खर्रा बोले-भारतीय संस्कृति, सभ्यता और धर्म का ज्ञान जरूरी:सीकर में श्रीराम गुरुकुलम का शिलान्यास करने आए यूडीएच मंत्री, कहा- नई पीढ़ी पूर्वजों का इतिहास पढ़े
खर्रा बोले-भारतीय संस्कृति, सभ्यता और धर्म का ज्ञान जरूरी:सीकर में श्रीराम गुरुकुलम का शिलान्यास करने आए यूडीएच मंत्री, कहा- नई पीढ़ी पूर्वजों का इतिहास पढ़े

सीकर : सीकर के श्यामपुरा गांव में बनने जा रहे श्रीराम गुरुकुलम का आज शिलान्यास कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में शेखावाटी के अलग-अलग इलाकों से आए संत और यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा सहित अन्य लोग शामिल रहे। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा- वर्तमान भौतिक युग के इस चकाचौंध भरे जीवन में नैतिक मूल्यों का हास हो रहा है,चारित्रिक पतन हो रहा है और समाज में अराजकता की स्थितियां पैदा हो रही है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों में मनुष्यत्व का भाव जागृत हो और यह तभी संभव होगा जब हमें भारतीय संस्कृति,सभ्यता और धर्म का ज्ञान होगा।
इसके लिए श्रीराम गुरुकुलम जैसे संस्थानों की आवश्यकता है। इन गुरुकुल के माध्यम से विद्यार्थियों को सत्य,न्याय, नैतिकता और सदाचार का पाठ पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें इस बात का भी ध्यान दिलवाया जाएगा कि आपको बड़ी मुश्किल से परमात्मा ने मनुष्य का जीवन दिया है।

इस जीवन का किस तरह से सदुपयोग हो और समाज में फैली भ्रांतियों और गिरते हुए नैतिक मूल्यों को किस तरह से स्थापित करके समाज में समरसता का भाव पैदा हो। सभी सुखी रहें,इस तरह का भाव लोगों में जागृत हो।
जब गुरुकुलम जैसे संस्थान में शिक्षा लेकर बच्चे समाज में जाएंगे तो वह नैतिक शिक्षा और संस्कारों का प्रचार-प्रसार करेंगे। ऐसे में आने वाले समय में परिस्थितियों में बदलाव होगा। हर मनुष्य में जब मनुष्यत्व का भाव जागृत होगा तो निश्चित रूप से समाज भी आगे बढ़ेगा।

खर्रा ने कहा- केंद्र सरकार ने जो नई शिक्षा नीति जारी की है उसका भी मूल मंत्र यही है कि जब तक हम हमारी पीढ़ी को हमारे महान इतिहास के बारे में नहीं पढ़ाएंगे, (जिसमें हमारे महापुरूषों ने इंसानियत को बचाने के लिए और नैतिकता को बढ़ाने के लिए किस किस तरह के काम-काम हैं।) यह सभी बातें पाठ्यक्रम में भी शामिल की जा रही है। जब भावी पीढ़ी इन बातों को पढ़ेगी तो उन्हें अपने पूर्वजों पर गर्व का एहसास होगा और वह उनकी तरह ही बनने का प्रयास करेगी।

बता दें कि श्रीराम गुरुकुलम सीकर में पालवास के श्यामपुरा गांव में बनाने जा रहा है। 15 बीघा जमीन में बनने वाले इस गुरुकुलम में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ घुड़सवारी,मैकेनिकल काम सहित अन्य व्यावहारिक शिक्षा दी जाएगी। इसके अतिरिक्त किसानों को भी यहां गौ आधारित खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा।