दोस्त के नाम 50 हजार का लोन लेकर की हत्या:मारने से पहले 150 किमी गाड़ी में घुमाया, पत्थर से किया वार
दोस्त के नाम 50 हजार का लोन लेकर की हत्या:मारने से पहले 150 किमी गाड़ी में घुमाया, पत्थर से किया वार

सीकर : सीकर की रानोली नदी में मिट्टी में कंकाल दबा होने के मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने ही दोस्त पर पत्थर से वार कर जान से मारा था। उसके बाद शव को मिट्टी में दबा दिया था। आरोपी ने अपने दोस्त के नाम से 50 हजार रुपए का लोन लिया था, जिसकी किश्त नहीं चुकानी पड़े। इस कारण उसकी हत्या कर दी।

सीकर एसपी भुवन भूषण यादव ने बताया कि 20 अप्रैल को रानोली नदी में एक कंकाल मिला था। कंकाल के कपड़े और ताबीज के आधार पर उसकी पहचान जगदीश प्रसाद निवासी रानोली के रूप में हुई, जो 27 मार्च से लापता था। परिजनों ने इस संबंध में 12 अप्रैल को पुलिस में मामला दर्ज करवाया था।
जांच में सामने आया कि जगदीश के नाम से उसके दोस्त नरेंद्र सैन ने 50 हजार रुपए का लोन ले रखा था, जो नरेंद्र को ही चुकाना था लेकिन नरेंद्र लोन की किश्त नहीं चुका रहा था। इस कारण लोन वाले जगदीश के घर पर आते थे। 27 मार्च को शाम के समय जगदीश अपने घर पर कहकर गया कि वह बाजार जा रहा है। इसके बाद घर पर नहीं लौटा। उस दिन नरेंद्र ने अपने दोस्त जगदीश को शराब पिलाने की बात कहकर गाड़ी में बैठा लिया।

शराब पिलाकर गाड़ी में घुमाया था
आरोपी नरेंद्र सैन (31) उसे अपने साथ अल्टो गाड़ी में बैठाकर शराब पिलाने लगा। इसके बाद उसे आस-पास के करीब 100 से 150 किलोमीटर एरिया में घुमाकर लाया। जब जगदीश के नशा होने लगा तो आरोपी नरेंद्र ने रास्ते में पत्थर उठाया और गाड़ी में रख लिया। इसके बाद जब वह रानोली नदी क्षेत्र की तरफ पहुंचा तो पत्थर से मारकर जगदीश के शव को मिट्टी में दबा दिया। इसके बाद खुद एक होटल के बाहर आकर गाड़ी में ही सो गया।
परिजनों से पूछताछ में दोस्त का पता चला
रानोली थानाधिकारी उमराव सिंह के अनुसार मृतक के परिजनों से पूछताछ की तो सामने आया कि उसके दोस्त नरेंद्र ने मृतक जगदीश के नाम से लोन ले रखा था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी नरेंद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने 8-9 लोन ले रखे हैं। जिसमें एक 50 हजार का लोन मृतक जगदीश के नाम भी था, जिसकी किश्त नहीं चुकानी पड़े।
इस कारण ही नरेंद्र ने जगदीश को मार दिया। दोनों के बीच करीब 4-5 साल से दोस्ती थी। मृतक जगदीश ईट भट्टे पर काम करता था। जो कई बार काम के सिलसिले में बाहर भी जाता। ऐसे में उसका फोन लगातार बंद आने के बाद भी घरवालों ने ज्यादा चिंता नहीं की।