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स्टेट लेवल कराटे प्रतियोगिता में फिक्सिंग और हेरा-फेरी!:खिलाड़ी बोले- झुंझुनूं को विजेता बनाने के लिए दूसरों को जानबूझकर हरा रहे


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स्टेट लेवल कराटे प्रतियोगिता में फिक्सिंग और हेरा-फेरी!:खिलाड़ी बोले- झुंझुनूं को विजेता बनाने के लिए दूसरों को जानबूझकर हरा रहे

स्टेट लेवल कराटे प्रतियोगिता में फिक्सिंग और हेरा-फेरी!:खिलाड़ी बोले- झुंझुनूं को विजेता बनाने के लिए दूसरों को जानबूझकर हरा रहे

झुंझुनूं : झुंझुनूं में राज्य स्तरीय 69वीं अंडर-17 कराटे प्रतियोगिता विवादों में आ गई है। खिलाड़ियों और कोच ने निर्णायक मंडल, आयोजन समिति और जिला शिक्षा अधिकारी पर फिक्सिंग, पॉइंट टेबल में हेराफेरी का आरोप लगाया है। साथ ही दावा किया है कि प्रतियोगिता में झुंझुनूं के खिलाड़ियों को जानबूझकर विजेता बनाया जा रहा है। दरअसल, शिक्षा विभाग की ओर से बगड़ के मठ ट्री हाउस सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जिसकी शुरुआत 30 सितंबर से हुई थी। इसमें प्रदेश के 33 जिलों की कुल 73 टीमें शामिल हुईं। इनमें बालक वर्ग की 38 और बालिका वर्ग की 35 टीमें हैं। 4 दिन की इस प्रतियोगिता में कुल 491 मुकाबले खेले जाने थे, जिनमें बालक वर्ग के 278 और बालिका वर्ग के 213 मैच संपन्न हो चुके हैं।

जयशिखा का मैच विवादों में, पॉइंट टेबल से छेड़छाड़ का आरोप

अंडर-17 बालिका वर्ग (60 किलो) के थर्ड राउंड में विवाद हुआ। दौसा की खिलाड़ी जयशिखा शर्मा और झुंझुनूं की वर्षा के बीच हुए मुकाबले में जयशिखा ने किक पॉइंट्स के आधार पर बढ़त बनाई थी, लेकिन जब परिणाम घोषित हुआ तो विजेता वर्षा को बताया गया। जयशिखा ने तुरंत विरोध जताया और कहा कि निर्णायक मंडल ने पॉइंट टेबल से छेड़छाड़ की है।

उसने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और राज्य स्तर की प्रतिवाद समिति को लिखित शिकायत दी, मगर खिलाड़ियों के अनुसार- बिना किसी जांच के शिकायत को निरस्त कर दिया गया। जयशिखा मैट पर बैठकर रोने लगी और अन्य खिलाड़ियों ने भी विरोध में नारेबाजी की।

प्रतियोगिता के दौरान लोगों ने चीटर चीटर के नारे भी लगाए।
प्रतियोगिता के दौरान लोगों ने चीटर चीटर के नारे भी लगाए।

मैच के दौरान धक्का-मुक्की, महिला कोच से अभद्र व्यवहार

विवाद केवल गलत निर्णय तक सीमित नहीं रहा। एक वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि मैच के दौरान जब एक कोच ने गलत निर्णय का विरोध किया तो आयोजक पक्ष से जुड़े कुछ लोग और वॉलेंटियर, खिलाड़ियों से धक्का-मुक्की करने लगे।

वीडियो में एक खिलाड़ी के कपड़े फटते नजर आते हैं। मौके पर मौजूद अन्य खिलाड़ियों ने ‘चीटर-चीटर’ के नारे लगाए।

ऑडियो में फिक्सिंग और सेटिंग की बात

मामले से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप भी सामने आया है। ऑडियो में कथित रूप से झुंझुनूं के अधिकारी और अन्य खेल अधिकारियों के बीच मेडल तय करने और ‘सेटिंग’ करने की बातें सुनाई दे रही हैं।

ऑडियो में एक व्यक्ति कहता है – डीईओ साहब ने खुद कहा है कि इन-इन खिलाड़ियों को मेडल देने हैं। झुंझुनूं को चैंपियनशिप चाहिए। अजमेर और भरतपुर के छह-छह मेडल पहले ही तय हैं।

जवाब में दूसरा व्यक्ति कहता है – राकेश सैनी और पारितोष के बीच नहीं बन रही। पारितोष अपने भांजे को गोल्ड दिलवाना चाहता है, इसलिए फाइनल फिक्स था। बांसवाड़ा और चित्तौड़ के मैच में 08 का अंतर जानबूझकर रखा गया, ताकि तय खिलाड़ी ही जीते।

ऑडियो में आगे यह भी कहा गया है- ‘झुंझुनूं के छह बच्चों को डीईओ ने खुद चुना है, जिनको मेडल दिलाने हैं।’

खिलाड़ियों ने लगाया फिक्सिंग और पक्षपात का आरोप

भीलवाड़ा, सिरोही, दौसा और कोटा टीमों ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि यह प्रतियोगिता निष्पक्ष नहीं रही। खिलाड़ियों का कहना है कि निर्णायक मंडल के कई सदस्य झुंझुनूं से हैं, जिन्होंने अपने जिले के खिलाड़ियों को बढ़त दिलाने के लिए निर्णयों को प्रभावित किया।

उन्होंने मांग की कि झुंझुनूं में हुई पूरी प्रतियोगिता की जांच राज्य खेल परिषद या शिक्षा निदेशालय जयपुर द्वारा कराई जाए।

आयोजक बोले- 485 मुकाबले निष्पक्षता से कराए गए

आयोजन प्रभारी ने सभी आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि 1400 खिलाड़ियों और 200 कोचों की मौजूदगी में अब तक 485 फाइट्स पूरी निष्पक्षता से कराई गईं।

आयोजन प्रभारी ने कहा-

सिर्फ छह प्रोटेस्ट आए थे, जिन्हें नियमों के तहत निपटाया गया। किसी से पक्षपात नहीं हुआ। हमारा सिस्टम चाक-चौबंद है।

डीईओ बोले- मेरे सामने कोई मारपीट नहीं हुई

झुंझुनूं जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मील ने मारपीट, फिक्सिंग और पॉइंट टेबल में हेराफेरी के आरोपों से इनकार किया है।

उन्होंने कहा- मेरे सामने कोई मारपीट नहीं हुई। प्रतियोगिता पूरी निष्पक्षता से कराई जा रही है। सामने आए वीडियो और ऑडियो की सच्चाई की मुझे जानकारी नहीं है। अगर किसी के पास सबूत हैं तो वे लिखित शिकायत दें, जांच कराई जाएगी।

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