सामूहिक-सुसाइड से पहले बेटे का बेटी की तरह श्रृंगार किया:प्रॉपर्टी विवाद में पति-पत्नी ने 2 बच्चों संग की आत्महत्या; लिखा- घर के सामने जलाना
सामूहिक-सुसाइड से पहले बेटे का बेटी की तरह श्रृंगार किया:प्रॉपर्टी विवाद में पति-पत्नी ने 2 बच्चों संग की आत्महत्या; लिखा- घर के सामने जलाना

बाड़मेर : बाड़मेर में पति-पत्नी ने सामूहिक सुसाइड से पहले छोटे बेटे का बेटी की तरह श्रृंगार किया था। मां ने उसे चुनरी ओढ़ाई, काजल लगाया और अपनी सोने की ज्वेलरी पहनाई थी। बच्चा बेहद खुश था तो उसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाला। इसके बाद उसका श्रृंगार उतारा और घर से 20 मीटर दूर बने पानी के टैंक में कूदकर अपने बच्चों (बेटों) के साथ सुसाइड कर लिया। वजह थी, छोटे भाई से प्रॉपर्टी विवाद…
पुलिस को घर से एक सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा है- हमारा अंतिम संस्कार घर के आगे किया जाए, क्योंकि यही विवाद की वजह है। सुसाइड नोट में मौत का जिम्मेदार छोटे भाई को बताया। जमीन के लिए परेशान करने का आरोप लगाया। शिव थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

पढ़िए सामूहिक सुसाइड की इनसाइड स्टोरी…
चारों के शव टांके में पड़े थे सीआई सत्यप्रकाश ने बताया- मंगलवार रात 8 बजे सूचना मिली कि उण्डू गांव में एक ही परिवार के 4 लोगों ने पानी के टैंक (टांके) में कूदकर सुसाइड कर लिया है। इनकी पहचान शिवलाल (35) पुत्र नगाराम निवासी उण्डू, पत्नी कविता (32), बेटे बजरंग (9) और रामदेव (8) के रूप में हुई। मामला बड़ा था तो शिव थाना पुलिस और रामसर डीएसपी मानाराम टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पूछताछ में सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया।
2 पेज के सुसाइड नोट में लिखी वजह
सीआई सत्यप्रकाश ने बताया- शिवलाल के घर की तलाशी लेने पर एक कमरे में 2 पेज का सुसाइड नोट मिला। इसमें शिवलाल ने छोटे भाई मांगीलाल पर आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट में प्रॉपर्टी को लेकर दोनों भाइयों (शिवलाल-मांगीलाल) के बीच विवाद की बात लिखी थी।
शिवलाल ने छोटे भाई मांगीलाल के परिवार को सुसाइड के लिए जिम्मेदार ठहराया है। लिखा है- इनको सजा मिलनी चाहिए। मेरा अंतिम संस्कार मेरे घर के आगे ही किया जाए। शिवलाल के साले ने सुसाइड नोट के आधार पर रिपोर्ट दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

अब पढ़िए विवाद की वजह क्या थी?
सरकारी स्कीम में मां के नाम निकला था मकान सीआई ने बताया- शिवलाल जयपुर में हैंडीक्राफ्ट का काम करता था। वहीं उसका छोटा भाई मांगीलाल बाड़मेर में टेंट हाउस का काम करता है। पिता पूजा-पाठ के काम से जुड़े हैं। सरकारी स्कीम में उण्डू गांव में ही शिवलाल-मांगीलाल की मां कमला के नाम पर पुश्तैनी मकान के सामने ही एक मकान निकला था।
शिवलाल चाहता था- पुश्तैनी मकान छोटे भाई को दे दिया जाए जबकि मां के नाम निकला मकान वह रख लेगा। लेकिन, मां और भाई मांगीलाल ऐसा नहीं चाहते थे। मां छोटे भाई के पक्ष में ज्यादा रहती थी, जबकि पिता नगाराम दोनों भाइयों को बराबर रखते थे। पारिवारिक विवाद के कारण शिवलाल ने पत्नी और बच्चों सहित सुसाइड कर लिया।
3 दिन पहले ही लिख दिया था सुसाइड नोट
पुलिस के अनुसार, शिवलाल ने 3 दिन पहले ही सुसाइड नोट लिख दिया था। सुसाइड नोट पर 29 जून की तारीख लिखी है। इसके बाद 1 जुलाई को दोपहर 12 बजे सोशल मीडिया पर बच्चों को गहने पहना कर बेटियों की तरह तैयार किया और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर डाला। 1 जुलाई को रात 8 बजे पड़ोसियों ने सुसाइड की सूचना दी।
पिता पूजा-पाठ करने गए थे, मां छोटे बेटे के पास थी
पुलिस के अनुसार, मंगलवार को पिता नगाराम पूजा-पाठ के काम से घर से बाहर गए हुए थे। घर पर शिवलाल, बहू कविता और 2 पोते रामदेव और बजरंग थे। दिन में बाड़मेर से शिवलाल के छोटे भाई मांगीलाल ने कई बार फोन किए, लेकिन, किसी ने उठाया नहीं। इस पर मांगीलाल ने पड़ोस में रहने वाले लोगों को फोन कर घर भेजा।
दोपहर करीब 2 से 3 बजे के बीच जब उनके घर पर पड़ोसी गया तो घर पर ताला लगा था। आसपास भी कोई नहीं था। आसपास ढाणियों की आबादी है, लेकिन इनकी ढाणी कुछ दूरी पर एक साइड में है। देर शाम तक कोई नजर नहीं आया तो पड़ोसी फिर से घर की तरफ गए। इस दौरान टांके में नजर पड़ी तो चारों के शव नजर आए।

13 साल पहले हुई थी शादी
कविता के चाचा गोपीलाल ने बताया- शिवलाल और कविता की 13 साल पहले शादी हुई थी। पति-पत्नी के बीच कोई मनमुटाव या विवाद नहीं था। भाई और उसकी पत्नी से प्रताड़ित और परेशान होकर उसने सुसाइड किया है। उसको कोई सहारा नहीं मिला तब उसने यह कदम उठाया है। शिवलाल की मां बाड़मेर शहर में रहने वाले मांगीलाल के पास चली गई थी। तब मां और उसके बीच कोई बोलचाल या लड़ाई झगड़ा हुआ होगा। पुश्तैनी घर में ही मां-बाप भी साथ रहते थे।
जयपुर से 10 दिन पहले ही आया था गांव
चाचा गोपीलाल ने बताया- शिवलाल जयपुर में काम करता था, यहां उसका हैंडीक्राफ्ट का काम था। वहां से 10 दिन पहले ही गांव उण्डू आया था। 1 जुलाई को बच्चों की स्कूल खुलने वाली थी। ऐसे में वह बच्चों के स्कूल का सामान लेने के लिए आया था।