शादीशुदा महिलाएं उठा रही विधवा पेंशन:पिता की मौत, बेटा खाते से विड्रा करता रहा पेंशन; अब रिकवरी की तैयारी में सरकार
शादीशुदा महिलाएं उठा रही विधवा पेंशन:पिता की मौत, बेटा खाते से विड्रा करता रहा पेंशन; अब रिकवरी की तैयारी में सरकार

झुंझुनूं : दूसरी शादी कर चुकी 11 हजार 232 महिलाएं विधवा (एकल नारी) पेंशन उठा रही थीं। वहीं, 9 हजार से ज्यादा मृत लोगों के खातों से पेंशन निकाली जा रही थी। झुंझुनूं जिले में ऐसे करीब 50 हजार से ज्यादा अपात्र लाभार्थी सामने आए हैं, जिनके खातों में करीब 17 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए। अब सामाजिक सुरक्षा विभाग ने अपात्रों को रिकवरी के नोटिस जारी किए हैं। हमारे रिपोर्टर ने इस फर्जीवाड़े की पड़ताल की। इस स्टोरी में पढ़िए कैसे- करोड़ों रुपए अपात्र पेंशनधारी उठा रहे थे?
सबसे पहले पढ़िए केस, जिन्होंने फर्जीवाड़े से ये पेंशन उठाई
केस: 1
झुंझुनूं जिले के खेतड़ी क्षेत्र में एक बुजुर्ग के बैंक खाते में हर महीने पेंशन जमा होती रही। बेटा सरकारी मदद मान इसे विड्रॉ करता रहा। जब विभाग ने इसका वेरिफिकेशन किया तो पता चला कि बुजुर्ग की 4 साल पहले मौत हो चुकी थी। अब विभाग ने 1 लाख से ज्यादा का रिकवरी नोटिस जारी किया है।
केस: 2
उदयपुरवाटी में एक महिला की मौत के बाद भी परिवार वाले हर महीने पेंशन उठाते रहे। विभाग ने इसका वेरिफिकेशन करवाया। टीम जब गांव पहुंची तो पड़ोसियों ने बताया कि उनकी 3 साल पहले ही मौत हो गई थी। विभाग ने अकाउंट ब्लॉक करवा 80 हजार से ज्यादा का रिकवरी नोटिस जारी किया है।
केस:3
झुंझुनूं शहर में एक महिला का केस काफी चर्चा में रहा। पति की मौत के बाद उसने एकल नारी पेंशन शुरू करवाई। करीब डेढ़ साल बाद उसने दूसरी शादी कर ली। इसकी सूचना विभाग को नहीं दी। महिला शादीशुदा होने के बावजूद विधवा पेंशन उठाती रही। जब डिपार्टमेंट ने जनाधार और विभाग का रिकॉर्ड मैच करवाया तो दोनों में पति का नाम अलग-अलग मिला। टीम भौतिक सत्यापन के लिए घर पहुंची तो दूसरी शादी का खुलासा हुआ। वह पांच साल से पेंशन उठा रही थी।
केस: 4
सूरजगढ़ में एक वृद्धा की 4 साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद भी उसके परिवार ने विभाग को सूचना नहीं दी। परिजन बैंक खाते से नियमित रूप से पेंशन उठाते रहे। जांच के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद विभाग ने 50 हजार का रिकवरी नोटिस जारी किया है।
9000 से ज्यादा की मौत, उनके नाम से उठा रहे थे पेंशन
पेंशन योजना में सबसे गंभीर और चौंकाने वाले मामले मृत व्यक्तियों की पेंशन से जुड़े हैं। कई परिवारों ने अपने बुजुर्ग या महिला सदस्य की मृत्यु होने के बाद भी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को सूचना नहीं दी। वे इसे सरकार से मिल रही मदद मानते रहे। खातों में जमा होने वाले रुपए हर महीने निकलवाते रहे।
झुंझुनूं जिले में करीब 33 हजार 565 बुजुर्ग थे, जिनकी पेंशन संदिग्ध होने के चलते रोकी गई थी। इनमें से वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले 9 हजार लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी थी। सत्यापन नहीं होने के बाद बैंक खाते में जमा राशि का डीडी बना विभाग को लौटा रहा है।
पुनर्विवाह कर चुकी 11 हजार से ज्यादा महिलाओं ने उठाई ‘एकल नारी’ पेंशन
एकल नारी पेंशन योजना विधवा, परित्यक्ता या अकेली महिलाओं को मिलती है। लेकिन जांच में सामने आया कि करीब 11 हजार 232 महिलाएं दोबारा शादी के बाद भी पहले पति की मृत्यु के बाद विधवा कोटे की पेंशन उठा रही थी।
अधिकारियों ने बताया- मौत के बाद या दूसरी शादी के बाद विभाग को जानकारी देनी होती है। लेकिन, अधिकांश ने ऐसा किया ही नहीं।
कुछ ऐसे भी केस: सरकारी सेवा वाले भी उठा रहे पेंशन
- जनाधार में उम्र कम होने और दस्तावेज में ज्यादा होने की वजह 6 हजार लाभार्थियों के पेंशन निरस्त की गई है। इसमें गलत दस्तावेज से अधिक उम्र बताकर पेंशन उठाने वालों से वसूली हो रही है।
- सरकारी सेवा में परिवार के सदस्य होने का पता लगने पर करीब 2 हजार लाभार्थियों की पेंशन निरस्त हुई है।
- परिवार की आय एक लाख रुपए से ज्यादा होने को लेकर 4500 लाभार्थियों की पेंशन निरस्त की गई है। जिले में जिन 50 हजार पेंशनधारकों के पीपीओ निरस्त किए हैं। उनमें 41695 ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हैं। इन लाभार्थियों में एकल नारी पेंशन योजना के 9294, विशेष योग्यजन के 2539, वृद्धजन पेंशन योजना के 27410 और कृषक पेंशन के 2452 लाभार्थी हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, झुंझुनूं के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया ने बताया- मृतकों और दोबारा शादी कर चुकी महिलाओं के पेंशन उठाने के मामले सामने आए हैं। इन सभी को रिकवरी नोटिस जारी किए हैं। हर महीने 3-4 लाख रुपए की रिकवरी कर रहे हैं।
17 करोड़ की पेंशन फर्जी तरीके से उठाई, 1 करोड़ से ज्यादा की वसूली
सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग 2 साल से प्रदेश में पेंशनभोगियों की स्क्रूटनी कर रहा है। इस दौरान कुछ संदिग्ध लाभार्थी के बारे में जानकारी मिली। दो साल बाद भी जब ये लाभार्थी वेरिफिकेशन करवाने नहीं आए तो इनका भौतिक सत्यापन किया गया। विधवा और एकल नारी पेंशन उठाने वाली महिलाओं के जन-आधार कार्ड और विभाग में जमा डॉक्यूमेंट खंगाले गए। पति के नाम अलग होने और फिजिकल वेरिफिकेशन में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
इसके बाद सामाजिक सुरक्षा पेंशन के संदिग्ध लाभार्थियों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया। ब्लॉकवार इन सभी की स्क्रूटनी की गई। अकेले झुंझुनूं जिले में 50 हजार से ज्यादा लाभार्थी फर्जी तरीके से पेंशन उठा रहे थे। इन सभी से करीब 17 करोड़ रुपए की वसूली के नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से 4 हजार 304 लोगों से अब तक 1 करोड़ 11 लाख रुपए की वसूली की जा चुकी है। हालांकि अभी भी 10 हजार से ज्यादा लोगों से 16 करोड़ की रिकवरी होना बाकी है।
ग्रामीण इलाकों में मृत व्यक्तियों के नाम पर पेंशन उठा रहे
फर्जीवाड़े की तस्वीर ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में गंभीर है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में गड़बड़ी अधिक सामने आई है।
ग्रामीण क्षेत्र: यहां मुख्य रूप से मृत व्यक्तियों के नाम पर पेंशन उठाने के मामले सामने आए। ग्रामीण स्तर पर दस्तावेजी जांच में लापरवाही और मृत्यु पंजीकरण की अनदेखी इसका बड़ा कारण बनी।
शहरी क्षेत्र: शहरी इलाकों में मुख्य रूप से पुनर्विवाह कर चुकी महिलाओं और गलत जानकारी देने वाले लाभार्थियों के मामले सामने आए हैं। अकेले झुंझुनूं शहर में ही सबसे ज्यादा 1,575 पेंशन आदेश निरस्त हुए हैं।