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स्व. डी.सी. सिंघानिया की विरासत से रोशन हुआ ग्रामीण शिक्षा का आसमान


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स्व. डी.सी. सिंघानिया की विरासत से रोशन हुआ ग्रामीण शिक्षा का आसमान

स्व. डी.सी. सिंघानिया की विरासत से रोशन हुआ ग्रामीण शिक्षा का आसमान

पचेरी कलां : सिंघानिया यूनिवर्सिटी के संस्थापक स्वर्गीय डी.सी. सिंघानिया की जयंती बुधवार को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। आयोजन स्थल पर शिक्षा, सेवा और संस्कारों की समृद्ध परंपरा झलकती नजर आई।

कार्यक्रम में सिंघानिया स्कूल के पूर्व छात्र आईपीएस कोशिंद्र यादव और आईपीएस संजय कुमार का अभिनंदन किया गया। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले तीन दर्जन शिक्षकों को “शिक्षा रत्न सम्मान” से सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि राजस्थान जीएसटी कमिश्नर अनुज गोगिया ने कहा कि “स्व. डी.सी. सिंघानिया ने ग्रामीण भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ज्योति प्रज्वलित की, जिसकी रोशनी आज शेखावाटी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है। यह उनकी जन्मभूमि के प्रति सच्ची निष्ठा और समर्पण का प्रमाण है।”

समारोह की अध्यक्षता आचार्य दीपक कौशिक ने की। इस अवसर पर चेयरमैन रवि सिंघानिया, प्रेसिडेंट मनोज कुमार, सोनेल सिंघानिया, पूर्व सरपंच ओमप्रकाश बोहरा, डॉ. मधुसूदन मालानी, वेद प्रकाश रांगेय, सिंघराज सिंघल, रणजीत सिंह यादव, डॉ. हुकमसिंह सिंह, विक्रम सिंह और राज सिंह यादव सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन वाइस चांसलर डॉ. पवन त्रिपाठी ने किया।

वक्ताओं ने कहा कि सिंघानिया परिवार ने शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण अंचलों की तस्वीर बदली है — यही स्व. डी.सी. सिंघानिया के जीवन का सबसे बड़ा योगदान और समाज के लिए प्रेरणा है।

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