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स्कूल-गौशाला उत्थान हेतु आजीवन 1 माह की पेंशन देंगे बांगड़वा, प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनरों से अपील 1 दिन का वेतन भेंट करें


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स्कूल-गौशाला उत्थान हेतु आजीवन 1 माह की पेंशन देंगे बांगड़वा, प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनरों से अपील 1 दिन का वेतन भेंट करें

स्कूल-गौशाला उत्थान हेतु आजीवन 1 माह की पेंशन देंगे बांगड़वा, प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनरों से अपील 1 दिन का वेतन भेंट करें

उदयपुरवाटी : जिले की उदयपुरवाटी पंचायत समिति के गुढ़ा गौड़जी का तहसील के गांव गढ़ला कलां निवासी सीमा सुरक्षा बल से वर्ष 2007 में हवलदार पद से सेवानिवृत महेश कुमार बांगड़वा पुत्र मालाराम बांगड़वा ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 पर एक बड़ा संकल्प लिया। उन्होंने घोषणा की है कि वे अपनी आजीवन एक माह की पेंशन हर वर्ष गांव के सरकारी स्कूल और गौशाला के उत्थान हेतु देंगे।स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बांगड़वा को सम्मानित भी किया गया।

बांगड़वा की वर्तमान पेंशन 22,636 रुपये प्रतिमाह है, जिसे वे प्रतिवर्ष सरकारी स्कूल के विकास और गौशाला संचालन में अर्पित करेंगे। इससे पहले भी उन्होंने पिछले वर्ष 51,000 रुपये कक्षा-कक्ष की मरम्मत हेतु गांव के वीर चक्र सिपाही हनुमाना राम राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को भेंट किए थे। प्रतिवर्ष पेंशन का सहयोग गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा गौशाला को मिलेगा।

राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों से अपील

बांगड़वा ने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारी व पेंशनरों से भी आह्वान किया है कि वह भी अपने एक दिन का वेतन/पेंशन अपने-अपने गांव की गौशालाओं और सरकारी स्कूलों को दें। जिससे सरकारी स्कूलों की दशा सुधरने के साथ नामांकन में बढ़ोतरी हो।

गायों को भूखा रहने से बचाया जा सके

उन्होंने कहा कि हम 365 दिन मेहनत करते हैं। यदि हम एक दिन का वेतन समाजहित में दें तो हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन समाज को इसका दीर्घकालीन लाभ मिलेगा। गाय को माता मानते हैं । उनके उत्थान के लिए राज्य के कर्मचारियों / पेंशनरों का एक दिन का वेतन ही भव्य स्कूलों और स्वस्थ गौशालाओं का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। वेतनधारियों के सहयोग से शिक्षार्थियों को सुरक्षित भवन मिलेगा वहीं गौमाता को भूखा नहीं रहना पड़ेगा।

समाजहित में प्रेरणादायी पहल

महेश बांगड़वा का यह संकल्प न केवल उनके गांव गढ़ला कलां बल्कि पूरे जिले और प्रदेश के लिए प्रेरणादायी है। यदि हर कर्मचारी और पेंशनर एक दिन के वेतन का योगदान अपने गांव के स्कूल और गौशाला को दे तो उनका कायाकल्प होते देर नहीं लगेगी।

स्कूल और गौशाला को चन्दे की जरूरत नहीं रहेगी

झुंझुनू जिला सैनिकों और शहीदों का जिला है। जिले के प्रत्येक गांव में बहुतायत सैनिक / पूर्व सैनिक साथ ही देशवासियों की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों की वीर गाथाएं प्रायः हर गांव का गौरव बढ़ा रही हैं। स्कूलों की जर्जर हालत और गाय माता भूखी , प्यासी गलियों और सड़कों पर घूमती नजर आती देख पूर्व सैनिक की छोटी सी पहल सहयोग से एक नजीर बन सकती है। वेतनभोगियों द्वारा अपने – अपने गांव की जिम्मेदारी लेने से स्कूलों और गौशालाओं के लिए किसी चन्दे की आवश्यकता नहीं रहेगी।

कक्षा कक्ष बनवाएगा बांगड़वा परिवार

राजकीय विद्यालय की प्रधानाचार्या सुनीता की प्रेरणा से बांगड़वा परिवारके द्वारा विद्यालय परिसर में एक कक्षा कक्ष भी बनवाकर देने की घोषणा की है। स्कूल परिसर में 15×15 साइज का कमरा बनाने में तकरीबन 2.50 लाख रुपये का खर्च होगा , जो बांगड़वा परिवार मिलकर वहन करेगा।

हाइलाइट बॉक्स

नाम : महेश कुमार बांगड़वा

पद : हवलदार (सेवानिवृत) बीएसएफ

गांव : गढ़ला कलां , जिला झुंझुनू

पेंशन : 22,636 रुपये प्रतिमाह ( वर्तमान)

संकल्प : अजीवन 1 माह की पेंशन विद्यालय व गौशाला हेतु

कक्षा कक्ष : अनुमानित निर्माण लागत 2.50 लाख

पूर्व सहयोग : 51,000 रुपये (कक्षा कक्ष मरम्मत हेतु 2024)

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