फॉल्ट ठीक करते करंट से झुलसा लाइनमैन:झटका लगते ही पोल से नीचे गिरा, AEN ऑफिस के बाहर धरने पर बैठकर विरोध-प्रदर्शन
फॉल्ट ठीक करते करंट से झुलसा लाइनमैन:झटका लगते ही पोल से नीचे गिरा, AEN ऑफिस के बाहर धरने पर बैठकर विरोध-प्रदर्शन

फतेहपुर : फतेहपुर क्षेत्र के बिरानिया गांव में बुधवार को बिजली लाइन ठीक करते वक्त करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हुए लाइनमैन कृष्ण कुमार के मामले ने तूल पकड़ लिया है। गुरुवार सुबह करीब 11 बजे से पीड़ित के परिजन और ग्रामीण सहायक अभियंता (AEN) ग्रामीण कार्यालय के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने बिजली विभाग और ठेका कंपनी पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। धरने में शामिल लोगों की मांग है कि एफआरटी टीम को तत्काल बर्खास्त किया जाए, पीड़ित परिवार को समुचित मुआवजा दिया जाए और संबंधित अधिकारियों पर लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया जाए।

सरपंच-पार्षदों ने सुनाई खरी-खरी
पार्षद प्रतिनिधि सुरेंद्र महिचा ने कहा-विद्युत विभाग की अनियमितता और अस्थायी कंपनियों की लापरवाही के कारण ही ये हादसे हो रहे हैं। समय-समय पर इस तरह की दुर्घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। दोषियों पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए और पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। ठेका कंपनी को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए।
धरने में सरपंच कॉमरेड आबिद हुसैन, पार्षद सुरेश चिरानिया, पूर्व जिला परिषद सदस्य रामस्वरूप, अशोक गोदारा, कांग्रेस नेता महावीर मेव, एनएसयूआई प्रदेश महासचिव अंकित चौधरी, नबी मांडला, सरपंच प्रतिनिधि अशोक गोदारा, परसराम गुड्डे सरिया समेत सर्व समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

कैसे हुआ हादसा
बुधवार शाम को कारंगा छोटा निवासी कृष्ण कुमार (28), जो एफ पार्टी (विद्युत विभाग की निजी ठेका कंपनी) में लाइनमैन के रूप में कार्यरत हैं, बिरानिया गांव में 11 हजार वोल्ट की लाइन पर दो फॉल्ट सुधारने पहुंचे थे। एक फॉल्ट को ठीक करने के बाद जब वे दूसरे फॉल्ट पर काम कर रहे थे, तभी अचानक लाइन में करंट आ गया और वे खंभे से नीचे गिर पड़े। स्थानीय लोग उन्हें तुरंत राजकीय धानुका ट्रॉमा सेंटर लाए, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालत में जिला अस्पताल सीकर रेफर किया गया। फिलहाल कृष्ण कुमार जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
परिजन बोले-अगर कार्रवाई नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन
परिजनों और ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित को आर्थिक सहायता नहीं दी गई तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी रह सकता है।