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भामाशाहों और प्रेरकों का सम्मान:जयपुर और झुंझुनूं में हुए समारोह, 117 भामाशाह और 40 प्रेरकों ने पाया सम्मान


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भामाशाहों और प्रेरकों का सम्मान:जयपुर और झुंझुनूं में हुए समारोह, 117 भामाशाह और 40 प्रेरकों ने पाया सम्मान

भामाशाहों और प्रेरकों का सम्मान:जयपुर और झुंझुनूं में हुए समारोह, 117 भामाशाह और 40 प्रेरकों ने पाया सम्मान

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के सरकारी विद्यालयों के विकास में योगदान देने वाले भामाशाहों और प्रेरकों को शनिवार को राज्य और जिला स्तरीय समारोहों में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन व्यक्तियों और शिक्षकों को प्रदान किया गया जिन्होंने आर्थिक और प्रेरणात्मक रूप से स्कूलों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।

झुंझुनूं के इंदिरा नगर सामुदायिक भवन में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में मंच पर मौजूद अतिथि – शिक्षा क्षेत्र में योगदान देने वालों को किया गया सम्मानित।
झुंझुनूं के इंदिरा नगर सामुदायिक भवन में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में मंच पर मौजूद अतिथि – शिक्षा क्षेत्र में योगदान देने वालों को किया गया सम्मानित।

जिला स्तरीय समारोह

117 भामाशाहों को ‘शिक्षा श्री’, 40 प्रेरकों को ‘शाला प्रेरक पुरस्कार’

जिला स्तरीय समारोह इंदिरा नगर स्थित सामुदायिक विकास भवन में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में झुंझुनूं जिले के 117 भामाशाहों को “शिक्षा श्री अवार्ड” और 40 प्रेरकों को “शाला प्रेरक पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। ये वे लोग हैं जिन्होंने एक लाख रुपए से लेकर 29 लाख 99 हजार रुपए तक का सहयोग शैक्षणिक ढांचे के उन्नयन के लिए दिया है।

सम्मान ग्रहण करते हुए जिला स्तरीय भामाशाह – एक लाख से 29 लाख 99 हजार रुपए तक का सहयोग देकर स्कूलों के विकास में निभाई भूमिका।
सम्मान ग्रहण करते हुए जिला स्तरीय भामाशाह – एक लाख से 29 लाख 99 हजार रुपए तक का सहयोग देकर स्कूलों के विकास में निभाई भूमिका।

शिक्षा में सामुदायिक भागीदारी: ‘राजस्थान की भामाशाह परंपरा’ को नई ऊंचाइयां

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भाम्बू ने समाज में शिक्षा के प्रति बढ़ते हुए सहयोगात्मक दृष्टिकोण का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भामाशाह परंपरा राजस्थान की शान रही है और अब शिक्षा के क्षेत्र में भी यह परंपरा नई ऊंचाइयों को छू रही है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला कलेक्टर अरुण गर्ग ने झुंझुनूं जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में नागरिकों, व्यवसायियों और समाजसेवियों द्वारा विद्यालयों के लिए आगे आने को प्रेरणादायी बताया। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा ही समाज के उत्थान का मूल आधार है, और इसमें समाज की भागीदारी बेहद जरूरी है।

शाला प्रेरक पुरस्कार ग्रहण करते शिक्षक – समाजसेवियों को प्रेरित कर शिक्षा के लिए जुटाए संसाधन।
शाला प्रेरक पुरस्कार ग्रहण करते शिक्षक – समाजसेवियों को प्रेरित कर शिक्षा के लिए जुटाए संसाधन।

जिला प्रमुख हर्षणी कुलहरी ने कहा कि सरकारी स्कूलों को मजबूती देने का मतलब है समाज की नींव को मजबूत करना। उन्होंने सभी भामाशाहों और प्रेरकों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने सिर्फ दान नहीं किया, बल्कि समाज के भविष्य में निवेश किया है।

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष हर्षिणी कुलहरी, राष्ट्रीय परिषद सदस्य विश्वंभर पूनियां, गणितज्ञ डॉ. घासीराम वर्मा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्यारेलाल ढूकिया और सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण गावड़िया ने भी समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और भामाशाहों व प्रेरकों का उत्साहवर्धन किया।

मुख्य अतिथि विधायक राजेंद्र भांभू, जिला कलक्टर अरुण गर्ग और अन्य अतिथियों के साथ भामाशाह व प्रेरक – झुंझुनूं में शिक्षा सुधार में समाज की सहभागिता को मिला सम्मान।
मुख्य अतिथि विधायक राजेंद्र भांभू, जिला कलक्टर अरुण गर्ग और अन्य अतिथियों के साथ भामाशाह व प्रेरक – झुंझुनूं में शिक्षा सुधार में समाज की सहभागिता को मिला सम्मान।

बुनियादी ढांचे का विकास और प्रेरकों की भूमिका

प्रभारी व अति जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद आबूसरिया ने बताया कि यह कार्यक्रम शिक्षा विभाग की ओर से उन व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापन के रूप में आयोजित किया गया है जिन्होंने अपने निजी संसाधनों से सरकारी स्कूलों में कक्षा-कक्ष, फर्नीचर, खेल सामग्री, शौचालय, पानी की सुविधा और कंप्यूटर जैसी सुविधाएं मुहैया करवाईं।

उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर सम्मानित होने वाले छह भामाशाहों का योगदान अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जिले में कार्य कर रहे अन्य भामाशाहों ने भी साबित कर दिया है कि सरकार और समाज जब एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव संभव हैं।

प्रेरकों की भूमिका को भी सराहा गया, जिन्होंने भामाशाहों से संपर्क कर उन्हें सरकारी स्कूलों के हालात बताए और उन्हें योगदान देने के लिए प्रेरित किया। इन्हीं के प्रयासों से इतनी बड़ी संख्या में सहयोग प्राप्त हुआ, जिससे स्कूलों का वातावरण बदला और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिलीं।

राज्य स्तरीय समारोह: ‘शिक्षा विभूषण’ से नवाजे गए विशिष्ट योगदानकर्ता

जयपुर के जवाहर नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में झुंझुनूं जिले से छह भामाशाह और एक प्रेरक को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन सभी ने 30 लाख रुपए से अधिक की राशि का सहयोग विभिन्न विद्यालयों के विकास में दिया है। इन्हें “शिक्षा विभूषण”, “शिक्षा भूषण” और “भामाशाह अलंकृत पुरस्कार” से नवाजा गया, जो शिक्षा के प्रति उनके समर्पण को योगदान दिया।

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