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झुंझुनूं की ग्राम पंचायतों में करोड़ों के सोलर सिस्टम ठप:284 अटल सेवा केंद्र में लगे; नहीं हो रही मरम्मत, 272 हो चुके खराब


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झुंझुनूं की ग्राम पंचायतों में करोड़ों के सोलर सिस्टम ठप:284 अटल सेवा केंद्र में लगे; नहीं हो रही मरम्मत, 272 हो चुके खराब

झुंझुनूं की ग्राम पंचायतों में करोड़ों के सोलर सिस्टम ठप:284 अटल सेवा केंद्र में लगे; नहीं हो रही मरम्मत, 272 हो चुके खराब

झुंझुनूं : प्रदेश की ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपए की लागत से लगाए गए सोलर सिस्टम कई साल से बंद पड़े हैं। झुंझुनूं में रखरखाव के अभाव में ये सिस्टम या तो खराब हो गए हैं या इनके उपकरण चोरी हो चुके हैं। नतीजतन न तो ग्रामीणों को इसका लाभ मिल रहा है और न ही सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का सरकार का उद्देश्य पूरा हो रहा है।

झुंझुनूं जिले के 284 अटल सेवा केंद्रों में सोलर सिस्टम लगाए गए थे। इनमें से केवल 12 ही चालू हैं। 272 जगहों पर ये पूरी तरह ठप हैं। वर्षों से इनकी सुध तक नहीं ली गई। न तो इनकी मरम्मत करवाई गई और न ही जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की गई है।

कहीं बैटरी खराब, तो कहीं उपकरण चोरी

ग्राम पंचायतों और अटल सेवा केंद्रों में सौर ऊर्जा से रोशनी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए करीब 10 से 15 साल पहले इन सोलर सिस्टम को लगाया गया था। लेकिन समय के साथ इनमें खराबी आनी शुरू हो गई। अधिकांश जगहों पर बैटरियां जवाब दे चुकी हैं, तो कुछ स्थानों पर इनवर्टर, सोलर प्लेट या अन्य उपकरण चोरी हो चुके हैं।

झुंझुनूं जिले में पंचायतवार बंद पड़े सोलर

सिस्टम की स्थिति देखें तो अलसीसर में 26, बुहाना में 16, चिड़ावा में 24, झुंझुनूं में 23, खेतड़ी में 35, मंडावा में 21, सूरजगढ़ में 20, सिंघाना में 19, नवलगढ़ में 33, पिलानी में 20 और उदयपुरवाटी में 33 स्थानों पर सोलर सिस्टम बंद पड़े हैं।

दोनों सरकारों के कार्यकाल में अनदेखी

गौरतलब है कि ग्राम पंचायतों में इन सोलर सिस्टम को लगाने का कार्य कांग्रेस सरकार के पिछले कार्यकाल में हुआ था। इसके बाद पांच साल भाजपा और फिर पांच साल कांग्रेस सत्ता में रही। अब फिर भाजपा की सरकार आ चुकी है, लेकिन दोनों ही दलों की सरकारों ने इन सोलर सिस्टम के रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब यह सिस्टम लगाए गए थे, तब इनसे पंचायत भवनों और सेवा केंद्रों में रोशनी रहती थी, कंप्यूटर सुचारू रूप से चलते थे और कई जगहों पर पानी की आपूर्ति भी निर्बाध होती थी। लेकिन अब सालों से ये सिस्टम बंद पड़े हैं और संबंधित विभागों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

मरम्मत की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं

स्थानीय प्रशासन द्वारा इस समस्या को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रणजीत सिंह का कहना है कि सभी खंड विकास अधिकारियों (BDO) को निर्देश दिए गए हैं कि सोलर सिस्टम को नेट मीटरिंग में कन्वर्ट करवाने के प्रयास करें। इसके अलावा, सोलर सिस्टम की रिपोर्ट मंगवाकर उसका अवलोकन भी किया गया है।

ग्रामीणों को हो रही परेशानी

सोलर सिस्टम ठप होने के कारण ग्राम पंचायतों में कई दिक्कतें सामने आ रही हैं। पहले जहां अटल सेवा केंद्रों में बिजली कटौती के दौरान भी जरूरी काम चलते रहते थे, अब बिजली जाने पर पूरा कामकाज ठप हो जाता है।

डिजिटल सेवाएं प्रभावित:

आधार कार्ड प्रिंटिंग, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसी डिजिटल सेवाओं पर असर पड़ा है।

जल आपूर्ति बाधित:

जिन जगहों पर पानी की मोटरों को सोलर पैनल से चलाया जाता था, वहां जलापूर्ति में भी दिक्कतें आ रही हैं।

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