माहे रमजान पर तीसरे जुमे की नमाज शहर की सभी मस्जिदों में अमन, चैन ,शांति,भाईचारे, सोहार्द,की दुआओं के साथ अदा की गई
इंसान मुसाफिर है, मंजिल मौत है - सैयद मोहम्मद अनवार नदीम उल कादरी

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : जिला मुख्यालय पर स्थित सभी मस्जिदों में माहे रमजान के तीसरे जुमे की नमाज अमन और शांति के साथ अदा की गई। सभी मुस्लिम मोहल्लों में रौनक रही और सभी ने अपने नजदीकी मस्जिदों में जुम्मे की नमाज अदा की और इबादत की शहर की पहली जामा -ए- मस्जिद में माहे रमजान के तीसरे जुम्मे की नमाज अदा की गई शहर इमाम सैयद मोहम्मद अनवार नदीम उल -कादरी ने अपनी तकरीर में कहा सेहरी करने जब आप हज़रात उठते है। तो थोड़ा वक्त निकाल कर तहज्जूद की नमाज़ अदा करे उसके बाद ही सेहरी करे सहरी का वक्त ही तहज्जुद का वक्त होता है ये हमारे लिए बहुत अच्छा मौका है। पूरे साल नही तो कम से कम एक महीना तहज्जुद पढ़ सकते है। जब सहरी करने उठे तो दो चार या जितनी मर्जी हो उतनी रकाअत पढ़ ले । और अपने रब से दुआएं करे । उस वक्त अल्लाह पाक अपनी रहमत की खास तजल्लिया फरमाता है। दुनियां में हर इंसान मुसाफिर है और मंजिल मौत है ।
हर इंसान का टिकट वेटिंग में है, कब किसका टिकट कन्फर्म हो जाएं भरोसा नहीं इसलिए अपने आखिरी सफ़र मौत की तैयारी पहले से करके ज़रूर रखे अल्लाह पाक हम सब को ईमान पे खात्मा वाली मौत नसीब फरमाए ।ओर हम सब को अपनी आखिरत की फिक्र करने ओर उसको बेहतर करने की तोफिक अता फरमाए। और कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तोफिक अता फरमाए।
अपनी जिंदगी में देने वाला मिजाज बनाएं।अब तो दोस्तियां, यारियां, ताल्लुकात, नाते इस बुनियाद पर है। की नफा कैसे हासिल किया जा सके। सामने वाले को इस्तेमाल कैसे करना है?ये छोटे लोगों की अलामत है, बुजदिलों की अलामत है,। कमजोर लोगों की अलामत है। दिलेर लोग जो होते हैं वो नफा नही लेते।लोगों में बेहतर लोग वो हैं जो दूसरों को नफ़ा दें…अल्लाह पाक हम सब को हिदायत दे ओर हम सब को एक ओर नेक बनाए ओर हम सब को खूब खूब इबादत गुजार बनाए ओर इस रमजानुल मुबारक महीने की बा बरकतें ले अल्लाह पाक कहने सुनने से ज्यादा अमल करने की तोफिक अता फरमाए आमीन ।