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चिड़ावा में 389 दिन से नहर की मांग पर धरना:शेखावाटी के किसान आंदोलन पर अड़े, बोले- सरकार की उदासीनता से बिगड़े हालात


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चिड़ावा में 389 दिन से नहर की मांग पर धरना:शेखावाटी के किसान आंदोलन पर अड़े, बोले- सरकार की उदासीनता से बिगड़े हालात

चिड़ावा में 389 दिन से नहर की मांग पर धरना:शेखावाटी के किसान आंदोलन पर अड़े, बोले- सरकार की उदासीनता से बिगड़े हालात

चिड़ावा : राजस्थान के चिड़ावा-सिंघाना सड़क मार्ग स्थित लालचौक पर किसान सभा के बैनर तले नहर की मांग को लेकर चल रहा धरना 389वें दिन भी जारी है। किसान सभा के तहसील उपसचिव ताराचंद तानाण की अध्यक्षता में चल रहे इस आंदोलन में क्षेत्र के किसानों की भागीदारी सीमित है।

शेखावाटी क्षेत्र में पानी की स्थिति गंभीर होती जा रही है। पहले जहां भूजल का अंधाधुंध दोहन किया गया, वहीं अब पीने के पानी की भी समस्या गहरा रही है। 1994 के यमुना समझौते के तहत क्षेत्र को मिलने वाले 1917 क्यूसेक पानी की मांग प्रमुख है।

बोले- सरकार की उदासीनता से बिगड़े हालात

आंदोलन के प्रवक्ता विजेन्द्र शास्त्री ने कहा- सरकार की उदासीनता के कारण स्थिति और बिगड़ रही है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। धरने में महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्षा सुनिता साईपवार, जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला, तहसील अध्यक्ष राजेंद्र सिंह चाहर समेत कई किसान नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

स्थानीय किसानों का कहना है कि सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी की समस्या भी विकराल रूप ले रही है। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाले समय में क्षेत्र को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

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