झुंझुनूं में राशन कार्ड से 1.47 लाख नाम कटे:ई-केवाईसी न कराने वाले सबसे ज़्यादा प्रभावित, 81,000+ लोगों की पात्रता रद्द
झुंझुनूं में राशन कार्ड से 1.47 लाख नाम कटे:ई-केवाईसी न कराने वाले सबसे ज़्यादा प्रभावित, 81,000+ लोगों की पात्रता रद्द
झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले में राशन कार्ड से 1 लाख 47 हजार से ज्यादा लोगों के नाम हटा दिए गए हैं। जिला रसद कार्यालय के अनुसार, कुल 1,47,096 नाम राशन कार्ड से हटाए गए हैं। इनमें बड़ी संख्या उन लोगों की है, जिन्होंने अपनी ई-केवाईसी (eKYC) नहीं करवाई थी। विभाग की ओर से लगातार चेतावनी और नोटिस के बावजूद हजारों लोगों ने सत्यापन नहीं कराया, वहीं हज़ारों लोगों ने स्वेच्छा से अपने नाम हटवा लिए हैं।
जिला रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने बताया कि हटाए गए नामों में से 81,566 लोग ऐसे हैं जिन्होंने पिछले तीन महीनों से ज़्यादा समय तक ई-केवाईसी नहीं करवाई। इनकी राशन पात्रता स्वतः ही समाप्त मान ली गई है। राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभ लेने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर रखी है, ताकि अपात्र लोगों को हटाया जा सके और सही जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
65 हज़ार से अधिक ने स्वेच्छा से हटवाया नाम
डॉ. राठौड़ ने यह भी बताया कि 65,530 लोगों ने स्वेच्छा से अपने नाम राशन कार्ड से हटवाए हैं। इनमें से कुछ लोग अन्य राज्यों में जाकर बस गए हैं या फिर जिनकी आर्थिक स्थिति अब सरकारी अनाज पर निर्भर नहीं रही। परिवार में बदलाव या स्थानांतरण की स्थिति में भी कई बार लोग ख़ुद विभाग में जाकर नाम हटवा लेते हैं, ताकि अपात्रता की स्थिति न बने।
बायोमेट्रिक फैलियर और OTP से ई-केवाईसी की अनुपलब्धता बड़ी समस्या विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या ऐसे लाभार्थियों की भी है जिनकी बायोमेट्रिक पहचान (फिंगर प्रिंट व आइरिस स्कैन) फेल हो रही है। क़रीब 81 हज़ार से ज़्यादा लोग ऐसे हैं जिनकी आँखों की पुतलियाँ (आइरिस) और उंगलियों के निशान (फिंगर प्रिंट) स्कैन नहीं हो पा रहे हैं, जिससे उनका ई-केवाईसी करना मुश्किल हो गया है।
यह समस्या बुजुर्गों और ग्रामीण क्षेत्र के मज़दूर तबके के लोगों में अधिक पाई गई है। अंगुलियों के निशान मिट जाने या आँखों की स्कैनिंग में परेशानी आने के कारण ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है। ई-केवाईसी के लिए फ़िलहाल केवल बायोमेट्रिक सिस्टम ही मान्य है; ओटीपी आधारित विकल्प को राज्य सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है। इस कारण जिनके बायोमेट्रिक्स फेल हो रहे हैं, वे भी खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर हो रहे हैं।
अब नहीं जुड़ रहे हैं राशन कार्ड में नाम, 1 तारीख को ही बंद हुआ पोर्टल
राशन कार्ड में नाम जोड़ने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। विभागीय पोर्टल 1 तारीख को ही बंद कर दिया गया था। अब नए नाम जोड़ने के लिए उपभोक्ताओं की ओर से आ रही शिकायतों को विभाग उच्च स्तर पर भेज रहे है। जिला रसद विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक राज्य स्तर से पोर्टल दोबारा नहीं खोला जाता, तब तक नाम जोड़ने की अनुमति नहीं है।
डीएसओ डॉ. निकिता राठौड़ ने स्पष्ट किया, “जिन लोगों ने जानबूझकर या अनजाने में भी अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, वे पात्रता सूची से बाहर कर दिए गए हैं। विभाग की ओर से उन्हें कई बार सूचित किया गया था। ई-केवाईसी एक अनिवार्य प्रक्रिया है, जिससे सही पात्रता तय होती है। जो लोग अपात्र हैं या स्वेच्छा से योजना से हटना चाहते हैं, उनके लिए नाम हटाने की प्रक्रिया भी विभागीय पोर्टल पर सरल की गई है।”