टमकोर में 106 छात्राओं को विवेकानंद कैलेंडर वितरित किये गये
डॉ. जुल्फिकार एक लाख युवाओं को बांटेंगे कैलेंडर

टमकोर : राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय टमकोर के वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झुंझुनूं एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इस्माईल खान, अध्यक्षता धन्धूरी गांव के पूर्व सरपंच हाफिज खांन और विशिष्ट अतिथि भीमसर निवासी डॉ. जुल्फिकार थे। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय टमकोर के प्राचार्य मोहम्मद फारुख खांन और उनके स्टाफ एवं ग्रामवासियों द्वारा अतिथियों का माल्यार्पण और शाॅल भेंट कर स्वागत किया गया। इस वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में विधालय की छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के कैलेंडर नि:शुल्क वितरित किए गए।
इस अवसर पर डॉ. जुल्फिकार ने छात्राओं को स्वामी विवेकानंद और खेतडी राजा अजीत सिंह के रिश्तो की जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद अपने जीवन काल में तीन बार खेतड़ी आए थे। उनका नाम, पोशाक, पगड़ी, शिकागो विश्वधर्म सम्मेलन सहित उनके जीवन की दर्जनों घटनाएं हैं जो खेतड़ी से जुड़ी हुई है। खेतड़ी में देश का पांचवा और राजस्थान का पहला अजीत विवेक संग्रहालय बना है जिसमें स्वामी विवेकानंद और राजा अजीत सिंह के 109 दिन की विशिष्ट घटनाओं को दर्शाया गया है। इस अवसर पर विद्यालय के 106 छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के कैलेण्डर वितरित किए।
डॉ. जुल्फिकार ने बताया कि पिछले कई सालो से प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और उनके संदेश को व्यापक बनाने के लिए प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद की पुस्तकें व कैलेण्डर नि:शुल्क वितरण करने का महाअभियान चला रखा है। इस महाअभियान के तहत प्रदेश की स्कूलों, काॅलेजों, शहरों व गावों-ढाणियों में जाकर स्वामी विवेकानंद कैलेण्डर और उनके विचारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं | अब तक पिछले 5 सालों में इस अल्पसंख्यक युवा ने दिल्ली, अलवर, जयपुर, सीकर, चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़ सहित झुंझुनूं जिले के राजकीय-गैर राजकीय विद्यालयों, वेद विद्यालयों, मदरसों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को देने के साथ ही झुंझुनूं जिले के आस-पास के खेतड़ी, खेतड़ी नगर, कोलिहान नगर, राजोता, सिंघाना, जसरापुर, भीमसर, नूआं, सिरियासर, आबूसर, अणगासर, चुड़ैला, कोलिन्डा, चैनपुरा, धन्धूरी, क्यामसर, अलसीसर, मलसीसर, जाबासर, टमकोर सहित करीब 35 गावों में अब तक 58,936 कैलेण्डर नि:शुल्क वितरित कर चुके हैं और आगे भी 100,000 युवाओं तक स्वामीजी के संदेश को पंहुचाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने विद्यालय की छात्राओं को इस बात से भी अवगत करवाया कि मैंने खेतड़ी में पढ़ाई के दौरान और रामकृष्ण मिशन से जुड़े होने की वजह से स्वामी विवेकानंद पर कुछ अलग करने की सोची। इसी को लक्ष्य बनाते हुए स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी की है। और देश – विदेश में 50 से अधिक रामकृष्ण मठ व मिशन संस्थाओं का भ्रमण कर विवेकानंद के बारे में जाना और अब तक स्वामी विवेकानंद पर पांच पुस्तकें सृजित हो चुकी हैं जिनमें रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद चिन्तन एवं रामकृष्ण मिशन खेतड़ी, राजस्थान में स्वामी विवेकानंद, बांग्लादेश (ढाका) का अध्ययन और स्वामी विवेकानंद की प्रेरक घटनाएं।