खनन नियमों के विरोध में माइनिंग एसोसिएशन का प्रदर्शन:नीमकाथाना में 12 दिनों से हड़ताल, एसडीएम को सौंपी 5 सूत्रीय मांगें
खनन नियमों के विरोध में माइनिंग एसोसिएशन का प्रदर्शन:नीमकाथाना में 12 दिनों से हड़ताल, एसडीएम को सौंपी 5 सूत्रीय मांगें

नीमकाथाना : माइनिंग एंड क्रेशर वेलफेयर सेवा समिति ने राज्य सरकार के नए खनन नियमों के विरोध में मंगलवार को आक्रोश रैली निकाली और उपखंड अधिकारी को पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। समिति अध्यक्ष सुंदर मल सैनी ने बताया कि पिछले 12 दिनों से हड़ताल जारी है। इस दौरान माइनिंग और क्रेशर की सभी गतिविधियां पूरी तरह बंद हैं। हजारों ट्रक खड़े हैं और मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
समिति के सचिव शंकर सैनी ने मुख्य मांगों का विवरण देते हुए कहा कि 25 प्रतिशत रॉयल्टी वृद्धि का विरोध किया जा रहा है। साथ ही हरियाणा सरकार द्वारा राजस्थान से आने वाले खनिज पर 80 रुपये प्रति टन अतिरिक्त शुल्क वसूली को भी रोकने की मांग है।

अन्य मांगों में खदानों में एआई द्वारा पंचनामा बनाने की प्रक्रिया पर रोक, ट्रैक्टर रवाना और टीपी पर लगाए जाने वाले जुर्माने को समाप्त करना, अव्यवहारिक ड्रोन सर्वे बंद करना, RMMCR नियमों में संशोधन और ई-रवाना प्रणाली में सुधार शामिल हैं। इसके अलावा पर्यावरण स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाने और SIEAA के मनमाने नियमों पर रोक लगाने की भी मांग की गई है।
समिति ने स्पष्ट किया कि जब तक मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। उनका कहना है कि सरकार द्वारा एक साथ 25% रॉयल्टी दर बढ़ाना सिर्फ राजस्व का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राजस्थान के आम आदमी और गरीब किसान के घर बनाने के सपने से जुड़ा मामला है।
समिति ने सरकार से बढ़ी हुई रॉयल्टी दर कम करने की मांग की है। इस दौरान सुंदरमल सैनी, शंकरलाल सैनी, संजय गोयल, दीपक महाजन, दिनेश अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, ज्ञानीराम डागर, सीताराम यादव, अनिल शर्मा, प्रेम दादा और ऋषभ मेगोतिया मौजूद रहे।