इंग्लिश मीडियम स्कूलों में बदलाव की तैयारी, भड़के डोटासरा; बोले- ‘BJP सरकार नहीं चाहती गरीबों के बच्चे अंग्रेजी पढे़ें’
राजस्थान में पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय खुले इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदलने की तैयारी चल रही है।

जयपुर : राजस्थान में चल रहे सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर कैंची चलने के आसार बढ़ गए हैं। पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय खुले इन स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदलने की तैयारी चल रही है। इसके लिए डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है। इस समिति में मंत्री गजेंद्र सिंह, मंत्री मदन दिलावर, और मंत्री सुमित गोदारा को सदस्य बनाया गया है। वहीं, स्कूल शिक्षा सचिव समिति के सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
डोटासरा ने सरकार को इस तरह घेरा
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा नेताओं को तकलीफ इस बात से है कि कमजोर, शोषित और पीड़ितों के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करके कहीं इनकी बराबरी न कर लें। भाजपा सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के रूपांतरण की समीक्षा हेतु कमेटी बनाने का निर्णय दर्शाता है कि इनका विजन प्रदेश को पीछे धकेलने एवं निजी अंग्रेजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने का है। भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब-मध्यम वर्ग और अभावग्रस्त तबके के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा हासिल करे। जबकि भाजपा नेताओं के बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं।

डोटासरा ने कहा कि सरकार द्वारा गठित समीक्षा कमेटी राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित एवं पूर्वाग्रही प्रतीत होती है। चार सदस्यीय कमेटी में न तो कोई शिक्षाविद है और न ही कोई विशेषज्ञ, कमेटी में सिर्फ सरकार के मंत्री हैं। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है, शिक्षा मंत्री से लेकर इनके नेता अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर ताला लगाने की तरफदारी कर रहे हैं।
डिप्टी CM के नेतृत्व में बनाई समिति
गौरतलब है कि अशोक गहलोत सरकार द्वारा शुरू किए गए सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार ने डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है। इस समिति में मंत्री गजेंद्र सिंह, मंत्री मदन दिलावर, और मंत्री सुमित गोदारा को सदस्य बनाया गया है। स्कूल शिक्षा सचिव समिति के सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
समिति को सौंपी ये जिम्मेदारियां
जानकारी के मुताबिक भजनलाल सरकार ने समिति को स्कूलों की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, छात्रों और शिक्षकों की संख्या की समीक्षा करना, नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप स्कूलों की आवश्यकता का मूल्यांकन और स्कूलों के इंग्लिश मीडियम से हिंदी मीडियम में बदलने की संभावनाओं पर निर्णय करने की जिम्मेदारी सौंपी है।