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बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर से हुई थी 7.67 करोड़ की ठगी


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बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर से हुई थी 7.67 करोड़ की ठगी

सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, डिजिटल अरेस्ट गिरोह के चार सरगना गिरफ्तार

झुंझुनूं : जिले के बहुचर्चित डिजिटल अरेस्ट केस में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डिजिटल अरेस्ट गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी कांड को हाथ में लेने के बाद सीबीआई ने देशव्यापी ‘ऑपरेशन चक्र-5’ चलाया। इसके तहत मुंबई और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से चार मुख्य सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया है।

बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर श्रीजाता डे से साइबर अपराधियों ने खुद को सीबीआई, ईडी, ट्राई और महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताकर 7.67 करोड़ रुपए की ठगी की। तीन महीने तक प्रोफेसर को डिजिटल रूप से बंधक बनाकर, हर दो घंटे में गतिविधियों की जानकारी और रोजाना सेल्स रिपोर्ट भेजने को मजबूर किया गया।

सीबीआई ने 12 ठिकानों पर छापे

राजस्थान सरकार के आग्रह पर मामला सीबीआई ने अपने हाथ में लिया और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए बैंक खातों, डिजिटल डिवाइसेज़ और कॉल डेटा का गहन विश्लेषण किया। जांच के आधार पर हाल ही में मुंबई, मुरादाबाद, सम्भल, जयपुर और पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर में 12 स्थानों पर छापे मारे गए। इस दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और बड़ी मात्रा में बैंक दस्तावेज, डेबिट कार्ड, चेक बुक और डिजिटल सबूत बरामद किए गए। गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश कर 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। सीबीआई ने कहा है कि वह इस डिजिटल अरेस्ट सिंडिकेट की जड़ों तक पहुंचने के लिए आगे भी कार्रवाई जारी रखेगी।

80 लाख का लोन लेकर चुकाई ठगों की डिमांड

प्रोफेसर श्रीजाता डे ने साइबर ठगों के डर से 80 लाख का लोन भी ले लिया था। ठगों ने धमकाया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है और गिरफ्तारी वारंट तक जारी हो चुका है। उन्हें स्काइप कॉल पर ‘मुंबई पुलिस’, ‘सीबीआई अधिकारी’ और ‘ईडी अफसर’ बनकर अलग-अलग लोग डराते रहे। एक स्काइप मीटिंग के दौरान ठगों ने उन्हें नरेश गोयल केस से जोड़ते हुए सुप्रीम कोर्ट तक मामला जाने की धमकी दी।

डिजिटल ट्रैप में 42 बार ट्रांजेक्शन, विदेश तक पहुंचा पैसा

श्रीजाता डे से 29 अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक 42 बार ट्रांजेक्शन करवाए गए। जब मामला खुला तो झुंझुनूं साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई। प्राथमिक जांच के बाद यह साफ हो गया कि यह ठगी एक अंतरराष्ट्रीय गैंग द्वारा अंजाम दी गई है। राजस्थान पुलिस मुख्यालय की साइबर सेल ने जांच में पाया कि ठगे गए करोड़ों रुपए कुछ विदेशी बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए, जिससे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की पुष्टि होती है।

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