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पिता 40 का और बेटा 130 साल का:राशन कार्ड में बेटी की उम्र हो गई 117; 90 परिवारों के राशन पर संकट


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पिता 40 का और बेटा 130 साल का:राशन कार्ड में बेटी की उम्र हो गई 117; 90 परिवारों के राशन पर संकट

पिता 40 का और बेटा 130 साल का:राशन कार्ड में बेटी की उम्र हो गई 117; 90 परिवारों के राशन पर संकट

झुंझुनूं : पिता 40 का और बेटा 130 साल का। इतना ही नहीं पति की उम्र 45 और पत्नी की उम्र हो गई 103 साल। ये हैरान कर देने वाला मामला है झुंझुनूं जिले का। ऐसे एक या दो नहीं, करीब 90 परिवार हैं, जिनके सदस्यों की उम्र दर्ज करने में बड़ी लापरवाही सामने आई है। अब इसका खामियाजा इन परिवारों को मिल रहा है। रसद विभाग की इस गलती के बाद भी इन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया है। पिछले करीब छह महीने से इन परिवारों को राशन तक नहीं मिल रहा है।

जब ये मामला सामने आया तो मीडिया टीम ने इसकी पड़ताल की। इनमें सबसे ज्यादा केस ​जिले के टमकोर, बाजला, कायमपुरा, बासड़ी, इंद्रपुरा, ककराना, मालसर और पातुसरी के थे। टीम यहां पहुंची और परिवार से बातचीत की। इन परिवारों ने बताया कि इनके बेटे-बेटी की उम्र 20 से 25 साल है, लेकिन राशन कार्ड में 100 से ज्यादा लिखा गया है। इसे सुधारने के लिए लगातार विभाग और राशन डीलर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। राशन कार्ड कैंसिल होने की भी आशंका इन लोगों को सता रही है।

तस्वीर, सुशीला की है। इनके पूरे परिवार की उम्र ही बदल दी गई है। सुशीला को खुद 90 साल का बताया है। जबकि बच्चों की उम्र 100 साल से ज्यादा बता दी गई।
तस्वीर, सुशीला की है। इनके पूरे परिवार की उम्र ही बदल दी गई है। सुशीला को खुद 90 साल का बताया है। जबकि बच्चों की उम्र 100 साल से ज्यादा बता दी गई।

पहले समझें, कैसे हुई यह गड़बड़ी

जिले के रसद विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, डिजिटलाइजेशन के दौरान आधार नंबर और पारिवारिक डिटेल का मिलान IM-PDS पोर्टल से किया गया। इस दौरान सॉफ्टवेयर में हुई तकनीकी गड़बड़ी और फील्ड वेरिफिकेशन में लापरवाही के कारण कई कार्डों में उम्र व पारिवारिक संबंध गड़बड़ा गए। जब इस तरह के मामले सामने आए तो 14 हजार 972 राशन कार्ड की जांच की गई। इनमें 90 ऐसे परिवार के सदस्य थे, जिनकी उम्र में इस तरह की गड़बड़ी हुई है।

इस गड़बड़ी का सबसे ज्यादा असर गरीब और मजदूर परिवारों पर पड़ा है। IM-PDS पोर्टल पर डुप्लीकेसी और गलत डेटा के आधार पर राज्य स्तर पर अपात्रों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे में जिनके कार्डों में उम्र या संबंध गलत दर्ज हो गए वे अपात्र सूची में चले गए। कई परिवारों को पिछले कई महीने से राशन भी नहीं मिल पा रहा है। इस तरह के मामले सामने आने के बाद मीडिया टीम खेतड़ी, नवलगढ़, टमकोर और कासिमपुर गांव पहुंची। यहां इन परिवारों से बातचीत की, जिनके परिवार में पत्नी, बेटा या फिर बेटे की उम्र 100 पार दर्ज की गई है।

65 साल की रामप्यारी का बेटा 115 साल का

टीम खेतड़ी ब्लॉक के गोठड़ा गांव पहुंची। यहां 65 साल की रामप्यारी ने बताया कि उनका बेटा 25 साल का है। जब राशन कार्ड आया तो उसमें बेटे की उम्र 115 साल दर्ज है। इसके बाद राशन डीलर के पास गए तो बोला-नाम कट गया है। अब जिला रसद ऑफिस जाओ। यहां तीन बार चक्कर लगा चुकी हूं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।

गुढ़ागौड़जी के किसान राधेश्याम के बच्चों को उम्र में उनसे बड़ा दिखाया गया है। इसकी वजह से राशन मिलना बंद हो गया है।
गुढ़ागौड़जी के किसान राधेश्याम के बच्चों को उम्र में उनसे बड़ा दिखाया गया है। इसकी वजह से राशन मिलना बंद हो गया है।

पिता 40 के, 25 का बेटा 98 का हो गया

टीम नवलगढ़ के लांबा गांव पहुंची। सुबोध शर्मा जिनकी उम्र 25 साल है उनकी उम्र 98 साल की हो गई है। उनके पिता की उम्र 40 साल लिखा गया है। सुबोध ने बताया कि ये देख मेरा सिर चकरा गया। जब राशन डीलर से मिले तो बताया कि हमारा परिवार अपात्र हो गया है, अब राशन नहीं मिलेगा।

पूरे परिवार की उम्र ही बदल गई, मां-बाप से बड़े हो गए बेटा-बेटी

पिपलोद कलां गांव में रोहिताश के पूरे परिवार की उम्र बदल गई। रोहिताश का परिवार खेती करता है। रोहिताश ने बताया कि उसकी उम्र 65 और पत्नी की उम्र 60 साल की है। बेटी की उम्र 22 और बेटा 19 साल का है। इस गड़बड़ी में वे 88 साल के हो गए और पत्नी 90 साल की। यहां तक तो ठीक था, लेकिन 22 साल की बेटी 111 की और 19 साल का बेटा 112 साल का हो गया। विभाग को बताया तो कहा कि एप्लिकेशन दे दीजिए नहीं तो गेहूं बंद हो जाएगा।

पति 45 और पत्नी 103 साल की

टमकोर गांव के सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी उम्र 45 साल है और पत्नी 40 साल की है। राशन कार्ड में पत्नी की उम्र 103 साल कर दी। अब डीलर कह रहा है यदि उम्र सही नहीं हुई तो राशन बंद हो जाएगा।

ऐसे और भी मामले- जहां 20 साल का बेटा 119 साल का हो गया

कासिमपुर के हजारीलाल के 20 साल के बेटे की उम्र इस गड़बड़ी में 119 साल की हो गई, जबकि पिता की उम्र 46 साल है। राशन बंद न हो जाए, इसलिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं। अजाड़ी खुर्द की संजेश देवी मजदूरी कर घर चलाती हैं। उन्होंने बताया कि वे खुद 45 साल की है और बेटी 20 साल की। बेटी की उम्र 117 साल कर ​दी। दोरासर के राधेश्याम ने बताया कि वे मजदूरी करते हैं। इस लिस्ट ने विभाग के चक्कर काटने पर मजबूर कर दिया है। मेरी बेटी 25 और बेटा 22 साल का है। राशन कार्ड में बेटी की उम्र 121 और बेटे की 119 साल हो गई। अब इसे सही करवाने के लिए विभाग के चक्कर लगा रहा हूं।

गुढ़ागौड़जी क्षेत्र के बगड़िया मोहल्ले के राधेश्याम जाट ने बताया कि हमने 20 साल से कार्ड नहीं बदला। अब अचानक नए सिस्टम से उम्र भी इधर-उधर हो गई। अब हमें अपात्र कर राशन बंद कर दिया है। बिसाऊ की भंवर कंवर देवी का इस गड़बड़ी की वजह से राशन तक बंद हो गया है। उन्होंने बताया कि राशन बंद होने से घर चलाना मुश्किल हो गया है। हमने फॉर्म फिर से भरवाया है, लेकिन कहा गया है कि अपडेट में समय लगेगा।

तस्वीर, कुलोद कलां में स्थित सुशीला और रोहिताश के घर की है। दंपती बताते हैं- उनका घर जर्जर होने की कगार पर है। उनका राशन बंद हो गया तो उनके खाने के भी लाले पड़ जाएंगे। उनके 4 बच्चे हैं, जिन्हें विभाग ने गलती से 100 साल ऊपर का बता दिया है।
तस्वीर, कुलोद कलां में स्थित सुशीला और रोहिताश के घर की है। दंपती बताते हैं- उनका घर जर्जर होने की कगार पर है। उनका राशन बंद हो गया तो उनके खाने के भी लाले पड़ जाएंगे। उनके 4 बच्चे हैं, जिन्हें विभाग ने गलती से 100 साल ऊपर का बता दिया है।

डेटा में लापरवाही, फील्ड वेरिफिकेशन अधूरा

विभागीय सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों से निर्देश मिला था कि सभी जिलों में राशन कार्ड डेटा का आधार आधारित प्रमाणीकरण किया जाए। इसके लिए ई-मित्र और डीलरों के माध्यम से फील्ड वेरिफिकेशन का काम शुरू किया गया। झुंझुनूं जिले में यह प्रक्रिया आधी-अधूरी रह गई। कई जगह डीलरों ने बिना दस्तावेज देखे ही एंट्री कर दी, जिससे नाम, उम्र और पारिवारिक रिश्ते में भी गड़बड़ी हो गई।

रसद अधिकारी डॉ. निकिता राठौड़ ने बताया कि सॉफ्टवेयर में नाम के साथ जुड़ा आधार नंबर मिलान के दौरान गलती से दूसरी एंट्री से लिंक हो गया। इससे पूरी फैमिली की उम्र उलट गई। तकनीकी टीम को सुधार के निर्देश दिए गए हैं। जब मीडिया टीम ने इस लिस्ट की पड़ताल के लिए गांव-गांव जाकर हकीकत जानी, तो तस्वीर बिल्कुल उलट निकली।

झुंझुनूं जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर स्थित मालसर की सुभीता देवी की उम्र राशन कार्ड के डेटा में 103 साल बताई है। जबकि उनके पति सुरेश कुमार की उम्र 45 साल बताई गई है। उनके 4 बेटियां और एक बेटा है।
झुंझुनूं जिला मुख्यालय से 14 किमी दूर स्थित मालसर की सुभीता देवी की उम्र राशन कार्ड के डेटा में 103 साल बताई है। जबकि उनके पति सुरेश कुमार की उम्र 45 साल बताई गई है। उनके 4 बेटियां और एक बेटा है।

ज्यादातर आंकड़े गलत

जिले में कुल 14,972 लोगों को अपात्र बताया गया है। इनमें 90 लोगों की उम्र लिस्ट में 100 साल से अधिक दिखाई गई है। मीडिया टीम ने जांच की तो अधिकांश केस झूठे निकले। उदयपुरवाटी के एक कार्ड में सभी चार सदस्यों की उम्र 100 से ज्यादा थी। जिला रसद अधिकारी कार्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार झुंझुनूं जिले में कुल 3.62 लाख से अधिक खाद्य सुरक्षा पात्र परिवार रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 14,972 परिवारों का हाल ही में सत्यापन किया गया है।

इस प्रक्रिया में 1,872 परिवारों को अपात्र घोषित किया गया, जिनमें से अधिकांश के मामलों में उम्र, संबंध या दस्तावेजी त्रुटि सामने आई। विभाग ने फिलहाल इन्हें सुधार के लिए वापस भेजा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इन परिवारों को अगले चक्र का राशन नहीं मिल पा रहा।

रसद विभाग के डेटा में कुलोद कलां की सुशीला देवी के परिवार की उम्र में गड़बड़झाला है। उनके पति रोहिताश को 88, सुशीला को 90 और उनके बच्चों शशिलता(111), राहुल (112) मंजू (112) और पलक (118) साल बताया है।
रसद विभाग के डेटा में कुलोद कलां की सुशीला देवी के परिवार की उम्र में गड़बड़झाला है। उनके पति रोहिताश को 88, सुशीला को 90 और उनके बच्चों शशिलता(111), राहुल (112) मंजू (112) और पलक (118) साल बताया है।

प्रदेश के कई जिलों में मिली गड़बड़ी, भेजी रिपोर्ट

राजस्थान में राशन कार्ड डेटा के डिजिटलाइजेशन के बाद यह समस्या सिर्फ झुंझुनूं तक सीमित नहीं है। प्रदेश के अन्य जिलों -सीकर, नागौर, जयपुर ग्रामीण,और अलवर से भी ऐसे ही मामलों की रिपोर्ट भेजी गई है। कई जगह डेटा एंट्री के दौरान वर्ष (Year) की गलत एंट्री के कारण जन्म वर्ष 1894 या 1910 लिखा गया, जिससे सिस्टम ने उम्र 120 से अधिक मान ली।

ये रसद विभाग का डेटा दोरासर के राधेश्याम के परिवार का है। इसमें राधेश्याम को 56 साल बताया है। उनके बेटे प्रतीक को 119 साल और बेटी गार्गी को 121 साल का बता दिया।
ये रसद विभाग का डेटा दोरासर के राधेश्याम के परिवार का है। इसमें राधेश्याम को 56 साल बताया है। उनके बेटे प्रतीक को 119 साल और बेटी गार्गी को 121 साल का बता दिया।

बिना डॉक्यूमेंट देखे कर दी एंट्री

कई डीलरों ने स्वीकार किया कि आधार लिंकिंग के दौरान उनसे एंट्री गलत हो गई। अधिकांश राशन डीलर ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं और डेटा अपलोडिंग का काम स्थानीय ई-मित्र ऑपरेटरों से करवाते हैं। नवलगढ़ क्षेत्र के एक डीलर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, हम लोगों ने आधार नंबर के अनुसार डेटा फीड करवाया। कभी-कभी पुराने कार्ड की उम्र नई एंट्री में गलत हो जाती है। सिस्टम ने रोका नहीं और न ही अलर्ट मैसेज में बताया कि ये गलत है। अब ये सारी गलती हम पर डाल दी गई है।

इस मामले में जिला रसद अधिकारी ओमप्रकाश शर्मा का कहना है – कुछ मामलों में तकनीकी कारणों से उम्र और संबंध गलत दिख रहे हैं। इसका असर पात्रता पर नहीं डाला जाएगा। सभी अपात्र सूची वाले परिवारों का पुनः सत्यापन करवाया जा रहा है। किसी भी पात्र व्यक्ति को राशन से वंचित नहीं रखा जाएगा।

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