टोंक : अजमेर दरगाह में शिव मंदिर के दावे को लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा- कुछ ताकतें जनता के मुद्दे से ध्यान हटाकर लोगों में तनाव पैदा करना चाहती हैं। बच्चों को नौकरी मिल नहीं रही और इनको मस्जिदों की खुदाई की लग रही है। अगर आप देश में यह मुहिम छेड़ दें कि हमें धर्मस्थल, मकानों को खोदना है और उसके नीचे क्या निकलेगा यह देखना है, तो इसका कोई अंत नहीं है।
वहीं देर शाम अजमेर दरगाह में हिन्दू मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता ने कोर्ट में पेश किया एक और साक्ष्य सार्वजनिक किया है। उन्होंने 1841 में आई रॉबर्ट हैमिल्टन इर्विन की किताब का हवाला दिया है। इसमें दरगाह इलाके को एक जंगल बताया गया है, जहां झाड़ियों में शिवलिंग होने की बात लिखी है।
बुधवार को इसी मामले पर कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि दरगाह के अंदर अगर खुदाई होगी तो निश्चित रूप से मंदिर निकलेगा। इधर, दरगाह में जियारत करने आए इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष (AIMC) मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा- देश को खोदने में देश की तरक्की नहीं है। देश की तरक्की विकास में है। जो खोदने का काम कर रहा है, वह अगर खुद को देश प्रेमी या हिंदू कहता है तो खुद के साथ ही धोखा करता है।
कुछ ताकतें तनाव पैदा करना चाह रही
राजस्थान में उप चुनाव के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक दौरे पर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा – देश की संसद ने 1991 में एक कानून पारित किया था कि देश की आजादी के बाद जो धार्मिक स्थल हैं, उन्हें यथावत रखा जाएगा, लेकिन लोअर कोर्ट में ऐसे घटनाक्रम सामने आए हैं, जिससे लोगों में बेवजह तनाव पैदा हो रहा है।
पायलट ने कहा कि संभल का मामला हो या अजमेर का, देश में ऐसी ताकतें हैं जो जानबूझकर चाहती हैं कि जनता का ध्यान, किसान बेरोजगारी और महंगाई से हटा कर ऐसे मुद्दों की तरफ आकर्षित किया जाएं । संभल में बेवजह निर्दोष लोगों की मौत हुई , कोई ना कोई इसके लिए जिम्मेदार है। लोगों को बांटने वाली ताकतों से हमे परहेज करना होगा।
बीजेपी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि इन्हें मस्जिदें खोदने की पड़ी है। इसको खोदो वो निकलेगा, उसको खोदो वो निकलेगा, यहां बच्चों को नौकरी मिल नहीं रही है।
राजनीति में बेहतर टीका -टिप्पणी का एक स्तर हो
भाजपा प्रदेश प्रभारी राधामोहन अग्रवाल दास के बयान पर कहा-मेरी अग्रवाल से अब तक मुलाकात भी नहीं हुई। ना ही मैं उन्हें जानता हूं । मैं जब भी उनसे मिलूंगा तो जरूर पूछूंगा कि वह मुझसे इतना विशेष प्रेम क्यों रखते हैं। उन्हें संगठन का काम करना चाहिए। राजनीति में बेहतर टीका-टिप्पणी का एक स्तर रखना चाहिए। अपने विरोधियों को भी हमें कभी कम नहीं आंकना चाहिए। कड़वे बोल बोलकर कोई आगे नहीं जा सकता।