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नाले के गंदे पानी को पीने पर मजबूर ग्रामवासी, प्रशासनिक अनदेखी बनी परेशानी की जड़


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नाले के गंदे पानी को पीने पर मजबूर ग्रामवासी, प्रशासनिक अनदेखी बनी परेशानी की जड़

पिलानी क्षेत्र के गांव लीखवा की गंभीर जल समस्या पर जिम्मेदारों की चुप्पी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : निरंजन सैन

पिलानी : गांव लीखवा के वार्ड संख्या 8 में जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत अभियान की हकीकत को धत्ता बताते हुए लोग आज भी नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। मोहल्लेवासियों ने बताया कि सार्वजनिक ट्यूबवेल का वॉल बीते दो माह से खराब हालत में है। पानी रिसाव के कारण आम रास्ते पर लगभग 3 फीट गहरा गड्ढा बन गया है, जिसमें नालियों का गंदा पानी एकत्र हो जाता है। यही दूषित पानी पाइपलाइन के जरिए घरों तक पहुंच रहा है, जिसे ग्रामीण पीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर वॉटर बॉक्स के अधिकारियों, स्थानीय जेईएन व कर्मचारियों को कई बार मौखिक रूप से अवगत करवाया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। लोगों का कहना है कि पानी की गुणवत्ता इतनी खराब है कि उससे बदबू आती है और कई बार पीने से बच्चों व बुजुर्गों को पेट की बीमारियां तक हो रही हैं।

हादसों को न्योता दे रहा गड्ढा

सार्वजनिक ट्यूबवेल के पास बना गहरा गड्ढा न केवल गंदगी का कारण बना हुआ है, बल्कि यह राहगीरों के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार बच्चे और बुजुर्ग इसमें गिरते-गिरते बचे हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। लीखवा गांव के लोगों में इस लापरवाही को लेकर गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं किया गया तो जलदाय विभाग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। यह मामला न केवल जनस्वास्थ्य से जुड़ा है, बल्कि सरकारी तंत्र की निष्क्रियता का प्रतीक भी बन गया है। ऐसे में जल्द समाधान जरूरी है, अन्यथा इसका व्यापक विरोध हो सकता है।

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