क्या राजस्थान पर कांग्रेस का फोकस कम; अब डोटासरा आउट-पायलट इन, चुनाव के बीच क्यों बदल रहे पोस्टर्स?
Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के चुनावी पोस्टर पर बढ़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की तस्वीर को हटाकर पार्टी आलाकमान के चहरे और सचिन पायलट गहलोत के साथ पोस्टर पर नजर आ रहे हैं। विस्तार से पढ़िए सियासी घटनाक्रम...।
Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव जैसे आखिरी पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहा है। वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति बदल रहीं हैं। कांग्रेस के पोस्टर फेस को लेकर अब बड़ा और अहम बदलाव देने को मिल रहा है। पार्टी के पोस्टर से प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का चेहरा गायब हो गया है। वहीं, कांग्रेस आलाकमान और सचिन पायलट अग गहलोत के साथ नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरी तरह कांग्रेस आलाकमान पर राजस्थान पर कम ध्यान देने के आरोप लगे। इसे लेकर कांग्रेस नेता केसी वुणुगोपाल ने जवाब दिया है। आइए, इन दोनों बातों को विस्तार से समझते हैं… ।
सबसे पहले जानिए कैसे बदले पोस्टर फेस?
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस के कैंपेन का काम डिजाइन बॉक्स कंपनी देख रही है। सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार से लेकर पार्टी के चुनावी कैंपेन की कमान इसी कंपनी के हाथ में हैं। तीन-चार महीने पहले कंपनी की ओर से प्रदेश भर में सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करते हुए सीएम अशोक गहलोत के पोस्टर लगाए गए थे। इन पोस्टर पर गहलोत के अलावा किसी और चेहरा नहीं था। इससे नाराज होकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल उठा दिए। मामला इतना बढ़ा की बात दिल्ली तक पहुंच गई। बाद में डोटासरा का चेहरा भी पोस्टर पर लाया गया।
और फिर बदलने पड़े पोस्टर फेस
इसी बीच हाल ही में डोटासरा के यहां ईडी की टीम ने छापामार कार्रवाई की। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर भर्ती लीक मामले में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा के पकड़े जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने डोटासरा और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगा दिए। राठौड़ ने कहा था कि कटारा की मेहरबानी से डोटासरा का पूरा कुनबा आरएएस बन गया। इसके बाद कांग्रेस बैकफुट पर आ गई और डोटासरा के चेहरे को पोस्टर से हटाकर नए पोस्टरों पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राजस्थान के कद्दावर नेता सचिन पायलट को जगह दी गई।
पोस्टर फेस बदलने के कारण ये भी
सचिन पायलट के साइड लाइन होने के कारण गुर्जर मतदाता कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे थे। इसका असर सीधा कांग्रेस के वोट बैंक पर पड़ता, इससे बचने के लिए पोस्टर पर गहलोत और पायलट को साथ लाया गया। कर्नाटक में भी कांग्रेस ने ऐसा ही प्रयोग किया था। चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और सीएम प्रत्याशी सिद्धारमैया के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आईं तो कांग्रेस ने अपने कैंपेन में दोनों को एक साथ दिखाना शुरू कर दिया। इसका चुनाव में फायदा मिला।
राजस्थान पर कम ध्यान दे रही कांग्रेस, क्या बोली कांग्रेस?
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की गतिविधि के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने राजस्थान समेत सभी चुनावी राज्यों में कई बार प्रचार किया है। 16 नवंबर से पार्टी अध्यक्ष खरगे तीन दिन राजस्थान में रहेंगे। राहुल गांधी चार दिन चुनावी कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं, प्रियंका गांधी भी 3 दिनों के लिए प्रचार करेंगी। भाजपा और कुछ लोग हमारे खिलाफ दुष्प्रचार प्रचार कर रहे हैं। हमारी पूरी पार्टी, बूथ स्तर से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष तक, एकजुट होकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि राजस्थान में हमारी सरकार दोबारा बने। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटेंगे – क्योंकि कांग्रेस का राजस्थान की 8 करोड़ जनता के साथ अटूट, मजबूत रिश्ता है। एक ऐसा बंधन जो दशकों की सार्वजनिक सेवा और क्रांतिकारी शासन द्वारा बना है।