‘मेरा कॉन्सेप्ट क्लियर, मैं उपचुनाव में दावेदार नहीं’:प्रहलाद गुंजल बोले- नरेश मीणा कांग्रेस की पूंजी बनकर उभरेगा
'मेरा कॉन्सेप्ट क्लियर, मैं उपचुनाव में दावेदार नहीं':प्रहलाद गुंजल बोले- नरेश मीणा कांग्रेस की पूंजी बनकर उभरेगा

टोंक : मैं देवली-उनियारा विधानसभा सीट से उपचुनाव में दावेदार नहीं हूं। मैंने पार्टी अध्यक्ष और अन्य नेताओं को पहले ही अवगत करा दिया। यहां से उर्जावान, संघर्षशील नरेश मीणा को दो टिकट दो। वह एसेट है। ऐसे युवा नेता कम मिलते हैं। नरेश मीणा कांग्रेस की पूंजी बनकर उभरेगा। यह कहना है कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल का।
प्रदेश में जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उसमें टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट भी है। इस सीट पर प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस के टिकट का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। हालांकि हाल ही में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने पायलट समर्थक पूर्व छात्रनेता नरेश मीणा को टिकट देने की बात कहकर सियासी चर्चाओं को तेज कर दिया है।

गुंजल के लिए नरेश मीणा ने किया था प्रचार कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल कोटा से है और उन्होंने लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का दामन थामकर लोकसभा स्पीकर के सामने चुनाव लड़ा था। उसमें सचिन पायलट समर्थक मूलत बारां जिले के रहने वाले वाले राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर के पूर्व छात्रसंघ महासचिव नरेश मीणा ने दमखम से प्रचार किया था। नरेश मीणा का प्रचार करने का तरीका और उनकी सभाओं में युवाओं की उमड़ती भीड़, उनका भाषण..इन सभी ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष समेत कई नेताओं को काफी प्रभावित किया था। नरेश मीणा और प्रहलाद गुंजल की जोड़ी को हाड़ोती की नई लीडरशीप के तौर पर लोग देखने लगे है।

नरेश मीणा ने देवली-उनियारा सीट पर पेश की दावेदारी
दरअसल, लोकसभा चुनाव में प्रहलाद गुंजल ने भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली थी और कोटा सीट पर ओम बिरला के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस दौरान सचिन पायलट समर्थक नरेश मीणा ने गुंजल के लिए दमखम से प्रचार किया था। अब विधानसभा उपचुनाव में देवली-उनियारा सीट पर नरेश मीणा ने भी दावेदारी पेश की है। इस सीट पर टोंक-सवाई माधोपुर सांसद हरीशचंद्र मीना के बेटे हनुमंत सिंह भी दावेदार हैं।
गुंजल बोले- नरेश मीणा है मजबूत कैंडिडेट
नरेश मीणा कांग्रेस राजनीति में सचिन पायलट के करीबी समर्थकों में से एक माने जाते है। लोग चर्चा कर रहे है कि प्रहलाद गुंजल बेबाक बयानबाजी और जुबान के पक्के है। नरेश ने लोकसभा चुनाव में गुंजल के लिए तन-मन से काम किया था। आज वे नरेश मीणा के लिए अपना हक अदा कर रहे है। इस राजनीतिक महत्वाकांक्षा के जमाने में गुंजल जैसा राजनेता कम ही मिलते है, जिन्होंने साफ कहा है कि नरेश मीणा ऊर्जावान और संघर्षशील कार्यकर्ता है। उसे पार्टी को देवली-उनियारा से टिकट देना चाहिए। नरेश कांग्रेस की पूंजी बनकर उभरेगा। वह इस सीट के लिए मजबूत कैंडिडेट है।
मीडिया के सर्वें में भी नरेश मीणा को दौसा और देवली-उनियारा से लोगों ने ऑनलाइन संभावित प्रत्याशी के लिए वोट दिए है। नरेश मीणा की कार्यशैली को देखकर लोग उन्हे छोटा किरोड़ी मीणा भी कहते है। वह संघर्ष और आंदोलन की राजनीति करने के लिए पहचाने जाते है।
चर्चा यह भी हो रही है
वैसे तो नरेश मीणा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और टोंक विधायक सचिन पायलट के करीबी माने जाते है। लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रमुख की ओर से कोटा में प्रहलाद गुंजल के लोकसभा चुनावों में प्रचार करने की दी गई जिम्मेदारी के बाद कुछ और ही कयास लगाए जा रहे है। लोग कयास लगा रहे कि पायलट से ज्यादा प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा नरेश मीणा को देवली-उनियारा से टिकट दिलाने में ज्यादा पैरवी कर रहे है।
नरेश मीणा का पूर्वी राजस्थान हाड़ौती में क्रेज
छोटा किरोड़ी के नाम से प्रसिद्ध 45 वर्षीय नरेश मीणा पुत्र कल्याण सिंह मीना बारां जिले के छोटे से नयागांव के है। तेज तर्रार भाषण और छात्रों के लिए आंदोलन करने की रुचि से छात्रों के बीच लोकप्रिय हो गए। राजस्थान यूनिवर्सिटी में 2002 राजस्थान विश्वविद्यालय NSUI के टिकट पर छात्रसंघ महासचिव बने। सन् 2004 में राजस्थान विश्वविद्यालय अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा। मीणा के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स है और छात्रों व युवाओं पर उनकी जबर्दस्त पकड़ है। बारां, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर अलवर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, सीकर में मीणा व आदिवासी युवाओं में सबसे अधिक लोकप्रिय है। 2023 विधानसभा चुनाव छबड़ा—छीपाबड़ौद से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और 43,921 मत प्राप्त किए। 2003-04 से कांग्रेस विचारधारा के साथ जुड़कर अनेक विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में प्रचार किया।