झुंझुनूं-सिंघाना : हनुमान जयंती पर हुई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा:महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा, पुष्प वर्षा कर किया स्वागत, युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील
हनुमान जयंती पर हुई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा:महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा, पुष्प वर्षा कर किया स्वागत, युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील
झुंझुनूं-सिंघाना : सिंघाना पंचायत समिति के हुक्मा की ढाणी में गुरुवार को हनुमान जयंती के अवसर पर बजरंग बली महाराज व शिव परिवार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के आयोजन से पहले ग्रामीण महिलाओं की ओर से गांव में कलश यात्रा भी निकाली गई।
मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का हुआ आयोजन
कार्यक्रम आयोजन समिति के राधेश्याम जांगिड़ ने बताया कि आपसी सहयोग से बजरंग बली महाराज व शिव परिवार का मंदिर बना कर मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। पंडित रामौतार शर्मा, विनोद शर्मा, सुरेश कुमार, महावीर शर्मा, पवन शर्मा के आचार्यवक्त में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग्रामीणों की ओर से हवन पूजन कर मूर्तियों का विधिवत रूप से पंडित रामवतार शर्मा के सानिध्य में ग्रामीणों की ओर से मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन करवाया गया।
युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील
पंडित रामवतार शर्मा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सनातन धर्म को लेकर अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। भगवान ने मनुष्य के कर्मों से ही उसके जीवन की कहानी बनाई गई है। भगवान में आस्था रखने वाले ही भगवान के सच्चे भगत होते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में सनातन धर्म एवं संस्कृति का विशेष महत्व है। युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने के लिए उन्हें प्रेरित करना चाहिए। संस्कृति का ज्ञान उस समय प्राप्त होता है जब व्यक्ति नित्य रूप से पूजा पाठ में ध्यान आकर्षित कर धर्म में आस्था रखता है। इस दौरान उन्होंने नशे से दूर रहकर धर्म के प्रति आस्था बनाए रखने की अपील भी की। सनातन धर्म व संस्कृति को बचाए रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होकर आगे बढ़ना चाहिए तथा अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित कर संस्कृति के प्रति प्रेरित करना चाहिए।
ये रहे मौजूद
इस दौरान महिलाओं ने हुकमा की ढाणी, देवीपुरा, माकड़ो मोड से होते हुए डीजे के साथ कलश यात्रा निकाली। इस मौके पर अशोक कुमार, राधेश्याम जांगिड़, गिरधारी लाल, नंदकिशोर, बाबूलाल, संदीप कुमार, मोहनलाल, कपिल, विनोद कुमार, रवि जांगिड़, सतवीर सिंह, पूरणमल, केदारमल सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।