नागरिक हितों की रक्षा में मीडिया की भूमिका महत्त्वपूर्ण : सत्यानी
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सूचना केंद्र में आईएफडब्ल्यूजे के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में हिंदी पत्रकारिता की दशा-दिशा और सोशल मीडिया की भूमिका पर मंथन

चूरू : हिंदी पत्रकारिता दिवस पर गुरुवार को इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट की ओर से सूचना केंद्र में पत्रकारिता और सोशल मीडिया विषय पर आयोजित सेमिनार में पत्रकारिता की वर्तमान दशा-दिशा और बदलते परिदृश्य में सोशल मीडिया की भूमिका पर मंथन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी ने कहा कि लोकतंत्र में नागरिक हितों की रक्षा में मीडिया की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। देश की आजादी की लड़ाई में पत्रकारों की अहम भूमिका रही है, वहीं आजादी के बाद देश को आगे बढ़ाने में विकासात्मक पत्रकारिता का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के जनहितैषी कार्यक्रमों को अंतिम छोर तक पहुंचाने में मीडिया का योगदान किसी से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हिंदी पत्रकारिता की अपनी एक साख है और करीब दो सौ साल का एक गरिमा और गौरव से परिपूर्ण सफर हिंदी पत्रकारिता ने तय किया है। उन्होंने चूरू के लोगों की जीवट की सराहना करते हुए कहा कि चूरू की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां के पत्रकारों का काम और भी चुनौतीपूर्ण है।
मुख्य वक्ता प्रख्यात राजनैतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार अरविंद चोटिया ने कहा कि सोशल मीडिया ने पत्रकारिता के दायरे को और विस्तृत किया है लेकिन सोशल मीडिया में आत्म-अनुशासन की जरूरत अधिक है, तभी उसकी विश्वसनीयता और बेहतर हो सकेगी। पत्रकारिता रोजगार का एक जरिया हो सकती है लेकिन जो लोग अत्यधिक धनार्जन के लिए इस क्षेत्र में हैं, उन्हें यह क्षेत्र छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की भाषा सरल एवं सहज होनी चाहिए, जिससे साधारण से साधारण व्यक्ति उसे आसानी से ग्रहण कर सके। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के मूल्यों एवं उद्देश्याेंं को ध्यान में रखकर हमें अपना काम करना चाहिए। हिंदी पत्रकारिता का एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है और हमें उसे अपना आदर्श मानकर बेहतर दिशा में बढ़ने की जरूरत है। पत्रकारिता एक ऎसा क्षेत्र है, जिसमें हम में से अधिकतर लोग अपनी मर्जी से आए हुए हैं। हमें उसी भाव को आत्मसात करते हुए उद्देश्यपरक पत्रकािरता की ओर बढ़ना है।
विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय ने कहा कि सोशल मीडिया क्रांति ने पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बदलाव किया है, इसके अच्छे-बुरे सभी पक्ष हैं लेकिन फिर भी अनेक उदाहरण हैं, जहां सोशल मीडिया बदलाव का वाहक बना है। उन्होंने कहा कि पत्रकार साथियों को अपनी व्यस्ततम दिनचर्या के बीच अध्ययन के लिए अधिक समय निकालने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे उनकी भाषा और काम में अधिक निखार आएगा।
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए नरेंद्र शर्मा ने कहा कि पत्रकार हितों की सुरक्षा के लिए अधिक संगठित होकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब तक हम स्वयं अपने काम के लिए गंभीर नहीं होंगे, तब तक कोई दूसरा भी हमें गंभीरता से नहीं लेगा।
आईएफडब्ल्यूजे के उपाध्यक्ष पत्रकार मनोज शर्मा ने कहा कि उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के इस गौरवमयी सफर में अनेक चुनौतियां सामने आई हैं लेकिन हिंदी पत्रकारिता ने हमेशा पूरी ताकत से उसका मुकाबला किया है। आने वाले समय में भी हर चुनौती का हमें डटकर मुकाबला करना होगा।
स्वागत उद््बोधन में सहायक जनसंपर्क अधिकारी मनीष कुमार ने मीडिया के विभिन्न आयामों की चर्चा की और कहा कि इस तरह के आयोजनों से पत्रकारों की रचनात्मकता को बल मिलता है। पूर्व जिलाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक अमित तिवारी ने आभार व्यक्त किया।
इस दौरान साहित्यकार मोहन सोनी, नगर पालिका पीआरओ किशन उपाध्याय, राधेश्याम चोटिया, मनोज शर्मा, राजेंद्र सिंह शेखावत, गजेंद्र सिंह चौहान, मनोज मिश्रा, बाबूलाल राव, मनोज शर्मा तारानगर ने विचार व्यक्त करते हुए पत्रकारिता की चुनौतियों और वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा की। संचालन कुंजबिहारी बिरमीवाला ने किया।
इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पत्रकार आशीष गौतम, गिरधारी सैनी, नरेश भाटी, ललित चौहान, सहायक प्रोग्रामर अभिषेक सरोवा, महेंद्र सोनी, भरत सैन, अख्तर मुगल, कुलदीप राव, विजय चौहान, हनीफ अली, विजय सारस्वत, राहुल शर्मा, दिनेश लाटा, रामचंद्र गोयल, नरेश पारीक, मोहम्मद अली पठान, संजय गोयल आदि ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई।