अजमेर दरगाह में पेश किया बसंत:शाही कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश किए, मजार पर चढ़ाया गुलदस्ता
अजमेर दरगाह में पेश किया बसंत:शाही कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश किए, मजार पर चढ़ाया गुलदस्ता
अजमेर : अजमेर ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला पारंपरिक बसंत उत्सव मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर दरगाह के शाही चौकी के कव्वाल असरार हुसैन के परिवार के लोगों ने परंपरा अनुसार बसंत की पेशकश की। यह रस्म दरगाह दीवान की सदारत में अदा की गई।
बसंत जुलूस निज़ाम गेट से प्रारंभ हुआ, जिसमें शाही कव्वालों ने अमीर खुसरो के प्रसिद्ध गीत गाते हुए बसंत का गुलदस्ता लेकर दरगाह की ओर कूच किया। गुलदस्ते को गरीब नवाज की मजार शरीफ पर चढ़ाकर परंपरा का निर्वहन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जायरीन उपस्थित रहे और उन्होंने बसंत की इस आध्यात्मिक रस्म में भाग लिया।
बसंत उत्सव चिश्ती परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अमीर खुसरो की विरासत से जोड़ा जाता है। इस अवसर पर दरगाह परिसर में विशेष कव्वाली का आयोजन भी किया गया, जिसमें सूफी कलाम की गूंज सुनाई दी। दरगाह के खादिम और जायरीन ने बसंत की इस रस्म को सूफी प्रेम और भक्ति से जोड़ते हुए कहा कि यह आयोजन गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी सौहार्द्र का प्रतीक है।