ये कैसा आदेश…? पहले राजकार्य में बाधा पहुंचाने का हवाला देते हुए एपीओ किया फिर बहाल भी कर दिया
दौसा जिले के लवाण पंचायत समिति में विकास अधिकारी ने अपने ही कर्मचारियों पर राजकार्य में बाधा पहुंचाने का हवाला देते हुए उन्हें एपीओ किया, फिर 7 दिन के भीतर ही दूसरा पत्र जारी खुद ही बहाली के आदेश जारी कर दिए।

दौसा : दौसा जिले की लवाण पंचायत समिति से सरकारी अफसर की मनमानी का मामला सामने आया है। दरअसल लवाण पंचायत समिति की बीडीओ कंचन बोहरा ने कर्मचारियों पर राजकार्य में बाधा का आरोप लगाकर उन्हें एपीओ कर दिया। और तो और इसके महज 7 दिन बाद खुद ही नया आदेश निकालकर उन्हें बहाल भी कर दिया।
जानकारी के अनुसार पंचायत समिति लवाण की विकास अधिकारी ने 15 दिसंबर को एक पत्र द्वारा ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत रजवास शेरसिंह को बिना पूर्व सूचना के ग्राम पंचायत मुख्यालय से अनुपस्थित रहने व राजकार्य में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश की प्रतीक्षा में एपीओ कर दिया था।
एक विकास अधिकारी द्वारा किसी कर्मचारी पर राजकार्य में व्यवधान जैसे आरोप लगाने के बाद एपीओ किया जाना और 7 दिन में ही वापस बहाल किया जाना बीडीओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। पंचायत समिति की विकास अधिकारी द्वारा ग्राम विकास अधिकारी और कनिष्ठ सहायक पर ऐसे गंभीर आरोप लगाए जाना और फिर उन्हें वापस उसी स्थान पर बहाल किया जाना जांच का विषय है।
चर्चा तो यहां तक है कि जब कोई अधिकारी किसी को एपीओ करता है तो पहले विभाग या प्रशासन समिति का गठन किया जाता है। फिर उसके द्वारा एपीओ करने के निर्णय लिए जाते हैं और उन आदेशों को उच्च अधिकारी ही निरस्त कर सकता है। लेकिन लवाण पंचायत समिति की विकास अधिकारी ने अपने ही आदेशों को निरस्त करते हुए पुन: स्थापित करने का फरमान जारी किया, जो कहीं ना कहीं उनकी कार्यशैली की जांच की तरफ इशारा करता है।