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सीकर में PWD ठेकेदारों का धरना 25वें दिन जारी:14 सूत्री मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन; बोले- आश्वासन देकर मुख्यमंत्री भूल गए


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सीकर में PWD ठेकेदारों का धरना 25वें दिन जारी:14 सूत्री मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन; बोले- आश्वासन देकर मुख्यमंत्री भूल गए

सीकर में PWD ठेकेदारों का धरना 25वें दिन जारी:14 सूत्री मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन; बोले- आश्वासन देकर मुख्यमंत्री भूल गए

सीकर : 14 सूत्री मांगों को लेकर सीकर के डाक बंगले में आज 25 वें दिन भी पीडब्ल्यूडी के ठेकेदारों का धरना जारी रहा। आज ठेकेदारों ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। संघर्ष समिति के रामावतार जाखड़ ने बताया- 14 सूत्री मांगों को लेकर 11 जून 2025 से प्रदेश में सभी ठेकेदारों का कार्य बहिष्कार जारी है। वहीं, सीकर में आज धरना शुरू किए हुए 25 दिन हो चुके हैं। इस कारण सीकर जिले में 650 करोड़ की निविदा नहीं हुई।

450 करोड़ रुपए के सड़क, 180 करोड़ के भवन निर्माण और 70 करोड़ का नवलगढ़ पुलिया फोरलेन निर्माण कार्य बंद पड़ा है। इसके चलते जिले में विकास कार्य भी अवरुद्ध हो रहे हैं। इसके बावजूद भी हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

धरनास्थल पर नारेबाजी करते हुए ठेकेदार।
धरनास्थल पर नारेबाजी करते हुए ठेकेदार।

केवल आश्वासन देकर मुख्यमंत्री भूल गए

हाल ही में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सीकर पहुंचे तो यहां ठेकेदारों द्वारा ज्ञापन भी दिया गया था। तब मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इसको लेकर प्रदेश स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जो इस मामले में निर्णय करेगी। लेकिन केवल आश्वासन देकर मुख्यमंत्री भूल गए हैं। अभी तक कोई भी निर्णय नहीं हुआ है।

14 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा

ऐसे में आज सीकर जिले के ठेकेदारों ने कलेक्टर को 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है। ऐसे में हमारी मांग है कि जल्द से जल्द सुनवाई हो और निर्णय किया जाए। तीन प्रमुख मांगे यह है कि निर्माण कार्यों की डीएलपी 3 साल और विद्युत कार्यों की डीएलपी 2 साल, सभी निविदाएं बिना जीएसटी के की जाए, जीएसटी का भुगतान अलग से हो।

ये लोग रहे मौजूद

साथ ही वित्त विभाग द्वारा समयावधि प्रकरण हेतु नेक्स्ट टू नेक्स्ट अथॉरिटी के बजाय नेक्स्ट अथॉरिटी की जाए। इस दौरान हरलाल थालौड़, टोडरमल शेखावत, रामचंद्र गोरा, भंवर गिठाला, रामावतार शर्मा,इंद्रजीत पारीक, फूलचंद गढ़वाल, पूर्णसिंह छब्बरवाल, मोहनलाल ढाका, लक्ष्मण भामु सहित कई ठेकेदार मौजूद रहे।

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