राजस्थान की फीमेल डॉक्टर्स में खौफ:400 महिला डॉक्टर देती हैं रात में ड्यूटी, 200 सुरक्षाकर्मियों का दावा, मिली खाली कुर्सियां
राजस्थान की फीमेल डॉक्टर्स में खौफ:400 महिला डॉक्टर देती हैं रात में ड्यूटी, 200 सुरक्षाकर्मियों का दावा, मिली खाली कुर्सियां

जयपुर : कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के बाद राजस्थान की फीमेल डॉक्टर्स भी खौफ में हैं। सुरक्षा को लेकर हड़ताल और प्रदर्शन भी किए थे और अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। चिकित्सा विभाग ने 20 सितंबर तक पुख्ता इंतजाम की बात कही है। साथ ही यह भी दावा किया कि रात को 200 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
बता दें कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में 1000 से अधिक फीमेल रेजिडेंट हैं। इनमें से 400 से अधिक की ड्यूटी रात को लगती है। इनमें एसएमएस, जयपुरिया, गणगौरी, महिला, कांवटिया, आरयूएचएस जैसे प्रमुख अस्पताल शामिल हैं। बुधवार और गुरुवार रात भास्कर ने अस्पतालों पर पहुंचा तो सुरक्षाकर्मियों की कुर्सियां खाली मिली और मरीजों के साथ पहुंचे 10 से 15 परिजन रेजिडेंट को घेर कर झगड़ते हुए दिखे। यहां तक कि वार्डों में आवारा कुत्ते और बिल्ली घूमते नजर आए।
एसएमएस; मरीज के परिजन व स्टाफ आमने-सामने, पुलिस पहुंची
बुधवार रात 12 बजे इमरजेंसी में 50 से अधिक मरीज और इनसे ज्यादा परिजन थे। सुरक्षा के लिए दो कर्मी थे। इनमें से एक इधर-उधर घूम रहा था। कई मरीजों के साथ तीन-चार जने अंदर जा रहे थे, जबकि एक मरीज के साथ अधिकतम दो ही अंदर जा सकते हैं।
एक मरीज के परिजन पहले देखने की जिद करते हुए रेजिडेंट से उलझ गए। अन्य लोगों ने बीचबचाव किया। इस दौरान सुरक्षाकर्मी वहां नहीं आया। पहली और दूसरी मंजिल व ब्लड बैंक के बाहर कुत्ते घूम रहे थे। न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, हड्डी वार्ड, मेडिसिन वार्ड के बाहर सुरक्षाकर्मी नहीं थे। कुर्सियां खाली पड़ी थीं।
गुरुवार रात एक मरीज के साथ 10 से अधिक लोग इमरजेंसी में घुस गए और पहले उनके मरीज को देखने की जिद करने लगे। रेजिडेंट्स कुछ देर रुकने का कहा तो भिड़ गए। स्टाफ व परिजन आमने-सामने हो गए। सूचना पर एसएमएस चौकी से पहुंची पुलिस की समझाइश पर बाहर गए। इसके चलते करीब एक घंटे चले इमरजेंसी का काम रुका रहा।
जयपुरिया, जेके लोन और गणगौरी में सुरक्षाकर्मी ही नहीं
जयपुरिया, जेके लोन, गणगौरी अस्पताल में भी सुरक्षाकर्मी नदारद थे। जयपुरिया की इमरजेंसी पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था। जेके लोन और गणगौरी अस्पताल के वार्डों में भी सुरक्षाकर्मी नदारद दिखे। जेके लोन के वार्डों में कुत्ते और बिल्ली घूमते दिखे।
रेजिडेंटस, डॉक्टर्स और स्टाफ की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षाकर्मियों की काउंटिंग की जाती है और कम होने पर पेनल्टी भी लगाई जाती है। – डॉ. दीपक माहेश्वरी, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज