राजस्थान में यहां जमीन से उठे बुलबुले देख हर कोई हैरान, जबरदस्त वायरल हो रहा ये वीडियो
झुंझुनूं शहर में मंडावा मोड पर आरटीडीसी ऑफिस के सामने पिछले तीन दिन से सड़क के किराने मिट्टी में उठ रहे बुलबुलों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पूरे शहर में यह बुलबुले चर्चा का विषय बने हुए हैं।
झुंझुनूं : झुंझुनूं शहर में मंडावा मोड पर आरटीडीसी ऑफिस के सामने पिछले तीन दिन से सड़क के किराने मिट्टी में उठ रहे बुलबुलों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पूरे शहर में यह बुलबुले चर्चा का विषय बने हुए हैं। लोग बुलबुलों को देखने के लिए आ रहे हैं। कई लोग इसे बीकानेर में मिट्टी धंसने वाली घटना से जोड़कर भी चर्चा कर रहे हैं। यह बुलबुले क्यों उठ रहे हैं, इसका सही कारण अभी सामने नहीं आया है। जहां यह बुलबुले उठ रहे हैं, उसके पास कुछ दिन पहले एक कॉम्पलेक्स में आग भी लगी थी।
इस बारे में खनिज अभियंता छगन लाल सेन ने बताया कि वीडियो मैंने भी देखा है, लेकिन यह मामला हमारे विभाग के अधीन नहीं है। भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी ही इसकी सही जानकारी दे सकते हैं। वहीं वीडियो देखने के बाद भूजल वैज्ञानिक अतुल धवन भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि वीडियो में मैने बुलबुले उठते देखे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे गैस बाहर निकल रही है और मिट्टी हल्की सी अंदर जा रही है, लेकिन सही जानकारी तो जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी ही दे सकते हैं।
मंडावा मोड़ पर सात मई से बुलबुले उठ रहे हैं। वहीं नौ मई को डाइट से आगे कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल के सामने ढलान में सड़क के किराने भी बुलबुले उठने लगे हैं। दोनों जगह में करीब किलोमीटर का अंतर है। दोनों ही एक ही मार्ग पर है।
झुंझुनूं शहर में मंडावा मोड पर आरटीडीसी ऑफिस के सामने पिछले तीन दिन से सड़क के किराने मिट्टी में उठ रहे बुलबुलों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पूरे शहर में यह बुलबुले चर्चा का विषय बने हुए हैं। pic.twitter.com/dPGuWdYmso
— जनमानस शेखावाटी (@Jan_Shekhawati) May 10, 2024
बीकानेर के सहजरासर गांव में पंद्रह अप्रेल की रात को धंसी मिट्टी का कारण सामने आ गया है। झालाना डूंगरी (जयपुर) से भारतीय भू-सर्वेक्षण विभाग की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची थी। टीम ने जल के अत्यधिक दोहन को इसका कारण माना है। जांच रिपोर्ट में बताया है कि बरसात की कमी से भूजल रिचार्ज नहीं हुआ। इससे जमीन खोखली हो गई और मिट्टी नीचे चली गई। जीसीआई ने मौसम विभाग, भूजल विभाग, सैटेलाइट समेत कई तरह के साक्ष्य जुटाए हैं। जीसीआई ने इसे भौगोलिक घटना माना है।