संत के आत्मदाह पर एफआर लगाई, डीग सीओ एपीओ:पहाड़ों पर अवैध खनन से दुखी थे बाबा विजयदास, 551 दिन चला था आंदोलन
संत के आत्मदाह पर एफआर लगाई, डीग सीओ एपीओ:पहाड़ों पर अवैध खनन से दुखी थे बाबा विजयदास, 551 दिन चला था आंदोलन

भरतपुर : दो साल पहले डीग के गांव पसोपा में पहाड़ाें में खनन के विरोध में संत विजय दास के आत्मदाह मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने मामले में एफआर लगाने वाले सीओ प्रेम बहादुर को एपीओ कर दिया है।
बताया जा रहा है कि आईजी राहुल प्रकाश ने इस मामले में सीओ की जांच को सही नहीं माना था। इसके बाद डीजीपी साहू ने मंगलवार रात ये आदेश जारी किए हैं। कामां के सीओ डीग का अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगे।
डीग एसपी राजेश मीणा ने बताया- संत विजय दास आत्मदाह मामले की जांच डीग सीओ प्रेम बहादुर के पास थी। 20 दिन पहले उन्होंने इस मामले में गलत एफआर लगा दी थी। जब मामला आईजी तक पहुंचा तो इस मामले की जांच कामां एएसपी सतीश यादव को सौंपी। जांच रिपोर्ट आने के बाद सीओ प्रेम बहादुर के खिलाफ एक्शन लिया गया।
16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था धरना
दरअसल, आदिबद्री समेत डीग और कामां में ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग में आने वाले पर्वतों पर खनन किया जा रहा था। इन्हें वनक्षेत्र संरक्षित भूमि घोषित करने के लिए 16 जनवरी 2021 को धरना शुरू हुआ था। धरना 551 दिन चला था। कई साधु-संत इस आंदोलन में शामिल हुए थे।
संत विजय दास पसोपा के पशुपति नाथ मंदिर के महंत (पुजारी) थे। 20 जुलाई 2022 को बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में विजय दास ने केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली थी। विजय दास के आत्मदाह की घटना के बाद तत्कालीन सरकार के आश्वासन के बाद साधु-संतों ने आंदोलन खत्म कर दिया था। एक दिन बाद सरकार ने अवैध खनन वाली जमीन को वन विभाग को ट्रांसफर कर दिया।

बाबा विजय दास की मौत के बाद दर्ज हुआ था मामला बाबा विजय दास के आत्मदाह से पहले 19 जुलाई 2022 को बाबा नारायण दास टावर पर चढ़ गए थे। बाबा नारायण दास ने धमकी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह टावर से कूदकर अपनी जान दे देंगे।
इस मामले में खोह थाना SHO विनोद कुमार ने 19 जुलाई को मामला दर्ज करवाते हुए बताया था कि आदिबद्री और कनकांचल पर्वत से खनन हटाकर संरक्षित करने की मांग को लेकर 16 जनवरी 2021 से साधु-संतों का धरना प्रदर्शन चल रहा है। साधु-संतों की ओर से चेतावनी दी गई थी कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे 19 जुलाई को जयपुर में सीएम आवास के बाहर आत्मदाह करेंगे।
इस बीच, 20 जुलाई 2022 को करीब 11 बजकर 30 मिनट पर बाबा विजय दास खुद को आग लगाकर बाहर आए। पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग को बुझाया। विजय दास को भरतपुर के आरबीएम अस्पताल लेकर गए। जहां से उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया। वहां से दिल्ली के सफरदजंग हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में उन्हें भर्ती करवाया गया। 23 जुलाई को तड़के उनकी मौत हो गई थी।
विजय दास के आत्मदाह के बाद पुलिस ने नारायण दास को समझाकर नीचे उतारा। विजय दास के आत्मदाह के बाद 19 जुलाई को दर्ज हुए मामले में ही मर्ज कर दिया था। इसमें बताया- बाबा विजय दास ने खुद को आग लगाई, निश्चित ही किसी ने उन्हें उकसाया होगा। साथ ही सामग्री भी उपलब्ध करवाई होगी।