पदभार ग्रहण करने पहुंची सरपंच को लटका मिला ताला:विरोध-प्रदर्शन के बाद धरने पर बैठी, पंचायत भवन को ताला जड़ने का आरोप
पदभार ग्रहण करने पहुंची सरपंच को लटका मिला ताला:विरोध-प्रदर्शन के बाद धरने पर बैठी, पंचायत भवन को ताला जड़ने का आरोप

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद ग्राम पंचायत पंडेर की सरपंच एवं पूर्व प्रशासक ममता मुकेश जाट मंगलवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकालते हुए पंचायत भवन पहुंची, लेकिन वहां मुख्य द्वार पर ताले लगे होने से उन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिल पाया। मौके पर पुलिस प्रशासन लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में जुटा रहा। समर्थकों की भारी भीड़ और ताले लगे कार्यालय को लेकर पंचायत भवन के बाहर तनावपूर्ण माहौल बन गया, हालांकि किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
सरपंच ने कहा कि राजनीतिक दुर्भावना से पदभार ग्रहण करने से पहले ही वर्तमान प्रशासक और ग्राम विकास अधिकारी पंचायत के ताले लगा के चले गए। जबकि पदभार ग्रहण करने से पहले उच्च न्यायालय के आदेश को जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी को तामील कर के आए थे। वहीं विकास अधिकारी को भी तामील कराया था पर अब कोई भी अधिकारी फोन नहीं उठा रहा है।
जांच रिपोर्ट में लगे थे गंभीर आरोप
दरअसल, ममता मुकेश जाट पर पूर्व में पद का दुरुपयोग, अनियमितता एवं नियमों की अवहेलना जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। जांच में यह प्रमाणित हुआ कि उन्होंने सामुदायिक भवन और चारदीवारी के उद्घाटन में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया। शिलालेख पर नाम नहीं अंकित करवाया, रोड लाइट के कार्य में कम सामग्री लगाकर अधिक भुगतान किया तथा पट्टों की पत्रावलियों में अनियमितताएं बरती। आरोपों के आधार पर सरकार ने 11 फरवरी 2025 को उन्हें प्रशासक पद से हटा दिया था। इससे पहले 24 जनवरी 2025 को जिला कलेक्टर द्वारा प्रशासक नियुक्त की गई।

हाईकोर्ट के आदेश से बदले हालात
हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उक्त आदेश को निरस्त कर दिया और ममता मुकेश जाट को पुनः पदग्रहण की अनुमति दी। आदेश की पालना में वे मंगलवार को पंचायत भवन पदभार ग्रहण करने के लिए गाजे बाजे के साथ अपने समर्थकों को लेकर पहुंचीं, परंतु पंचायत भवन के मुख्य फाटक पर और कार्यालय पर ताले लगे होने के कारण वे अपना कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकीं। जिसके बाद सरपंच अपने समर्थकों के साथ ग्राम पंचायत के बाहर धरने पर बैठ गई।
