कंटेनर के सीक्रेट चैंबर में ले जा रहे थे शराब:15 लाख कीमत की 144 बोतलें मिली, पुलिस को लोहा काट कर निकालनी पड़ी
कंटेनर के सीक्रेट चैंबर में ले जा रहे थे शराब:15 लाख कीमत की 144 बोतलें मिली, पुलिस को लोहा काट कर निकालनी पड़ी

सीकर : सीकर आबकारी विभाग ने चंडीगढ़ से गुजरात जा रही 15 लाख रुपए की अवैध शराब को पकड़ा है। आरोपी ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आबकारी विभाग पूरे मामले की जांच कर रहा है।
नाकाबंदी पर रुकवाया था कंटेनर
AEO,EPF रामसहाय जाट के अनुसार जिला आबकारी अधिकारी सुमेर सिंह मीणा के निर्देशन में मुखबिर की सूचना पर पीओ महेश मील सहित टीम ने पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। जयपुर से झुंझुनूं की तरफ जाने वाली बाइपास सड़क पर नाकाबंदी के दौरान गुजरात नंबर के एक कंटेनर की तलाशी ली गई। जिसमें पीछे की तरफ एक प्राइवेट चैंबर बनाया हुआ था। जिसमें 111 कार्टून में व्हिस्की के 2664 हाफ और 12 कार्टून में व्हिस्की की 144 बोतल पाई गई। मामले में ड्राइवर इसराराम(22) निवासी बाड़मेर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
सीक्रेट चैंबर में हो रही थी शराब की सप्लाई
कंटेनर को दूर से देखने पर बिल्कुल भी प्रतीत नहीं होता कि इसके अंदर शराब रखी गई है। लेकिन मुखबिर की सूचना पर जब आबकारी विभाग की टीम के द्वारा तलाशी ली गई तो कंटेनर के बीच में एक गुप्त चैंबर होना पाया गया। जिसकी चौड़ाई करीब 3 फीट थी। जब आबकारी विभाग की टीम के द्वारा कटर और पाइप के जरिए चैम्बर को काटा गया तो अंदर शराब के कार्टून रखे मिले। आबकारी विभाग की प्रारंभिक इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि ड्राइवर ने यह माल चंडीगढ़ से लोड किया था। माल वैसे तो गुजरात जाना था लेकिन ड्राइवर को माल जयपुर में कहीं देना था और इसके बाद माल गुजरात जाना था लेकिन टीम ने पहले ही इस अवैध शराब को पकड़ लिया।
आबकारी विभाग की टीम के अनुसार शराब की बोतलों पर ONLY FOR SALE UT CHANDIGARH लिखा हुआ था। आबकारी विभाग की टीम पीओ महेश कुमार मील के नेतृत्व में नवलगढ़ से कंटेनर का पीछा कर रही थी। विभाग के अनुसार फेस्टिवल सीजन और चुनावी सीजन में अवैध शराब पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है।
गौरतबल है कि अवैध शराब की तस्करी करने वाले माफियाओं ने अपना पैटर्न बदला लिया है। पहले जहां ट्रकों में शराब की तस्करी की जाती थी वहीं अब दूध के टैंक, गुप्त चैंबर आदि में शराब की तस्करी की जाती है। जिससे कि आसानी से वह पकड़ में नहीं आ सके।