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टीचर के साथ स्टूडेंट भी स्कूल में चला पाएंगे मोबाइल:पढ़ाई के लिए मिलेगी छूट; शिक्षक के लिए शर्त-प्रिंसिपल या स्टाफ रूम में ही चला पाएंगे फोन


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टीचर के साथ स्टूडेंट भी स्कूल में चला पाएंगे मोबाइल:पढ़ाई के लिए मिलेगी छूट; शिक्षक के लिए शर्त-प्रिंसिपल या स्टाफ रूम में ही चला पाएंगे फोन

टीचर के साथ स्टूडेंट भी स्कूल में चला पाएंगे मोबाइल:पढ़ाई के लिए मिलेगी छूट; शिक्षक के लिए शर्त-प्रिंसिपल या स्टाफ रूम में ही चला पाएंगे फोन

जयपुर : राजस्थान के स्कूलों में अब टीचर्स के साथ स्टूडेंट भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पाएंगे। हालांकि इनके लिए अलग-अलग शर्तें जारी की गई है। इन शर्तों के अनुसार स्टूडेंट केवल पढ़ाई के लिए ही फोन यूज कर पाएंगे। वहीं टीचर को प्रिंसिपल या स्टाफ रूम में जाकर फोन यूज करना होगा। दरअसल, 6 मई 2024 को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की ओर से प्रदेश की सभी स्कूलों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंधन लगाने का बयान दिया गया था। इसमें कहा गया था- टीचर्स स्कूलों में फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

इसके 1 जुलाई को जब सत्र की शुरुआत हुई तो इसके आदेश जारी किए गए। इसके बाद से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई संबंधित दूसरा काम भी प्रभावित होने लगा। ऐसे में बढ़ते विरोध को देखते हुए बुधवार 14 अगस्त को इसे लेकर रिवाइज गाइडलाइन जारी की गई।

ये आदेश तीन महीने पहले का है। शिक्षा मंत्री के बयान के बाद कोटा संभाग में फोन बैन को लेकर आदेश जारी किया गया था।
ये आदेश तीन महीने पहले का है। शिक्षा मंत्री के बयान के बाद कोटा संभाग में फोन बैन को लेकर आदेश जारी किया गया था।

फोन यूज करने के लिए ये रहेगी शर्तें…

1. स्टूडेंट्स स्कूलों में मोबाइल फोन का उपयोग टीचर्स की अनुमति के बाद कर सकेंगे।

2. स्कूलों में क्लास के दौरान टीचर के मोबाइल की घंटी बजने से स्टूडेंट्स को डिस्टरबेंस होता है। ऐसे में क्लास में मोबाइल फोन के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।

3. स्कूलों में स्टाफ द्वारा प्रिंसिपल के कमरे या फिर स्टाफ रूम में मोबाइल जमा करने की व्यवस्था होगी। हालांकि स्कूल स्टाफ द्वारा जरूरत पड़ने पर मोबाइल का स्कूल परिसर में उपयोग किया जा सकेगा। लेकिन, क्लास रूम, प्रार्थना सभा और बाल सभा के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

4. शिक्षा विभाग से जुड़े शैक्षणिक और सहशैक्षणिक कार्यों के लिए प्रिंसिपल रूम या फिर स्टाफ रूम में मोबाइल का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस दौरान भी कोशिश करनी होगी कि स्टूडेंट्स के सामने कम से कम मोबाइल फोन का इस्तेमाल हो।

5. ऑनलाइन क्लास या किसी विशेष शैक्षणिक कार्य में अगर मोबाइल का इस्तेमाल बहुत ज्यादा जरूरी हो तो क्लास में सिर्फ पढ़ाई से संबंधित काम में ही मोबाइल का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

6. शैक्षणिक कार्य के साथ ही किसी निजी कार्य में अगर स्कूल स्टाफ को मोबाइल का इस्तेमाल करना है तो वह प्रिंसिपल रूम में जाकर मोबाइल का इस्तेमाल कर सकेंगे।

शिक्षा मंत्री के बयान के बाद शिक्षा विभाग ने दोबारा रिवाइज ऑर्डर जारी किए है। इस बार शर्तों के साथ अनुमति दी है।
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद शिक्षा विभाग ने दोबारा रिवाइज ऑर्डर जारी किए है। इस बार शर्तों के साथ अनुमति दी है।

6 मई को ये कहा था शिक्षा मंत्री ने

शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में मोबाइल यूज पर 6 मई को बयान दिया था। उन्होंने कहा था- अब सरकारी स्कूलों में मोबाइल पूरी तरह से बैन किया जाएगा। इसके पीछे उनका तर्क है कि स्कूलों में टीचर पूरे दिन मोबाइल पर शेयर मार्केट और न जाने क्या-क्या देखते रहते हैं। टीचर्स उसमें उलझे रहते हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल एक बीमारी जैसा हो गया है।

अब सरकारी शिक्षकों को स्कूल में मोबाइल लाने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई शिक्षक गलती से मोबाइल लेकर आ जाता है तो उसे अपना मोबाइल प्रिंसिपल के पास जमा कराना होगा। केवल प्रिंसिपल को ही स्कूल में मोबाइल लाने की अनुमति होगी।

इमरजेंसी की स्थिति में प्रिंसिपल के पास फोन आएगा, वह शिक्षक को सूचना देगा। अगर किसी से बात करानी होगी तो कराएगा। शिक्षक को किसी भी हाल में स्कूल में मोबाइल लाने की अनुमति नहीं होगी। इससे अभी तक स्टूडेंट की पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा था, वो बचेगा।

शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद संबंधित अधिकारियों ने इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिए थे और स्कूल में मोबाइल को बैन कर दिया गया था।

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