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निजी अस्पताल में प्रसूता की मौत का मामला:हॉस्पिटल के बाद धरने पर बैठे परिजन और ग्रामीण, डॉक्टर का लाइसेंस रद्द कर गिरफ्तार करने की मांग


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निजी अस्पताल में प्रसूता की मौत का मामला:हॉस्पिटल के बाद धरने पर बैठे परिजन और ग्रामीण, डॉक्टर का लाइसेंस रद्द कर गिरफ्तार करने की मांग

चिड़ावा कस्बे के राजीव अस्पताल में प्रसूता की मौत के मामले में आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अधिक खून बहने से मौत होना बताया गया है। इसके बाद मामले में साफ तौर पर डॉक्टरों की लापरवाही का आरोप महिला के परिजनों ने लगाया है।

चिड़ावा : चिड़ावा शहर के निजी अस्पताल राजीव हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत से परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश है। घटना के दो दिन बाद शनिवार को कबूतर खाना स्टैंड से खेतड़ी रोड स्थित गोलमार्केट तक विरोध रैली निकाली और इसके बाद राजीव हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठ गए। अस्पताल और डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग को लेकर ग्रामीण नारेबाजी कर रहे हैं और तुरंत डॉक्टर का लाइसेंस रद्द करने और गिरफ्तारी की जा रही है।

ये था मामला
पीड़ित केहरपुरा कलां निवासी बाबूलाल ने थाने में रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि उनकी पुत्रवधु ममता पत्नी सुमित कुमार की प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में लेकर आए। जहां 14 अगस्त को डॉक्टर ने प्रसूता का सीजेरियन प्रसव करवा दिया गया। कुछ घंटों बाद प्रसूता ममता की तबीयत खराब होने लगी। जिसने दम तोड़ दिया। 15 अगस्त को सुबह पोस्टमॉर्टम मेडिकल बोर्ड से करवाने के बाद निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया था।

25 अगस्त दी थी डिलीवरी डेट
डॉक्टर्स ने ममता की डिलीवरी की तारीख 25 अगस्त दी थी, लेकिन 13 अगस्त को प्रसव पीड़ा होने पर उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टर्स ने 14 अगस्त को सिजेरियन डिलीवरी की, लेकिन शाम को यह सूचना दी कि हार्ट फेल होने से ममता की मौत हो गई।

सीजेरियन डिलीवरी के बाद तबीयत बिगड़ने के बाद महिला की मौत हो गई।
सीजेरियन डिलीवरी के बाद तबीयत बिगड़ने के बाद महिला की मौत हो गई।

विधायक भी पहुंचे
विधायक पितराम काला भी जानकारी मिलने पर अस्पताल पहुंचे थे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और दोषी मिलने पर अस्पताल और डॉक्टर पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रसूता ममता के तीसरा प्रसव था। फिलहाल प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

एसडीएम को दिया ज्ञापन
मामले में परिजन ग्रामीणों के साथ पंचायत समिति कार्यालय पहुंचे। यहां पर एसडीएम बृजेश गुप्ता से प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। जिसके बाद एसडीएम को ज्ञापन देकर डॉक्टर और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। एसडीएम ने मामले की निष्पक्ष जांच करवाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया।

10 साल पहले हुई थी शादी ​​​​​​​
नौरंगपुरा की रहने वाली ममता की शादी 28 अप्रैल 2014 को केहरपुरा कलां निवासी सुमित से हुई थी। महिला की पहली डिलीवरी 2016 में हुई थी, जिसमें बेटा हुआ था, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण तीन महीने बाद उसकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद, 2018 में ममता ने बेटी रिया को जन्म दिया।

ममता का पति सुमित दमन में एक निजी कंपनी में काम करता है। देवर अमित गांव में हेयर सैलून चलाता है, और सास कमला व ससुर बाबूलाल घर पर ही रहते हैं। ममता गृहिणी थी।

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