दीपावली के पावन पर्व पर हमारे गांव और शहरों को स्वच्छता की रोशनी से जगमगाएं : के के गुप्ता
अपने घरो की साफ सफाई के साथ-साथ गली मोहल्लों की स्वच्छता का भी ध्यान रखें, स्वच्छता अभियान सफ़ाई तक सीमित नहीं, यह हमारे विचारों और आदतों में बदलाव लाएगा : के के गुप्ता

जयपुर : इस दशक के दौरान प्रधानमंत्री की पहल की वजह से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी और व्यापक परिवर्तन आया है स्वच्छता के प्रति उनकी दृष्टि बदली है। 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्घोष एक दशक में दुनिया का सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम साबित हुआ है और देश में निरंतरता से बदलाव का प्रतीक है।
यह उदगार स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान सरकार प्रदेश समन्वयक के के गुप्ता ने व्यक्त किया है।
गुप्ता ने बताया कि इस दशक के दौरान इस अभियान की वजह से प्रधानमंत्री की शुरुआत के वजह से लोगों की मानसिकता में क्रांतिकारी और व्यापक परिवर्तन आया है। स्वच्छता के प्रति उनकी दृष्टि बदली है। देश में शौचालयों का न होना एक अभिशाप था जिसे इस अभियान द्वारा खत्म किया गया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की गरिमा से समझौता किया जा रहा था और कितने बड़े पैमाने पर ये मिशन पूरा किया गया जो अब विकास का विविध रूप प्रस्तुत कर रहा है।
दीपावली के पावन पर्व पर अपने गली मोहल्ले को स्वच्छता से जगमग करें
गुप्ता ने समस्त प्रदेशवासियों से यह आव्हान किया है कि आने वाली दीपावली के इस पावन त्यौहार के अवसर पर हम अपने आसपास के गली मोहल्ले को स्वच्छ रखते हुए उसे सुंदर और जगमग बनाने का संकल्प करें। दीपावली के त्योहार पर हम हमारे घरों में सफाई अभियान शुरू करते हैं उसी प्रकार अपने गांव और शहर को भी हमें स्वच्छ रखते हुए सफाई अभियान अपनाना चाहिए और हमें इस स्वच्छता अभियान को सिर्फ सफाई व्यवस्था तक ही सीमित नहीं रखते हुए अपने विचारों में भी ग्रहण करना होगा। नागरिकों को स्वच्छता का महत्व जानना चाहिए क्योंकि स्वच्छता ही वह ताकत है जिसकी बदौलत हमारा देश एक श्रेष्ठ, उत्कृष्ट और विश्व गुरु बन सकता है।
स्वच्छता अपनाकर ही जानलेवा बीमारियों से होगा बचाव
गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में हम देख रहे हैं कि बरसात के मौसम के बाद बीमारियों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है और मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया आदि की चपेट में लोग आ रहे हैं। सरकारी और निजी अस्पताल के अंदर हजारों लोग इन बीमारियों से ग्रसित होकर भर्ती हैं। हमारे घरों के आसपास में भी इन जानलेवा बीमारियों को फैलाने वाले मच्छर जंतु आदि घूम रहे हैं। इन सब से निजात प्राप्त करने और स्वयं को निरोगी बनाने का एकमात्र उपाय स्वच्छता अपनाना ही है, क्योंकि जहां स्वच्छता होगी वहां गंदगी नहीं होगी और जहां गंदगी नहीं होगी वहां मच्छर कीड़े आदि नहीं रहेंगे।
स्वच्छता को अपने स्वभाव के साथ जोडे
गुप्ता ने स्वच्छता को स्वभाव, संस्कार और संस्कृति से जोड़ने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, महिला सशक्तिकरण और आजीविका सृजन का एक शक्तिशाली साधन भी बन गया है। गंदगी की मार सबसे ज्यादा अपनी माताओं बहनों पर पड़ती थी। वह तो शुरू से ही स्वच्छता के पक्ष में थी, अब बहुत अच्छा है कि पूरा समाज स्वच्छता के प्रति नतमस्तक हो रहा है। इससे एक नया ग्रुप डेवलप हुआ है। उन्होंने कहा कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है। उन्होंने कहा कि “डेढ़ करोड़ युवा विकसित भारत के दृष्टिकोण में शामिल होने के लिए आगे बढ़े हैं। इससे उनकी मानसिकता बदलेगी, राष्ट्रवाद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता बेहतर होगी और हमारे लोकतंत्र को धार मिलेगी। यह खिलेगा और समृद्ध होगा। स्वच्छता एक सेवा है। यह मानवता के प्रति एक उत्कृष्ट प्रतिबद्धता है। यह एक ऐसी सेवा है जिसका लाभ सभी को मिलता है। हमें इसको खुले मन से अपनाना चाहिए। जब पूरा समाज इस दिशा में एकजुट होकर यह काम करेगा तो मैं पूर्ण रूप से आशावान हूं कि हम एक स्वच्छ और सशक्त भारत का निर्माण कर पाएंगे और हमारी यात्रा सफल होगी”