूरा नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और स्कूल या कॉलेज का नाम स्पष्ट रूप से लिखना आवश्यक है। पत्र में यह जानकारी न होने पर प्रविष्टि अमान्य मानी जाएगी।
40 लाख रुपए तक के पुरस्कार
प्रतियोगिता के विजेताओं को राष्ट्रीय व परिमंडलीय स्तर पर आकर्षक नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर
प्रथम पुरस्कार: 50,000, द्वितीय पुरस्कार: 25,000, तृतीय पुरस्कार: 10,000
वहीं परिमंडलीय (राज्य) स्तर पर
प्रथम पुरस्कार: 25,000, द्वितीय पुरस्कार: 10,000, तृतीय पुरस्कार: 5,000
इस प्रकार कुल मिलाकर देशभर में 40 लाख 20 हजार रुपए के पुरस्कार बांटे जाएंगे।
विद्यालयों और कॉलेजों में प्रचार
डाकघर अधीक्षक बी.डी. गोरानी ने बताया कि इस पहल से पत्र लेखन की परंपरा को नया जीवन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब लोग मोबाइल मैसेज, ईमेल और सोशल मीडिया पर अधिक निर्भर हो गए हैं, जिससे शब्दों की गहराई और भावनाओं की आत्मीयता कम होती जा रही है। डाक विभाग चाहता है कि विद्यार्थी और युवा वर्ग अपने विचारों को कागज़ पर उतारकर इस प्रतियोगिता में भाग लें।
गोरानी ने बताया कि प्रतियोगिता को व्यापक बनाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को भी इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। विभाग ने सभी उप डाकपालों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रतियोगिता का प्रचार-प्रसार अधिक से अधिक करें, ताकि हर वर्ग के लोग इसमें शामिल हो सकें।
‘ढाई आखर स्पर्धा’ के जरिए विभाग चाहता है कि बच्चे, युवा और आमजन एक बार फिर से पत्र लिखने की खुशी महसूस करें – वह एहसास जब शब्द स्याही में उतरते हैं और कागज़ भावनाओं का दर्पण बन जाता है। प्रतियोगिता के माध्यम से डाक विभाग उम्मीद कर रहा है कि आने वाली पीढ़ी न केवल भाषा और लेखन कला में दक्ष होगी, बल्कि अपनी संवेदनाओं को भी सधे हुए शब्दों में व्यक्त करना सीखेगी।
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