निकल पड़ा अमन का कारवां…प्रदेश में 800 जमातें रवाना दुआ में उठे लाखों हाथ, रब से मांगी अपने गुनाहों की माफी
उलेमाओं की सीख : अपने इमान को कायम रखें, पड़ोसियों से अच्छा बर्ताव करें और नेक बनें
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झुंझुनूं : झुंझुनूं शहर के मलसीसर रोड पर चल रहे तीन दिवसीय तब्लीगी इज्तेमा का सोमवार को समापन हो गया। आखिरी दिन लाखों लोगों ने हाथ उठाकर रब से अपने गुनाहों की माफी मांगते हुए अमन-चैन की दुआ मांगी। इसी के साथ यहां से दीन का पैगाम लेकर जमातों की रवानगी की गई। सुबह सवा ग्यारह बजे दुआ हुई।
प्रदेशभर के लिए रवाना हुईं 800 जमातें
मुम्बई से आए मौलाना फारुक ने दुआ कराई। उन्होंने जब कहा- या अल्लाह हम गुनाहगार हैं, खताकार हैं, बदकार हैं जैसे भी हैं….मेरे मौला तेरे बंदे हैं…। मौला हमारे गुनाहों को बख्श दें, हम से वह काम लें जिससे तू राजी हो जाए…तेरा महबूब राजी हो जाए…आज लोग गुमराह हो रहे हैं, भटक रहे हैं…इन्हें सीधे रास्ते पर चला….कहा तो पूरा मजमा आमीन-आमीन से गूंज उठा। लोग अपने गुनाहों पर आंसू बहाते हुए रब की बारगाहे में अपने गुनाहों की माफी मांगी। इसके बाद दीन और इंसानियत का पैगाम लेकर यहां से 800 जमाअतें प्रदेशभर के लिए निकली। यह जमातें तीन दिन, 10 दिन, 40 दिन और चार महीने के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर जाकर दीन का पैगाम देंगी।
लोगों को नेक राह पर चलने की शिक्षा देंगी। लाखों लोगों के एक साथ शहर के मलसीसर रोड पर जमा होने के कारण यहां मोबाइल नेटवर्क भी जाम हो गया था। अधिक यूजर एक साथ एक ही क्षेत्र में होने के कारण यहां नेटवर्क जाम रहा। इस कारण मोबाइल पर बातचीत भी नहीं हो पाई। लोग कॉल करने के लिए परेशान होते रहे।
उलेमाओं ने की तकरीर
इससे पहले सुबह फजर की नमाज के बाद उलेमाओं की तकरीर हुई। फिर 11 बजे दुआ करवाई गई। मुंबई से आए मौलाना फारूक मुबई वाले ने दुआ करवाई। लोगों ने हाथ उठाकर खुदा से अमनो-चैन की दुआ मांगी। विश्व में शांति बनी रहे इसकी दुआ मांगी गई। दुआ से पहले उलेमाओं ने कहा कि अपने ईमान को कायम रखो। यकीन डगमगाने पर ही मुश्किलें बढ़ती हैं। जिंदगी गफलत में न गुजारें। पांचों वक्त की नमाज पढ़े, जकात अदा करें।इज्तेमा का मकसद लोगों को मजहब और इल्म की राह पर ले जाने का है। दुआ सिर्फ अपने लिए नहीं, दुनिया के हर एक इंसान की बेहतरी के लिए करनी चाहिए।
लाखों लोग शामिल हुए दुआ में :
तीन दिवसीय इज्तेमा में प्रदेशभर के लोग शामिल हुए। सीकर, चूरू, झुंझुनूं से लोगों का सोमवार को भी आना जारी रहा। सुबह से ही इज्तेमा स्थल पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। सुबह 11 बजे तक इज्तेमा स्थल पूरी तरह भर चुका था।
दुआ में लाखों लोग शामिल हुए। दुआ से पहले हुए बयान में उलेमाओं ने कहा कि अपने इमान को कायम रखो। जिंदगी गफलत में न गुजारें। अल्लाह और उसके रसूल के फरमान के मुताबिक जिंदगी गुजारे। लोगों को अच्छे कामों की दावत दें। आने वाले रमजान में खूब इबादत करें। अपने पड़ोसियों से अच्छा बर्ताव करें। इल्म हासिल कर नेक बने।
इज्तेमा में 325 जोड़ों की बिना दहेज सादगी से शादी:
इस इज्तेमा में बिना दहेज सादगी से शादी कराई गई। शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने के लिए इज्तेमा में 325 युवाओं का सामूहिक निकाह कराया गया। रविवार को भी निकाह कराया गया था।
बसों में रही भीड़, कई जगह जाम
समापन के बाद लोग अपने अपने जिलों के लिए लौट गए। सबसे पहले पैदल जाने वाले लोगों को निकलने दिया गया। इसके बाद इज्तिमा की सभी पार्किंगों से दो पहिया वाहनों को रवाना किया गया। इस दौरान बस डिपो व रेलवे स्टेशन पर भीड़ रही। इसके अलावा कलक्ट्रेट सर्किल, मंडावा मोड, गुढ़ा मोड, स्टेशन रोड, चूरू बाइपास, बगड़ मार्ग सहित कई जगह यातायात जाम रहा। हालांकि वॉलियेंटर्स व यातायात पुलिस के जवान पूरे दिन सहायता में जुटे रहे। मलसीसर रोड़, चूरू, सीकर, दिल्ली रोड़ पर भारी संया में जनसमुदाय और वाहनों की आवाजाही के कारण यातायात का दबाव रहा।
जमातों की रवाननी
इसी के साथ यहां से जमातों की रवानगी का सिलसिला शुरू हुआ। ट्रेनों से जाने वाले यात्रियों को सीधे गाड़ियों से स्टेशन पहुंचाया गया। बसों से जाने वालों को बस डिपो पहुंचाया गया। पैदल चलने वालों की भी इतनी बड़ी तादाद थी कि सड़कों पर से वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा था।
रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर रही यात्रियों की भीड़
इज्तेमा के बाद प्रदेश के अन्य हिस्सों से आए लोग अपने घरों की ओर रवाना हुए। इस कारण शहर के रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड, पीरू सिंह सर्किल, हवाई पट्टी सर्किल पर इज्तेमा में आए लोगों की भीड़ रही। करीब चार घंटे तक तो पैदल चल रहे लोगों की ही भीड़ से सड़कें अटी रहीं। इसके बाद जब वाहनों को छोड़ा गया, तो लोगों को चलने के लिए सड़कों पर भी जगह नहीं मिली और उन्हें खेतों में से होकर गुजरना पड़ा।
लोग दोपहर में रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। बठिंडा- जयपुर ट्रेन दोपहर 12:45 बजे जा चुकी थी। हजारों लोगों की भीड़ लगी रही। इज्तेमा के समापन के बाद मलसीसर रोड पर लोगों की भीड़ की वजह से पैर रखने की जगह नहीं थी। इसी दौरान मलसीसर की तरफ से आई एक एंबुलेंस ट्रेफिक में फंस गई। तब ट्रैफिक व्यवस्था में जुटे खिदमतगार युवाओं ने ग्रीन कोरिडोर बनाकर एंबुलेंस को रास्ता दिलवाया। इज्तेमा में लाखों लोगों के लिए व्यवस्थाए सुचारू रही। इसके लिए दिनरात वॉलिएंटर लगे। शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने, लोगों को बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पहुंचाने तथा ट्रैफिक जाम से बचाने में लगे रहे।
वॉलिएंटर की तारीफ
बड़ी तादाद में इतनी भीड़ के बावजूद व्यवस्था दुरुस्त होने के लिए लोग वॉलिएंटर की तारीफ व हौसला अफजाई करते रहे। दुआ के समय भी उलेमाओं ने इन वॉलिएंटर के मेहनत की तारीफ की और कहा कि इन्होंने व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां नहीं पहुंच पाए। इनकी मेहनत को अल्लाह देख रहा है। बेहतर बदला अता करेगा।
देश के अलग अलग राज्यों से लोग पहुंचे
झुंझुनूं पहली बार प्रदेश स्तरीय इज्तिमा हुआ है। इज्तिमा में देश के अलग अलग राज्य से मेहमान पहुंचे। निजामुद्दीन दिल्ली से उलेमा इकराम भी शामिल हुए। खाना पीने से लेकर सोने की 800 बीघा में व्यवस्था की गई थी। अस्थाई अस्पताल भी बनाया गया था। 6 हजार से ज्यादा वॉलंटियर खिदमत लगे हुए थे।