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झूठे शपथ पत्र और गलत जानकारी देने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग


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झूठे शपथ पत्र और गलत जानकारी देने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग

स्वच्छ भारत मिशन स्टेट कोऑर्डिनेटर के.के. गुप्ता ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

जयपुर : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण एवं शहरी) के स्टेट कोऑर्डिनेटर के.के. गुप्ता ने झूठे शपथ पत्र और गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि “स्वच्छ भारत मिशन को गंभीरता से नहीं लेने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।”

गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान केवल सरकारी दस्तावेजों और भाषणों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे धरातल पर उतारने की सख्त जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अधिकारी और कर्मचारी झूठी रिपोर्टें बनाकर और गलत जानकारी देकर मिशन की भावना को कमजोर कर रहे हैं।

स्वच्छ और सुंदर भारत बनेगा तभी विश्व गुरु कहलाएगा

अपने पत्र में गुप्ता ने लिखा कि “सरकार स्वच्छता के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन कई शहर और गांव अब भी गंदगी के अड्डे बने हुए हैं।” उन्होंने कहा कि सड़कों पर फैली प्लास्टिक और कचरे से न केवल पर्यावरण दूषित हो रहा है, बल्कि मवेशी भी इनसे बीमार होकर मर रहे हैं।

गुप्ता ने सुझाव दिया कि स्वच्छता को ‘आयुष्मान भारत योजना’ से जोड़ा जाए, ताकि गंदगी से होने वाली बीमारियों पर हो रहे खर्च का सही आंकलन सामने आ सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि “जब डूंगरपुर शहर स्वच्छता में देश में अव्वल आ सकता है, तो बाकी शहर क्यों नहीं?”

कागजों और भाषणों तक सीमित स्वच्छता, धरातल पर हालात गंभीर

गुप्ता ने कहा कि वास्तविकता में शहरी और ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक शौचालयों की हालत दयनीय है। बगीचों की देखरेख नहीं हो रही, सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है और कचरा यार्डों की स्थिति “विस्फोटक” बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कचरा जलाकर खत्म करने की प्रवृत्ति से गंभीर प्रदूषण फैल रहा है, जिससे लोग जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

“झूठे आंकड़ों से सरकार और जनता दोनों को धोखा”

स्टेट कोऑर्डिनेटर गुप्ता ने पत्र में कहा कि कई अधिकारी झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर सरकार को गुमराह कर रहे हैं और कुछ मामलों में न्यायालय में भी गलत शपथ पत्र दाखिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि “ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों का पर्दाफाश कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि स्वच्छ भारत मिशन की विश्वसनीयता कायम रह सके।”

पृष्ठभूमि

के.के. गुप्ता ने इससे पूर्व भी प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्राचार के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन के वास्तविक क्रियान्वयन की मांग की थी। वे डूंगरपुर, बांसवाड़ा, झुंझुनूं, मंडावा और नवलगढ़ जैसे नगर निकायों में अपनी कार्यशैली के दम पर स्वच्छता सर्वेक्षण में उल्लेखनीय प्रदर्शन करवा चुके हैं।

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