SI पेपरलीक: रामूराम राईका के बेटा-बेटी सहित 25 एसआई बर्खास्त:राजस्थान में अब तक 30 से ज्यादा ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर हटाए गए, अब भी कई हिरासत में
SI पेपरलीक: रामूराम राईका के बेटा-बेटी सहित 25 एसआई बर्खास्त:राजस्थान में अब तक 30 से ज्यादा ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर हटाए गए, अब भी कई हिरासत में

जयपुर : सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 पेपरलीक मामले में 25 और ट्रेनी एसआई को बर्खास्त किया गया है। शुक्रवार को हुई इस कार्रवाई में RPSC के पूर्व मेंबर रामूराम राईका का बेटा-बेटी भी शामिल है। पेपरलीक में हो रही कार्रवाई में बीते दो महीने में 30 से ज्यादा ट्रेनी एसआई को नौकरी से हटाया गया है।
वहीं एसआई भर्ती परीक्षा पर निर्णय लेने के लिए फरवरी-2025 में हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार को 2 महीने का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी। ये पूरा मामला साल 2021 में हुई सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर की 859 पदों की भर्ती से जुड़ा है। साल 2023 में भजनलाल सरकार के सत्ता में आने के बाद से इस भर्ती में हुए घोटालों की जानकारी सामने आने लगी। इस भर्ती की जांच एसओजी कर रही है।

कमिश्नरेट और रेंज आईजी ने किया बर्खास्त
शुक्रवार को जयपुर व जोधपुर कमिश्नरेट के साथ उदयपुर, बीकानेर व अजमेर रेंज आईजी ने 25 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए।
बर्खास्त ट्रेनी एसआई में रामूराम राईका के बेटा देवेश राईका व बेटी शोभा राईका भी हैं। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ ने इनके साथ मोनिका जाट, नीरज कुमार यादव व सुरेन्द्र कुमार बगड़िया को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए।
वहीं, उदयपुर रेंज आईजी राजेश मीना ने राजेश्वरी, मनोहर लाल गोदारा, विक्रमजीत बिश्नोई, दिनेश बिश्नोई और श्याम प्रताप सिंह को बर्खास्त किया। इसी तरह बीकानेर रेंज आईजी ओमप्रकाश ने मनीषा बेनीवाल, जयराज सिंह, अंकिता गोदारा, मनीषा सिहाग और जयपुर रेंज आईजी अजयपाल लांबा ने एकता, अविनाश पलसानिया, सुरजीत सिंह यादव, राकेश, विजेन्द्र कुमार को बर्खास्त किया।
जोधपुर कमिश्नर राजेन्द्र सिहं ने श्रवण कुमार, इंदुबाला, भगवती और प्रमेसुखी को और अजमेर रेज आईजी ओमप्रकाश ने सुभाष बिश्नोई को बर्खास्त किया।

अब जानिए- हाईकोर्ट में इस भर्ती को लेकर क्या हो रहा है?
- सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने भर्ती में फील्ड पोस्टिंग पर रोक लगा रखी है। हाईकोर्ट की इस मामले में आखिरी सुनवाई के अनुसार राज्य सरकार किसी भी तरह का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रहेगी।
- निर्णय के बाद सरकार अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगी। सरकार ने अंतिम निर्णय के लिए 4 महीने का समय मांगा था। हालांकि हाईकोर्ट ने कहा था- 4 माह का समय बहुत अधिक है।
- दो महीने में निर्णय लिया जा सकता है। मामले में याचिकाकर्ताओं के अलावा सरकार, ट्रेनी एसआई पक्षकार हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भर्ती को निरस्त किया जाना चाहिए।
- क्योंकि एसओजी, पुलिस मुख्यालय, एजी और कैबिनेट सब कमेटी भर्ती रद्द करने की सिफारिश कर चुके हैं। वहीं, ट्रेनिंग ले रहे सब इंस्पेक्टर्स का कहना है कि पेपर लीक में हमारी कोई संलिप्तता नहीं है।
- हमने इस नौकरी के लिए अन्य सरकारी नौकरी छोड़ी है। ऐसे में अगर भर्ती रद्द होती है, तो हमारे साथ अन्याय होगा।