एसएमएस अस्पताल पर मरीजों का भार होगा कम:750 करोड़ से रिम्स में तब्दील होगा आरयूएचएस; एम्स जैसी सुविधा मिलेगी
नियमित भर्ती होने तक सेवानिवृत्त एवं कार्य करने के इच्छुक डॉक्टरों को लगाया जाएगा

जयपुर : चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा है कि राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से संबद्ध अस्पताल को एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 750 करोड़ रुपए की लागत से चरणबद्ध रूप से विकसित किया जाएगा। साथ ही आरयूएचएस अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं के लिए आवश्यक स्टाफ भी जल्द लगाया जाएगा। यह बात खींवसर ने गुरुवार को आरयूएचएस में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि एसएमएस अस्पताल पर मरीजों का भार कम करने, शोध को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आरयूएचएस को रिम्स के रूप में विकसित करने की घोषणा कर चुके है। अधिकारियों को तय समय में विकसित करने के निर्देश दिए। इस मौके पर चिकित्सा विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़, चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, आरयूएचएस के कुलपति डॉ. धनंजय अग्रवाल, प्रो वाइस चांसलर डॉ. सुधांश कक्कड़, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी, आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विनोद जोशी, अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह समेत अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
- रिम्स के विकास के लिए होने वाले निर्माण कार्यों, जांच एवं उपचार के लिए उपकरणों तथा चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ की आवश्यकताओं का आकलन कर प्लान बनाएं।
- नियमित भर्ती होने तक सेवानिवृत्त चिकित्सकों एवं यहां कार्य करने के इच्छुक चिकित्सकों को लगाने सहित कई निर्णय लिए गए।