मोदी के 111 भाषणों के मुख्य मुद्दे क्या थे, कितनी बार हिन्दू-मुसलमान किया, जानिए
मोदी के 111 भाषणों के मुख्य मुद्दे क्या थे, कितनी बार हिन्दू-मुसलमान किया, जानिए

मोदी के इन 10 भाषणों में 6 बार अयोध्या के राम मंदिर का जिक्र आया और वोट मांगे गए। इसी तरह 400 पार नारे का जिक्र 8 बार आया। मोदी की गारंटी का 7 बार हवाला दिया।
6 अप्रैल से 20 अप्रैल तक 34 भाषणों में क्या बोले मोदीः कांग्रेस का घोषणापत्र 5 अप्रैल को आया था। कांग्रेस ने इसे न्याय पत्र नाम दिया। काफी मेहनत से तैयार किए गए इस न्याय पत्र ने हलचल मचा दी। आमतौर पर जनता राजनीतिक दलों के घोषणापत्र को नहीं पढ़ती। पत्रकार भी सिर्फ स्टोरी बनाने के लिए घोषणापत्र पर नजर डालते हैं। लेकिन मोदी ने अपने भाषणों के जरिए कांग्रेस के घोषणापत्र पर बार-बार हमला करके एक तूफान खड़ा कर दिया। उन्होंने इसे मुस्लिम लीगी छाप वाला घोषणापत्र बताया। लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को मिला। लोग उसका घोषणापत्र पढ़ने को मजबूर हुए औऱ हालात बदलते चले गए।
21 अप्रैल से 15 मई के 67 भाषणों में क्या कहाः मोदी के हिन्दू-मुसलमान वाले भाषण इस दौर में सबसे ज्यादा हुए। हालांकि इसी दौरान वो इंटरव्यू में यह भी दावा कर रहे थे कि उन्होंने कभी भी हिन्दू मुसलमान नहीं किया। मोदी ने केंद्रीय चुनाव की आचार संहिता और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ताक पर रख दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साम्प्रदायिक भाषणों पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। चुनाव आयोग पांच चरण के चुनाव होने तक एक बार भी मोदी पर सीधे ठोस कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि वो यह भी टिप्पणी नहीं कर सका कि प्रधानमंत्री को ऐसे भाषण नहीं देने चाहिए। लेकिन इसका एक नतीजा यह भी निकला कि लोगों ने मोदी के भाषणों को बतौर प्रधानमंत्री भी गंभीरता से लेना छोड़ दिया। सोशल मीडिया पर मोदी के भाषणों का मजाक, मीम, कार्टून अब आम बात है।
21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में, मोदी ने रैली में मुसलमानों पर सीधे हमला किया। वेल्थ ड्रिस्ट्रीब्यून के संदर्भ में पहली बार “घुसपैठिए” का उल्लेख किया। अगर शुरू से 15 मई तक की बात करें तो उनके कुल 111 भाषणों में 12 बार घुसपैठियों का जिक्र आया था। इसी तरह बांसवाड़ा रैली से मोदी ने हिन्दू महिलाओं का मंगलसूत्र छीन कर मुस्लिम महिलाओं को देने का जिक्र भी किया। मंगलसूत्र टिप्पणी का जिक्र इस अवधि में 67 में से 23 भाषणों में आया। इसके बाद तो उन्होंने कई जगह कहा कि जिसके पास दो कमरे होंगे, एक छीनकर मुसलमान को दे देगी कांग्रेस, जिसके पास 2 भैंस होगी, एक भैंस मुसलमान को दे दी जाएगी। यहां तक मतदाताओं को क्रिकेट टीम में ज्यादा मुस्लिम खिलाड़ी होने का डर भी दिखाया। मोदी के 67 भाषणों में 43 बार राम और अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र आया। हालांकि सीएसडीएस के सर्वे में पहले ही बता दिया गया था कि जनता राम मंदिर के मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है। लेकिन मोदी ने अपनी तरफ से कोशिश नहीं छोड़ी।
21 अप्रैल से 15 मई तक हिंदू-मुस्लिम टिप्पणियाँ, कथित “मुस्लिम वोट बैंक” को लाभ पहुंचाने के लिए धन का रीडिस्ट्रीब्यूशन, दलित, एसटी और ओबीसी से आरक्षण की “छीनने” की बात मोदी के 67 में से 60 भाषणों में कही गई।