डोटासरा बोले- शिक्षा मंत्री का नाम लेना भी ठीक नहीं:कहा- दिलावर भ्रष्टाचारी हैं मैंने कभी नहीं कहा, दिल्ली-जयपुर में पर्ची बदलने का सिस्टम चल रहा
डोटासरा बोले- शिक्षा मंत्री का नाम लेना भी ठीक नहीं:कहा- दिलावर भ्रष्टाचारी हैं मैंने कभी नहीं कहा, दिल्ली-जयपुर में पर्ची बदलने का सिस्टम चल रहा

सीकर : पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर तंज कसते हुए कहा- ‘मैं शिक्षा सचिव, डायरेक्टर किसी भी अधिकारी को फोन करने के लिए तैयार हूं, एक व्यक्ति को छोड़कर’, जिसका मैं नाम भी नहीं लेना चाहता। आपका और हमारा शिक्षा मंत्री एक ही है, लेकिन उसको तो मैं फोन करता नहीं। बाकी मैं सभी से बात कर लूंगा, जिसे आप कहे।
डोटासरा ने संबोधित करते हुए कहा- ‘मैंने कभी नहीं कहा कि शिक्षा मंत्री भ्रष्टाचारी है। किसी भी व्यक्ति को बिना सबूत के, लांछन लगाकर राजनीतिक रोटियां नहीं सेकनी चाहिए, उसका चरित्र खराब नहीं करना चाहिए। ये अनर्गल बयानबाजी करते हैं और पेपर लीक करने के आरोप लगाते रहते हैं। लेकिन अब हम कहते हैं कि सीबीआई जांच करवाकर करो आरोपियों को गिरफ्तार। अब यह लोग कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे।

डोटासरा ने कहा- स्कूल बंद करने का इनका पुराना रिकॉर्ड रहा है। हम मजबूती के साथ लगे रहेंगे तो, न ये स्कूल बंद कर पाएंगे और नहीं सामना कर पाएंगे। अभी दिल्ली में पर्ची बदलने का सिस्टम चल रहा है। भगवान अगर हमारी सुन ले तो आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए अच्छा हो जाए। कुछ बदले या न बदले लेकिन हमारी यह शिक्षा वाली पर्ची बदल जाए तो सारा काम ठीक हो जाए।
दरअसल, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के बैनर तले प्रदेश भर के तृतीय श्रेणी शिक्षक अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इन मांगों के समर्थन में 27 मई को सीकर से सैकड़ों शिक्षकों ने जयपुर के लिए पैदल मार्च शुरू किया। गुरुवार को शिक्षकों का यह मार्च सीकर के बावड़ी में पहुंचा, जहां सभा का आयोजन किया गया।
शिक्षकों की सभा में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी पहुंचे और संबोधित किया। डोटासरा ने शिक्षकों के सामने ही फोन पर शिक्षा सचिव से बात की और शिक्षा सचिव से शिक्षकों के एक प्रतिनिधि मंडल से मिलने का समय लिया। साथ ही डोटासरा ने शिक्षा सचिव से बात कर शिक्षकों को मुख्यमंत्री से मिलाने का समय भी मांगा।

डोटासरा में फोन पर बात करते हुए शिक्षा सचिव से कहा- सैंकडों शिक्षक अपनी अनेक मांगों को लेकर सीकर से जयपुर के लिए रवाना हुए हैं और पैदल मार्च कर रहे हैं। आज इनका बावड़ी में ठहराव हुआ है। यह शिक्षक परेशान है और आपसे मिलकर अपनी मांगों के बारे में बात करना चाहते हैं। इसके बाद शिक्षा सचिव ने शुक्रवार दोपहर 3 बजे के बाद का समय प्रतिनिधिमंडल को दिया और बाद में मुख्यमंत्री से मिलाने की बात कही।
बता दें कि 27 में से सीकर शेरवाना रवाना हुए सैकड़ो शिक्षित 2 जून को राजधानी जयपुर में पहुंचेंगे। जहां एक विशाल विरोध प्रदर्शन और घेराव होगा। संघ के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र सिंह ने बताया कि शिक्षकों की मांगों में स्थाई स्थानांतरण नीति, बकाया पदोन्नति, गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा शामिल है।
उपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहले 100 दिनों में स्थानांतरण का वादा किया था, लेकिन डेढ़ साल बाद भी यह वादा अधूरा है। शिक्षकों को बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यों में उलझाकर उनकी शिक्षण गुणवत्ता प्रभावित की जा रही है। इसके अलावा, पुरानी पेंशन योजना और नियमित भर्ती की मांग भी जोर पकड़ रही है। 21 मई से शुरू हुए इस आंदोलन के तहत संभाग स्तर पर वाहन जत्थे निकाले गए, जो शिक्षकों में जागरूकता फैलाने के लिए हनुमानगढ़ सहित कई जिलों में पहुंचे।