खेतड़ी पंचायत समिति की बैठक में जनसमस्याओं पर छिड़ी खुली बहस, बिजली-पानी और शिक्षा के हालात पर उठे सवाल
जर्जर स्कूलों, सार्वजनिक कुओं की वीसीआर, टूटी सड़कों और अधूरे स्टेडियम जैसे मुद्दों पर जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी
जनमानस शेखावाटी सवंददाता : विजेन्द्र शर्मा
खेतड़ी : पंचायत समिति सभागार में शुक्रवार को आयोजित साधारण सभा की बैठक में क्षेत्र की बुनियादी समस्याएं केंद्र में रहीं। पंचायत समिति प्रधान मनीषा गुर्जर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं को खुलकर उठाया। ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की बदहाल स्थिति पर नाराजगी जताते हुए जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों से जवाब मांगा।
सबसे पहले समिति सदस्य नीरज मान ने बिजली विभाग द्वारा गांवों में संचालित सार्वजनिक कुओं पर वीसीआर भरने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि इन कुओं से ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति होती है, लेकिन बिजली विभाग द्वारा वीसीआर भरने और बिल जमा नहीं होने पर कनेक्शन काटे जा रहे हैं, जिससे गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। इस पर तहसीलदार सुनील कुमार ने बिजली विभाग को तत्काल वीसीआर निरस्त कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इस तरह की व्यवस्थाएं आमजन को प्रभावित करती हैं और इनमें तत्काल सुधार होना चाहिए।बैठक में शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति भी चर्चा का विषय बनी। सदस्य श्रवण दत्त नारनौलिया द्वारा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों की जानकारी पूछे जाने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी राजेश कुमावत ने बताया कि खेतड़ी क्षेत्र में कुल 217 स्कूलें हैं, जिनमें से 80 स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हैं। उन्होंने बताया कि मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं, लेकिन स्वीकृति अब तक लंबित है।इसके अलावा केसीसी टाउनशिप में बने आवासीय क्वार्टरों की खराब हालत पर भी चर्चा हुई। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि इन क्वार्टरों में रहने वाले कर्मचारियों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर तहसीलदार ने आश्वस्त किया कि प्रोजेक्ट प्रबंधन को सूचित किया जा चुका है और जल्द कार्रवाई की उम्मीद है।
नानूवाली बावड़ी के सरपंच रमेश सैनी ने वर्षों से बंद पड़ी हाईमास्क लाइटों को दुरुस्त करवाने की मांग की। तातीजा सरपंच ने क्षेत्र में पहले से स्वीकृत स्टेडियम का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करवाने की आवश्यकता जताई। कई जनप्रतिनिधियों ने टूटी हुई सड़कों, अधूरे विकास कार्यों और पेयजल व्यवस्था की खामियों को लेकर विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए।बैठक के दौरान प्रधान मनीषा गुर्जर ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि क्षेत्र की जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर हो। उन्होंने कहा कि आमजन जब शिकायत लेकर अधिकारियों के पास पहुंचता है, तो उसे अनसुना करना या खानापूर्ति करना सरासर लापरवाही है। उन्होंने चेताया कि अव्यवस्था और जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ये रहे मौजूद
बैठक में नायब तहसीलदार विजयपाल सिंह, सरपंच संदीप सिंह नंगली, सुभाष तातीजा, हरिराम गुर्जर, नीरज मान, गोपीराम गुर्जर, नौरंगलाल, शंकर सिंह बीलवा, दयाराम खारड़िया, जितेंद्र चांवरिया, यस गुर्जर, डॉ. महेंद्र सैनी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।