ससुर को बिना बताए ब्यूटी क्वीन बनने पहुंची बहू:मिसेज राजस्थान का जीता खिताब; रनर-अप महिला किसान बोलीं- मेरे लिए मंगल गीत गाए गए
ससुर को बिना बताए ब्यूटी क्वीन बनने पहुंची बहू:मिसेज राजस्थान का जीता खिताब; रनर-अप महिला किसान बोलीं- मेरे लिए मंगल गीत गाए गए

जयपुर : मिसेस राजस्थान-2025 का ताज इस साल निधि शर्मा के सिर पर सजा। फर्स्ट रनरअप ललिता नेहरा और सेकेंड रनर-अप वैदेही जोशी रहीं। मिसेज राजस्थान निधि शर्मा ने मीडिया को बताया की – मैंने अपने ससुर को इस बारे में नहीं बताया था। मेरे पति और सास को इस बारे में पूरी जानकारी थी। उनकी परमिशन के बाद ही मैं यहां शामिल हुई थी।
रनर-अप रहीं महिला किसान ललिता नेहरा ने बताया- जब मैंने मिसेज राजस्थान के लिए रजिस्ट्रेशन किया तो पहले परिवार में किसी को भी नहीं बताया। जब मैं फाइनलिस्ट बन गई तो अपने परिवार को इसके बारे में जानकारी दी। इसके बाद घर पहुंची को मेरे लिए मंगल गीत गाए गए। आगे पढ़िए तीनों का इंटरव्यू…

सवाल: क्राउन जीतने के बाद जब आप घर पहुंचे तो किस तरह आपका स्वागत किया गया, इसके बारे में आप बताएं?
निधि शर्मा: मेरे लिए तो यह बहुत यादगार अवसर रहा। जब मैं घर पहुंची तो ढोल नगाड़ों से स्वागत किया गया। हर किसी ने मुझे माला पहनाई, सभी के चेहरे खुशी से नजर आ रहे थे। हर कोई मिठाइयां बांट रहा था। मुझे तो ऐसा लग रहा था, जैसे मैं कोई बड़ी जंग जीत कर पहुंची हूं।
ललिता: जब मैं फर्स्ट रनर-अप का ताज जीतकर अपने गांव के घर पर पहुंची तो वहां पर महिलाओं ने उत्सव की तरह मंगल गीत गए। उनके गीतों में तो मेरी तारीफ के शब्द भी शामिल थे। महिलाओं ने बिंदायक जी, हनुमान जी के गीत गाए।
वैदेही: मेरे पेरेंट्स खास तौर पर पुणे से स्वागत करने यहां पहुंचे थे। पूरी तरह इको फ्रेंडली तरीके से मेरा होम कमिंग वेलकम हुआ। सभी ने मिलकर केक काटा। सोशल मीडिया पर बधाई के मैसेज मिल रहे थे। यह मेरे लिए एक अलग तरह का अनुभव था।

सवाल: निधि आप बताएं कि किस तरह आप मिसेज राजस्थान के मंच पर पहुंची?
निधि: मैंने अपने ससुर को इस बारे में नहीं बताया था। ससुर साहब को कन्वेंस करना थोड़ा सा मुश्किल था, इसलिए मुझे लगा कि पहले मैं कुछ हासिल कर लूं। उसके बाद उनके पास जाऊंगी।
उनका आशीर्वाद लूंगी तो वह अपने आप कन्वेंस हो जाएंगे। मैं उनको प्राउड फील करना चाहती थी, इसलिए भी बिना बताए यहां आई। जब विनर बनकर उनके सामने पहुंची तो वह बहुत खुश हुए। खूब आशीर्वाद दिया।
सवाल: विनर बन गए हो, यह लोगों को एक आसान जर्नी लगती है, लेकिन आप बताएं किस तरह यह मुश्किल रहा?
निधि: यह सही है, बहुत मुश्किल भरा समय रहा है। तीन बच्चों के साथ इन चीजों के लिए समय निकालना बड़ा टफ रहता है। लेकिन मुझे फैमिली का काफी सपोर्ट रहा।
खासकर मेरी सास का, जिन्होंने परिवार की जिम्मेदारियां उठाईं, मुझे सपोर्ट किया। सास और पति के सपोर्ट करने से चीजें थोड़ी सी आसान हो गईं। उन लोगों ने ही घर को और बच्चों को पूरी तरह से संभाला।

सवाल: ललिता आप किसान परिवार से आती हैं, एक महिला किसान का इस मंच तक पहुंचने का सफर कितना आसान या कितना मुश्किल रहा?
ललिता: जब मैंने मिसेज राजस्थान के लिए रजिस्ट्रेशन किया तो पहले किसी को भी नहीं बताया। जब मैं फाइनलिस्ट बन गई तो अपने परिवार को इसके बारे में जानकारी दी।
गांव के लोगों को मेरी न्यूज देखने के बाद ही जानकारी मिली। शुरू में सारी चीजें बहुत मुश्किल थी, लेकिन धीरे-धीरे जब परिवार का पूरा सपोर्ट मुझे मिल गया।
खेती करने के सवाल पर मैं यही कहूंगी कि मैं स्कूल के समय से ही खेती-बाड़ी से जुड़ी हुई हूं। अब तो घरवाले भी बोलने लगे हैं कि यह हमारी बहू खेती भी कर सकती है और मॉडलिंग भी कर सकती है।
गांव की महिलाएं और बच्चियों अब मेरे पास आ रही हैं। बोल भी रही हैं कि यदि हम भी इस फील्ड में जाएं तो आप हमारी मदद जरूर करना।
सवाल: वैदेही आप एमएनसी कंपनी में काम करती हैं किस तरह से आपने कंपनी से ब्रेक लेकर इस प्रेजेंट में हिस्सा लिया?
वैदेही: सात आठ घंटे लगातार काम करना और फिर मिसेज राजस्थान के लिए तैयारी करना, बहुत मुश्किल जर्नी रही। इसमें होने वाले स्ट्रेस को दूर करने के लिए मैं हमेशा योग करती थी।
मैं ऑफिस का काम रात को 2:30 बजे किया करती थी। दिनभर रैंप वॉक और अपनी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर काम किया करती थी। मॉडलिंग की बात करें तो में शुरुआती दिनों से ही इस इंडस्ट्री में आने का मन था।
लेकिन सबसे पहले मैंने अपने करियर को चुना। अब जब करियर सही दिशा में था तो मैं अपनी सपने को पूरा करने के लिए मॉडलिंग की तरफ रुझान किया।

सवाल: निधि आपको कब आपको लगा कि मॉडलिंग या फैशन इंडस्ट्री में जाना है?
निधि: मॉडलिंग में जाने का सपना मेरा शादी से पहले ही था। शादी के बाद जब बच्चे हो गए, पूरी तरह से सेटल हो चुकी थी। तब मैंने फिटनेस और योग की तरफ काम करना शुरू किया।
यहां मेरे दोस्तों ने और साथ काम करने वाले लोगों ने मुझे मॉडलिंग की तरफ जाने का सुझाव दिया। उनके मोटिवेशन के दम पर आने का सोचा। हिम्मत जुटाई और आ गई। यहां एक बार तो डिसाइड कर ही लिया था कि एक चांस तो बनता है।
सवाल: जब विनर अनाउंस होने वाला था, तब आपके दिमाग पर क्या चल रहा था?
निधि: तब सिर्फ धक-धक हो रही थी। उस वक्त कुछ भी हो सकता था। जब विनर के रूप में मेरा नाम अनाउंस हुआ तो मेरे आंखों में आंसू थे। मैं उनको कैसे कंट्रोल कर रही थी, यह मुझे ही पता था। मुझे वह स्माइल ही रखनी थी। यह मेरे लिए अब तक का सबसे बड़ा अचीवमेंट रहा है।
ललिता: फर्स्ट रनर बनना भी मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। मैं गांव से आकर यहां तक पहुंची हूं। यह सच है कि मैं विनर नहीं रह पाई, लेकिन मेरी कोशिश यही रहेगी जो मेरे अंदर कमियां हैं, मैं उनको दूर कर बेहतर बना सकूं।