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बाल अधिकारिता विभाग ने किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन


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बाल अधिकारिता विभाग ने किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

बाल अधिकारिता विभाग ने किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : बाल अधिकारिता विभाग द्वारा गुरूवार को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविन्द कुमार ओला के निर्देशन में ’’परिवार हर बच्चे का अधिकार‘‘ एवं ‘‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान‘‘ के तहत कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जिले के 0 से 18 वर्ष तक की आयु के पारिवारिक देखरेख से वंचित बच्चों को व्यक्तिगत पालन पोषण देखरेख प्रदान करना है।

चाईल्ड हेल्प लाईन के जिला परियोजना समन्वयक महेश कुमार ने बताया कि ऐसे बच्चे जिनकी परित्यक्त माता मानसिक रूप से बीमार अथवा विशेष योग्यजन महिला है तथा मनोचिकित्सा केन्द्र में उपचाराधीन है या महिला सदन/नारी निकेतन में आवासरत है एवं अपने बच्चों की देखरेख करने में असमर्थ है। ऐसे माता पिता जो एच.आई.वी. एड्स/कुष्ठ रोग/थैलेसीमिया से ग्रसित होने के कारण शारीरिक एवं आर्थिक रूप से बच्चे के देखरेख में अक्षम है या उनकी मृत्यु हो चुकी है अथवा ऐसे बच्चे जो स्वयं उपरोक्त बीमारी से ग्रसित हैं तथा उनकी परिवार/निकट रिश्तेदारी में देखरेख करने वाला कोई नहीं है या ऐसे बच्चे देखरेख संस्थान में आवासरत है। ऐसे बच्चे जो परिवार में घरेलू हिंसा से पीड़ित/प्रभावित है या किन्हीं पारिवारिक स्थितियों के कारण जैविक परिवार में परवरिश संभव नहीं है। ऐसे बच्चे जिनके माता पिता कारागृह में विचाराधीन बंदी या सजायाफता हैं या जैविक परिवार में कोई देखरेख करने वाला नहीं है। ऐसे बच्चे जो अधिनियम की धारा 2(14) में परिभाषित देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे की श्रेणी में आते हैं।

इस जागरूकता कार्यक्रम में चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 बाल अधिकारिता विभागए झुंझुनूं की टीम ने बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बाल तस्करी, पोक्सो एक्ट और गुड टच. बैड टच के बारे में विस्तृत जानकारी दी। चाइल्ड हेल्पलाइन झुन्झुनूं के जिला समन्वयक महेश कुमार मांजू, काउन्सलर अरविन्द कुमार व केस वर्कर नरेन्द्र सिंह भाटी ने बच्चों को इन मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी अधिकारों और सुरक्षा उपायों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 24ग्7 हर समय बच्चों की सुरक्षा और उनकी मदद के लिए तैयार रहती हैए जिससे बच्चों को किसी भी प्रकार की हिंसाए शोषण और उत्पीड़न से बचाया जा सकता है।

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