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भाजपा की 2 पर बगावत का खतरा:आसींद से धनराज व मांडलगढ़ से हाड़ा ने दिखाए बगावती तेवर, समर्थकों ने जताया विरोध


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भाजपा की 2 पर बगावत का खतरा:आसींद से धनराज व मांडलगढ़ से हाड़ा ने दिखाए बगावती तेवर, समर्थकों ने जताया विरोध

भाजपा की 2 पर बगावत का खतरा:आसींद से धनराज व मांडलगढ़ से हाड़ा ने दिखाए बगावती तेवर, समर्थकों ने जताया विरोध

भीलवाड़ा : भाजपा की दो दिन पहले जारी हुई सूची में भीलवाड़ा की चार सीटों पर चेहरे फाइनल होते ही दो सीटों पर कार्यकर्ताओं के बगावती तेवर नजर आने लग गए है। रविवार को आसींद सीट पर जब्बरसिंह को टिकट मिलने पर धनराज गुर्जर व मांडलगढ़ से गोपाल खंडेलवाल को टिकट मिलने पर शक्तिसिंह हाड़ा व उनके समर्थक विरोध में उतर गए। दोनों ही नेताओं के समर्थकों ने गुलाबपुरा व मांडलगढ़ में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और दोनों सीटों पर टिकट बदलने की मांग की।

कांग्रेस सरकार को बचाने का आरोप

भीलवाड़ा के जिला प्रमुख रहे शक्तिसिंह हाड़ा मांडलगढ़ से गोपाल खंडेलवाल को टिकट मिलने के बाद खुलकर विरोध में सामने आ गए है। हाड़ा को 2018 के उपचुनाव में भाजपा ने मांडलगढ़ से टिकट दिया था। हाड़ा को उस समय हार का सामने करना पड़ा था। इसके बाद 2018 के चुनाव में भाजपा ने गोपाल खंडेलवाल को टिकट दिया। खंडेलवाल ने विवेक धाकड़ को 10 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था।

शक्तिसिंह हाड़ा ने गोपाल खंडेलवाल पर कांग्रेस का सहयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गहलोत-पायलट विवाद के दौरान कांग्रेस सरकार गिरने वाली थी। उस समय खंडेलवाल ने कांग्रेस का साथ दिया था। इसके बाद ही मांडलगढ़ की दो पंचायत समिति में उनके सहयोग से कांग्रेस के प्रधान बने थे।

गुलाबपुरा में विरोध जताते धनराज गुर्जर के समर्थक
गुलाबपुरा में विरोध जताते धनराज गुर्जर के समर्थक

भाजपा से बैर नहीं, जब्बरसिंह की खैर नहीं के लगे नारे

गुलाबपुरा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन धनराज गुर्जर व उनके कार्यकर्ता भी आसींद सीट से जब्बरसिंह को टिकट मिलने के बाद विरोध में उतर आए है। कार्यकर्ताओं ने गुलाबपुरा में अपने विरोध जताया। जिसमें भाजपा से बैर नहीं, जब्बरसिंह की खैर नहीं के नारे लगाए गए। टिकट के लिए धनराज गुर्जर ने भी आसींद सीट से दावेदारी की थी। गुर्जर समाज ने भी धनराज का साथ दिया था। भाजपा 2018 से पहले तक आसींद सीट से गुर्जर प्रत्याशी को मैदान में उतारती थी। लेकिन 2018 के चुनाव में जब्बरसिंह को टिकट देकर परम्परा को बदल दिया था।

सभी विधानसभा में नजर आ रहे बगावती तेवर

सहाड़ा – सहाड़ा में भाजपा द्वारा लादूलाल पितलिया को चेहरा बनाने को बाद इस सीट से दावेदारी करने वाले 21 वरिष्ठ कार्यकर्ता नाराज चल रहे है। सभी एक बैठक भी बुलाई थी। सीधे तौर पर पितलिया को इस चुनाव में भीतरघात का सामना करना पड़ेगा। इधर, भाजपा ने परम्परा को तोड़ते हुए नॉन जाट को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके चलते इस बार जाट समाज भी नाराज चल रहा है।

मांडल – भाजपा ने इस बार मांडल सीट से उदयलाल भड़ाना को मैदान में उतारा है। भड़ाना ने 2018 को चुनाव पार्टी से बगावत कर लड़ा था। इस सीट से पिछले 35 सालों ने कालूलाल गुर्जर को टिकट मिल रहा था। उनका इस बार पार्टी ने टिकट काट दिया। भड़ाना द्वारा बागी चुनाव लड़ने के कारण यहां भीतरी घात का खतरा ज्यादा है। इधर, भड़ाना के सामने कांग्रेस ने रामलाल जाट को चुनाव मैदान में उतार दिया है।

मांडलगढ़ – इस सीट ने कांग्रेस ने विवेक धाकड़ व भाजपा ने गोपाल खंडेलवाल को मैदान में उतारा है। भाजपा से दावेदारी करने वाले शक्तिसिंह हाड़ा खुलकर विरोध कर रहे है। और 26 अक्टूबर को होड़ा टोल के पास उन्होंने कार्यकर्ताओं की मिटिंग रखी है। इसके बाद ही वह आगे का फैसला देंगे। इधर, मांडलगढ़ के पूर्व प्रधान गोपाल मालवीय को टिकट नहीं मिलने से उनके भी विरोध की बात सामने आ रही है। मालवीय पिछले चुनाव में भी निर्दलीय चुनाव लड़कर अच्छे वोट ला चुके है। अभी इस सीट पर प्रदुम्नसिंह के चुनाव लड़ने की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।

शाहपुरा – अपनी बयानबाजी के चलते भाजपा ने कैलाश मेघवाल को पार्टी ने निकाल दिया है। ऐसे में भाजपा इस सीट पर जीताऊ चेहरा ढूंढ रही है। वहीं कैलाश मेघवाल के निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी चर्चा तेज है। इधर, कांग्रेस के पास अभी तक इस सीट पर सक्रिय व जीताऊ चेहरा नहीं मिला है।

आसींद – इस सीट से जब्बरसिंह को रिपीट करने के चलते धनराज गुर्जर निर्दलीय चुनाव लड़ने का मानस बना रहे है। साथ ही गुर्जर को टिकट नहीं मिलने पर इस बार गुर्जर समाज भी विरोध जता रहा है।

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