वंदे मातरम@150’ में झुंझुनूं सराबोर:शहीदों के परिजनों का सम्मान, देशभक्ति गीतों-नृत्यों से गूंजा मंच, प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी उमड़े लोग
वंदे मातरम@150’ में झुंझुनूं सराबोर:शहीदों के परिजनों का सम्मान, देशभक्ति गीतों-नृत्यों से गूंजा मंच, प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी उमड़े लोग
झुंझुनूं : राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक गौरव के रंगों से सजे झुंझुनूं में शनिवार शाम ‘वंदे मातरम@150’ अभियान के तहत शहीद पीरू सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित भव्य सांस्कृतिक संध्या में देशभक्ति का जज्बा चरम पर रहा। कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन के तत्वावधान में किया गया, जिसमें शहरभर से आए विद्यार्थियों और नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर डॉ. अरुण गर्ग रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भांबू और जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी मौजूद रहीं। अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। शुरुआत में राष्ट्रगान और ‘वंदे मातरम’ के सामूहिक गायन से पूरा परिसर गूंज उठा।
स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का सम्मान
कार्यक्रम में सेनानियों के परिजनों का सम्मान किया गया। कलेक्टर डॉ. गर्ग और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर, प्रतीक चिन्ह और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। सम्मान पाकर परिजन भावुक हो उठे। इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि “वंदे मातरम सिर्फ एक गीत नहीं, यह भारतीय अस्मिता और आजादी के संघर्ष का प्रतीक है।

विद्यार्थियों की देशभक्ति प्रस्तुतियों ने जीता दिल
सांस्कृतिक संध्या में जिले के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। देशभक्ति गीतों, समूह नृत्यों और नाट्य मंचनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शहीदों को समर्पित ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गीत की सामूहिक प्रस्तुति ने सभी को भावविभोर कर दिया। वहीं बालिकाओं के समूह ने ‘देश रंगीला’ और ‘भारत मां तेरी सूरत’ पर नृत्य प्रस्तुत कर तालियों की गड़गड़ाहट बटोरी। कई विद्यार्थियों ने स्वतंत्रता संग्राम के प्रसंगों पर आधारित लघु नाटिकाएं प्रस्तुत कीं, जिनमें बाल कलाकारों ने रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे पात्रों का सजीव चित्रण किया।
देशभक्ति रंग में रंगी शाम
समारोह के दौरान पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत रहा। मंच पर ‘जय हिंद’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों से माहौल गूंज उठा। उपस्थित जनसमूह ने मोबाइल की फ्लैशलाइट्स जलाकर राष्ट्रगीत की धुन पर झूमते हुए एक अनूठा दृश्य बना दिया।
इस दौरान जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरी ने कहा कि “वंदे मातरम केवल गीत नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। आने वाली पीढ़ी को इसे जीवन के हर क्षेत्र में आत्मसात करना चाहिए।”
वहीं विधायक राजेंद्र भांबू ने कहा कि “150 वर्ष पूर्व लिखे गए इस गीत ने आज भी वैसी ही ऊर्जा और प्रेरणा दी है जैसी आजादी के आंदोलन में दी थी। युवाओं को ऐसे आयोजनों से जुड़ना चाहिए ताकि उनमें राष्ट्रप्रेम की भावना मजबूत हो।”
अधिकारी और जनप्रतिनिधि रहे मौजूद
कार्यक्रम में नगर परिषद आयुक्त दलीप पूनिया, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक देवेंद्र चौधरी, कमलकांत शर्मा, वीरपाल सिंह, जय सिंह मांठ, महेंद्र चंदवा, समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. पवन पूनिया, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी जयदीप झाझड़िया, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजेश मील, जिला जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षक, अभिभावक और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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