सांख्यिकी विभाग की कार्यशाला में कलेक्टर सख्त
7 दिन में जारी हों जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, देरी पर 250 रुपये जुर्माना

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग झुंझुनूं की ओर से बुधवार को सूचना केंद्र सभागार में सिविल रजिस्ट्रेशन प्रणाली पर कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग ने निर्देश दिए कि जन्म-मृत्यु का पंजीकरण 7 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाए।
कलेक्टर ने बताया कि जन्म-मृत्यु अधिनियम 1969 में संशोधन के बाद अक्टूबर 2023 से नया नियम लागू है। अब 7 दिन के भीतर प्रमाण पत्र जारी नहीं करने पर संबंधित रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार पर 250 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने सीएमएचओ को निर्देशित किया कि पहचान पोर्टल और पीसीटीएस पोर्टल में अंतर समाप्त करें, साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पंजीयन कार्य की गुणवत्ता सुधारकर शत-प्रतिशत पंजीयन का लक्ष्य हासिल करें।
कलेक्टर ने यह भी कहा कि चिकित्सालय में जन्म के समय ही माता को डिस्चार्ज करते वक्त जन्म प्रमाण पत्र सौंपा जाए, ताकि बाद में किसी को परेशानी न हो। गौरतलब है कि जन्म प्रमाण पत्र बिना नाम के भी जारी किया जा सकता है।
जिला रजिस्ट्रार एवं उप निदेशक पूनम कटेवा ने बताया कि यदि कोई संस्था जानकारी नहीं देती है तो उस पर 1000 रुपये का जुर्माना लगेगा। वहीं, तय समय सीमा में प्रमाण पत्र जारी नहीं होने पर आमजन जिला रजिस्ट्रार और मुख्य रजिस्ट्रार से अपील कर सकते हैं।
कार्यशाला में सांख्यिकी निरीक्षक शीला कुमारी ने जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीयन से जुड़ी समस्याओं एवं उनके समाधान पर जानकारी दी।
इस अवसर पर सीएमएचओ, ब्लॉक नोडल अधिकारी, नगर परिषद, नगरपालिका प्रतिनिधि, निजी चिकित्सालय और अनाथालयों से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
राज्य सरकार ने जन्म-मृत्यु पंजीयन सेवाओं को राजस्थान लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 में शामिल किया है, जिसके कारण इसकी नियमित समीक्षा मुख्य सचिव द्वारा की जाती है।