बूंदी : 26 साल का कालू लाल आज अपने दोस्तों के कंधों पर वापस लौटा वह भी कारगिल दिवस से ठीक एक दिन पहले। वह पंद्रह दिन बाद आ रहा था पर, लेकिन अब कभी नहीं जाने के लिए वापस लौट आया। हांलाकि अब वह सिर्फ यादों में रहने वाला है। कालूलाल नागर की शव यात्रा बूंदी जिले के क्षेत्र में उनके गांव लाई गई। दो दिन पहले पश्चिमी बंगाल में एक दुर्घटना में शहीद होने पर मंगलवार सुबह शहीद कालू लाल की देह को देव छात्रावास लाए।
जहां से सैकड़ों की संख्या में क्षेत्र से आए युवाओं ,ग्रामीणों ने शहीद सैनिक कालू लाल नागर की शव यात्रा निकाली। जो कस्बे के बाजार से होती शहीद स्मारक पहुंची। जहां पर पुष्प वर्षा के बाद अमरत्या होती हुई एनएच 148 पर पहुंची। जहां से शिवपुरी, गणेश गंज, मेंडी, गोठड़ा, रुणीजा होते उसके गांव जाएगी । जहां पर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। इस दौरान पुलिस प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे एवं देशभक्ति गीतों के साथ शव यात्रा शुरू की।
दरअसल कालू लाल नागर बूंदी जिले की हिंडौली तहसील के गांव हनुमानपुरा के रहने वाले थे। उनकी शादी इसी साल जून महीने में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही वे लंबी छुट्टी पर वापस आने के लिए अपनी पोस्ट पर चले गए थे। करीब दो सप्ताह के बाद वे पंद्रह दिन की छुट्टी पर आने वाले थे लेकिन नीयती को कुछ और ही मंजूर था, कालू लाल नागर हमेशा के लिए लौट आए, लेकिन अब वे यादों में रहेंगे। परिवार में सबसे ज्यादा बुरा हाल पत्नी का है जो अपने पति के आने का इंतजार कर रही थी।